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आतंक का अंत

Publised on : 28.10.2019    Time 17:55 ,Tags: ISIS, Islamic State, Abu Bakar Al Bagdadi, America, Seria, Irak

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार की सुबह जब एक ट्वीट करके यह कहा कि “ अभी-अभी कुछ बड़ा हुआ है” तो दुनिया में कई तरह की चर्चाएं शुरु हो गई थीं। लेकिन, इतना लोग निश्चित तौर पर कहने लगे थे, कि अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई करके सफलता पायी है। इस कार्रवाई का अनुमान भी लगभग दुनिया ने लगा लिया था कि इस बार आतंक के सरगना बगदादी Abu Bakar Al Baghdadiका खात्मा कर दिया गया है। दोपहर में व्हाइट हाउस में ट्रंप ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस उपलब्धि की जानकारी मीडिया को दे दी कि इस बार इस्लामिक स्टेट Islamic State के सरगना और खुद को स्वयंभू ‘खलीफा’ घोषित करने वाले अबू बकर अल बगदादी को अमेरिकी सैन्य बलो ने शनिवार  (26 अगस्त 2019) की रात मौत के घाट उतार दिया है। उसके तीन बेटे भी उसके साथ ही मारे गए हैं। ट्रंप ने बताया कि उसे यूएस फोजों ने उसे घेर लिया था। वह बचने के लिए भाग रहा था, चिल्ला रहा था। उसे अमेरिकी सेना द्वारा भेजे गए कुत्तों ने घेर लिया था। काफी दूर तक दौड़ कर वह एक सुरंग में घुसा और खुद को विस्फोटकयुक्त जैकेट से आत्मघाती विस्फोट करके उड़ा लिया। यह विस्फोट इतना घातक और तीव्र था कि उसके और उसके बेटों के चिथड़े उड़ गए। उसके शव को पहचानना भी मुश्किल था। बाद में शव के टुकड़ों का डीएनए टेस्ट करके पुष्टि की गई कि मारा गया व्यक्ति बगदादी ही था। अमेरीकी सेनाओ की स्पेशल टुकडियों ने उसे सीरिया के एक गांव में मारा, जहां वह काफी समय से छिप कर अपने परिवार के साथ रह रहा था। बगदादी पिछले डेढ़ दशक में खाड़ी देशों में आतंक का पयार्य बन चुका था। उसने इस्लाम के विस्तार और उसकी सत्ता पूरी दुनिया में स्थापित करने का सपना देखा था। वह पूरी दुनिया में खूंख्वार आतंकी घटनाओं के नाम पर दहशत फैला रहा था। आईएसआईएस से जुड़े आतंकवादी खतरनाक और दिल दहला देने वाली घटनाओं को  अंजाम  देते थे। वे लोगों को पकड़ कर समूह में कत्लेआम करते थे, एक लाइन में खड़े करके गोली मारना, लोगों की गर्दनें काटकर मारना उनके लिए आम बात थी। गर्दन काटने की घटनाओं का वह वीडियो बनवाता था और उसे वायरल करता था। ताकि लोगों के  मन में आईएसआईएस का आतंक पैदा हो सके। उसने कई बार अपने लोगों को निर्देश दिये कि लोगों की एक साथ गर्दन रेती जाए। ऐसी क्रूर  घटनाओं से समूचा ईराक और सीरिया के वह क्षेत्र जिसमें वह सक्रिय था , थर्रा रहा था। बगदादी के आतंकवादियों ने सबसे ज्यादा जुल्म मुसलमानों पर ही किये। वह कट्टरवादी विचारधारा का समर्थक और पोषक था। जो लोग उसकी इस विचारधारा का विरोध करते थे या उसका समर्थन नहीं करते थे । उन्हें क्रूर मौत दे दी जाती थी।  बगदादी पूरी दुनिया में अपना जाल फैलाना चाहता था। उसने भारत में भी नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश की थी। कुछ हिस्सों से मुस्लिम युवक उसके संगठन में शामिल होने पहुंचे भी थे। किन्तु उनकी संख्या बहुत कम रही। हालांकि आईएसआईएस में पूरी दुनिया से मुस्लिम युवकों की भर्ती की गई थी।  वह ओसामा बिन लादेन से भी बड़ा आतंकी सरगना बन गया था।  उसने सीरिया के एक हिस्से पर कब्जा करके बड़ी सम्मति भी अर्जित की थी। उसकी नजर खाड़ी के तेल ठिकानों पर कब्जा करने पर थी।  वह समूची  मानवता के लिए खतरा बन गया था। लेकिन, अमेरिका ने उसे ओसामा बिन लादेन की तरह एक गुप्त और बड़ा अभियान चलाकर मरने के लिए मजबूर कर दिया। बगदादी का अंत दुनिया में आतंक के खिलाफ एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन, जरूरी यह भी है कि बगदादी की विचारधारा को भी आगे बढ़ने से रोका जाए। क्योंकि यह एक खतरनाक विचारधारा है और इसका धर्म से कोई मतलब नहीं है। यह  विश्व शांति, सभ्यता और संस्कृति के लिए बड़ा खतरा है। इस विचारधारा के खिलाफ विश्व के शांति प्रिय देशों को एकजूट होने की भी जरूरत है।

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आनन्दीबेन की अनुत्तरित टिप्पणी
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