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  आजमगढञ  
 

 
Azamgarh
Candidate Party Votes
MULAYAM SINGH YADAV Samajwadi Party 340306
RAMAKANT YADAV Bharatiya Janata Party 277102
SHAH ALAM ALIAS GUDDU JAMALI Bahujan Samaj Party 266528
ARVIND KUMAR JAISWAL Indian National Congress 17950
M. AMIR RASHADI Rashtriya Ulama Council 13271
MADAN All India Trinamool Congress 5207
SHAMSHAD AHMAD Independent 4875
SANJAY KUMAR CHATURVEDI Indian Savarn Samaj Party 4051
SANTOSH KUMAR GAUTAM Manavtawadi Samaj Party 3866
PRAMOD SINGH Independent 3752
SANJAY CHAUHAN Independent 3517
RAJESH YADAV Aam Aadmi Party 3082
RAM SINGH CHAUHAN Independent 2507
PRAKASH CHANDRA Sanatan Sanskriti Raksha Dal 2103
SUGRIV CHAUHAN Independent 1882
RAJDHARI RAJBHAR Moolniwasi Samaj Party 1695
DURG VIJAY YADAV Bahujan Mukti Party 1566
KIRAN SHARAMA Bhartiya Shakti Chetna Party 1298
None of the Above None of the Above 5660
Home>News>Election.14>Azamgarh
भाजपा और बसपा के सियासी चक्रब्यूह में फंसे मुलायम सिंह यादव
Publised on : 08 May 2014  Time 15:56

आजमगढ़,08मई। देश के आम चुनाव के आखिरी चरण में पूर्वी उत्तर की जिन 18 लोक सभा सीटो पर मतदान होना है उसमे कईं राष्ट्रीय और प्रादेशिक नेताओ कि प्रतिष्ठ दाँव पर है जिसम प्रमुख सीट आजमगढ़ लोकसभा है जहां से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव विपक्षियों की सियासी चाल मंे उलझते नजर आ रहे है। उनके सियासी विरोधी उनकी कमजोर नस पर हाथ रख उनके मूल वोट बैंक मुस्लिम-यादव समीकरण को जहां तितर-वितर करने आमादा है वही अन्य जातियोँ को भी लागातार उनसे दूर करने की कोशिश कर उनकी राह मे कांटें विछा रहीं है ।
आखिरी चरण के चुनाव मे मुलायम सिंह यादव को पहली बड़ी चुनौती कभी उनके ही झंडाबरदार रहे और आजमगढ़ से चार बार के बाहुबली सांसद रमाकांत यादव दे रहे है जो न सिर्फ यहां यादव जाति के लोकप्रिय नेता है बल्कि उनके सपा छोड़ने के बाद लोकसभा के चुनाव मे सपा कमजोर होती गयी और पिछले दो लोक सभा चुनावों मे रमाकांत यादव के मुकाबले सपा के कद्दावर मत्रीगण बलराम यादव और दुर्गा प्रसाद यादव तीसरे स्थान पहुच गये । यहाँ का यादव मतदाता विधान सभा चुनाव मे भले सपा को वोट दे, लेकिन लोक सभा के चुनाव रमाकांत उनके सिरमौर रहे चाहेँ भले ये किसी दल से हो । अबकी बार रमाकांत को मोदी लहर का लाभ ले रहे है तो यादवो के बीच सीधे मुलायम को ललकार रहे है और उनसे कह रहे है कि ‘आजमगढ़ में नेवासा नही देना है, मैं आप का बेटा हूँ ।‘ यही नहीं बसपा सुप्रीमो मायावती भी अपनी रैली मे यह कहकर यादवो को ललकार गयी कि ‘यादव समाज कब तक मुलायम सिंह के परिवार कि मानसिक गुलामी करता रहेगा उसे अपना स्थानीय प्रत्याशी चुनना चाहिए क्यो कि मुलायम चुनव जितने के बाद यह सीट अपनी दूसरी पत्नि के पुत्र प्रतीक यादव को दे देंगे । जिससे यहाँ का यादव मतदाता भ्रमित और विभाजित है ।
यादव के बाद मुलायम सिंह का मजबूत दावा मुस्लिम वोट बैंक पर है । जहा बसपा ने मुस्लिम समाज के प्रत्याशी और मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को मैदान मे ऊतार कर पहले ही बढत बना ली है । वही उलेमा कौंसिल के प्रत्याशी राष्ट्रिय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी भी मुलायम का खेल बिगाड़ रहे है। तो अलीगढ मुस्लिम युनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन का दल भी आजमगढ़ मे कैंप कर मुसलमानो से मुलायम सिंह को हराने की पुरजोर अपील कर रहा है ।
भाजपा नेता अमित शाह का आजमगढ़ कि रैली मे विवादित भाषण कि ‘आजमगढ़ आतंकवादियों का अड्डा है‘ के बाद मायावती कि लखनऊ के प्रेस कॉन्फ्रेंस कि ‘आजमगढ़ का भाजपा प्रत्याशी रमाकांत यदव सबसे बडा आतँकवादी है।‘ से जहां अमित शाह ने ध्रुवीकरण करने की कोशिश की है वही मायावती ने मुस्लिम मतों को अपने पाले मे करने की पुरजोर कोशिश की है । ताकि मुस्लिम मतों के साथ उनका दलित वोट बैंक मिल कर न सिर्फ चुनाव जीत सके बल्कि उनके धुर सियासी विरोधी मुलायम सिंह यादव को करारी शिकस्त मिले ।
मुलायम सिंह के मुस्लिम .यादव एम और वाई समीकरण को तोड़ने और तीतर.वितर करने के लिए बसपा, भाजपा और उलेमा कॉउंसिल जंहा हर संधी चॉल चल रहे है। वही मुलायम सिंह खेमा अभी तक दो कदम आगे और चार कदम पीछे कि स्थित मंे है । समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुस्लिम चेहरें और महाराष्ट्र ईकाई के अध्यक्ष अंबु हासिम आजमी मुस्लमानों के ड़ी ० एन ० ए ० टेस्ट वाले बयान के भारी विरोध के बाद जहां बैक फूट पर नजर आये, वही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी मे नामांकन के समय दिये बयानं कि ‘जीतने बाद मैनपुरी सीट नही छोड़ूगा‘ पर अब आजमगढ़ मे पूरी सपा बैक फूट पर है और सफाई दे रही है ‘नेता जी आजमगढ़ सीट नहि छोड़ेंगे।‘ इन विवादस्पद बयानों से आजमगढ़ की जनता मे सपा को लेकर संशय बना हुआ है ।
दलित,यादव और मुस्लिम मतों के बाद यहां निर्णायक १७ प्रतिशत मतों वाला सवर्ण मत है । जिसमे से प्रमुख क्षत्रिय मतदाता आजमगढ़ के मूल निवासी अमर सिंह के सपा से जाने के बाद कटा तो जरूर लेकिन असली चोट तब लगी जब यहां के सगड़ी विधान सभा सीट से पूर्व विधायक और बसपा नेता सर्वेश सिंह सीपू उनके साथी भरत राय के साथ दिनदहाड़े कुछ माह पूर्व गोली मार कर हत्या कर दी गयी । उसके बाद भड़की हिंसा मे पुलिस गोलीबारी मे तीन लोग मारे गये और दो दर्जन घायल हो गये थे। इस घटना के बाद यहाँ का क्षत्रिय समाज काफी मर्माहत है ।
अपनी रैली मे मायावती ने कुशल राजनीतिज्ञ की तरह क्षत्रीय समाज के घाव को कुरेदा । मायावती कहती है ‘सपा सरकार में मेरी पार्टी के बड़े क्षत्रिय नेता कि ह्त्या हुई है जिस्का बदला क्षत्रिय समाज को इस चुनाव में लेना है।‘
बसपा और भाजपा के बीव त्रिकोणीय लङाई मे फँसे सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव कि जीत और हार का फैसला तो 16 मई को होगा लेकिन बसपा और भाजपा कि घेराबंदी मंे जातीय समीकरण, मुजफ्फर नगर दंगो के बाद मुसलमानो के बीच अविश्वास कि खाई व स्वजातीय यादव समाज मे रमाकांत यादव की सेंध और क्षत्रियो की नाराजगी मुलायम की पेशानी पर बल दे रहे है।

आजमगढ़ की सियासी धारा को मोडेगे मुस्लिम मतदाता
मुलायम की प्रतिष्ठा दाँव पर
Publised on : 01 April 2014 Time: 20:22

बृजनन्दन यादव

लखनऊ 31 मार्च पूर्वांचल में नरेंद्र मोदी की लहर को थामने के लिए सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ सीट से चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी ने भी आजमगढ़ से मुलायम के खिलाफ ताल ठोंककर उनके दावों पर पानी फेर दिया है। ऐसे में यहां मुलायम की प्रतिष्ठा जहां दांव पर लग गई है वहीं भाजपा के रमाकान्त यादव अपनी हैक्ट्रिक लगाने की तैयारी में हैं।

उलेमा कौंसिल के मौलाना आमिर ने सपा पर आरोप लगाया है कि मुलायम सिंह यादव ने हमेशा मुसलमानों के साथ छल किया है। उन्होंने कहा है कि सपा ने मुस्लिमों का वोट तो लिया है लेकिन उनके हित में कोई काम नहीं किया हैं। उलेमा कौंसिल के इस पैंतरेबाजी ने आजमगढ़ में सपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उलेमा कौंसिल का कहना है कि अगर मुलायम सिंह नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लडे़ तो हम उनका समर्थन करेंगे। आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर रमाकांत यादव सांसद हैं और प्रत्याशी भी हैं। वैसे भी आजमगढ़ में रमाकांत को हराना आसान नहीं है ऐसे में जब मौलाना आमिर रशादी खुद चुनाव लडें़गे तो सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के किये कराये पर पानी फिर सकता है और उनकी आजमगढ़ सीट फंस सकती है।

रमाकांत यादव सपा वाया बसपा होकर भाजपा में आये हैं। उनकी छवि क्षेत्र में दबंग नेता की है और नीचे तक पहुँच भी है। यादवों में सर्वमान्य नेता भी वह हैं यही कारण है कि उनके खिलाफ मुलायम के सिवा किसी अन्य ने लड़ने की जहमत नहीं उठायी। मुलायम सिंह ने इस सीट के लिए वरिष्ठ सपा नेता कैबिनेट मंत्री बलराम यादव और दुर्गा प्रसाद यादव से लड़ने के लिए कहा था लेकिन दोनों नेताओं ने रमाकांत यादव के खिलाफ लड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई। सो मुलायम सिंह यादव ने मोदी लहर को रोकने और अपने छोटे बेटे प्रतीक यादव के लिए सियासी जमीन बनाने के लिए खुद आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। सपा इस सीट से अपने नेता को लड़ाकर एक साथ दो निशाना लगाना चाहती है। पहला पूर्वांचल में मोदी का असर कम होगा और दूसरे एक प्रतीक के लिए मैदान में तैयार हो जायेगा। आजमगढ़ से मुलायम के ताल ठोंकने पर यादव मतदाता असमंजस में पड़ गये हैं। उनके मन में दोनों के प्रति सम्मान है।

माना जाता है कि इस क्षेत्र में रमाकांत को पिछड़ों औैर दलितों का वोट भी मिलता है। इसलिए उनको हराना आसान नहीं होता है। वह चाहे जिस दल से लड़ें संसद भवन पहुँचने में सफल हो जाते हैं। इस बार मुलायम सिंह के लड़ने से उनकी सीट फंसती नजर रही है। भाजपा प्रत्याशी से ज्यादा खतरा उन्हें बसपा और उलेमा कौंसिल से है।रमाकांत यादव 1996 और 1999 में सपा,2004 में बसपा और 2009 में भाजपा के टिकट पर संसद भवन पहुँच चुके हैं।

रमाकांत यादव को तगड़ी चुनौती देने के लिए इस बार बसपा ने नई पारी खेलते हुए स्थानीय विधायक गुड्डू जमाली को पार्टी का टिकट थमाया है। अभी तक इस सीट पर भाजपा और बसपा में ही मुकाबला माना जाता था लेकिन हाल के बदले राजनीतिक घटनाक्रम ने सियासी समीकरण बिगाड़ दिया है। ऐसे में उलेमा कौंसिल या बसपा की ओर मुस्लिमों का झुकाव सपा के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। 2012 के विधानसभा चुनावों पर अगर नजर डालें तो इस लोकसभा के अन्तर्गत आने वाली पाँच विधानसभाओं में से चार पर सपा और एक मात्र विधानसभा मुबारकपुर पर बसपा का कब्जा है। जहां से गुड्डू जमाली बसपा से विधायक हैं और लोकसभा प्रत्याशी भी हैं। जानकारों के अनुसार गुड्डू जमाली की विशेष राजनैतिक साख नहीं है लेकिन धनाड्य व्यक्ति हैं और धनबल के सहारे ही बसपा के टिकट पर 2012 में विधानसभा चुनाव जीतने में सफल हुए थे। इस बार लोकसभा चुनाव में भी वह धनबल का जलवा दिखायेंगे।

 मुताबिक इस बार आजमगढ़ का मुस्लिम मतदाता सपा, बसपा और उलेमा कौंसिल तीनों तरफ जायेगा लेकिन अधिकांश मुस्लिमों का झुकाव बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली की तरफ होगा। सपा जिले के अपने चार विधायकों और परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव और मुस्लिम मतदाताओं के सहारे मैदान में है तो बसपा प्रत्याशी भी दलित और मुस्लिम वोटबैंक के सहारे मैदान मारने की फिराक में है। वहीं उलेमा कौंसिल चुनाव तो नहीं जीत सकती लेकिन दूसरी पार्टियों का गणित बिगाड़ सकती है। इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा बाहुबली सांसद रमाकान्त यादव क्षेत्र में व्यक्तिगत छवि, सवर्ण सपोर्ट और मोदी लहर के सहारे जीत की हैट्रिक लगाना चाहते हैं।

विधानसभा          विधायक नाम        पार्टी                 

सदर                 दुर्गा प्रसाद यादव       सपा      

मेेह नगर          बृजलाल सोनकर        सपा

गोपालपुर            वसीम अहमद          सपा

सगड़ी               अभय नारायण पटेल    सपा

मुबारकपुर             गुड्डू जमाली         बसपा

जातिगत समीकरण

अनुसूचित जाति/जनजाति         23 प्रतिशत

अन्य पिछड़ा वर्ग                  19 प्रतिशत

अल्पसंख्यक                      16 प्रतिशत

सवर्ण                             12 प्रतिशत

अन्य                             30 प्रतिशत

कब किसने मारा मैदान

2009           रमाकान्त यादव         भाजपा

2008           अकबर अहमद डम्पी     बसपा

2004           रमाकान्त यादव          बसपा

1999           रमाकान्त यादव          सपा

1998           अकबर अहमद डम्पी     बसपा

1996           रमाकान्त यादव          सपा

1991           चन्द्रजीत                जनता दल

1989           राम कृष्ण यादव         बसपा

1984           संतोष कुमार सिंह       कांग्रेस

1980           चन्द्रजीत               जेएनपी

1978           मोहसिना किदवई        कांग्रेस

1977           राम नरेश              बीएलडी

1971           चन्द्रजीत               कांग्रेस

1967           चन्द्रजीत               कांग्रेस

1962           राम हरख              कांग्रेस

1957           कालिका               कांग्रेस

1957           विश्वनाथ प्रसाद         कांग्रेस

2009 लोकसभा चुनाव में दलीय स्थिति

पार्टी           प्रत्याषी नाम     प्राप्त मत

भाजपा               रमाकान्त यादव         247648  विजयी

बसपा                अकबर अहमद डम्पी     198609

सपा                 दुर्गा प्रसाद यादव          123844

आईएनडी            डा. जावेद अख्तर         59270

कांग्रेस               संतोष कुमार सिंह         31159

आईएनडी            दान बहादुर यादव         10536

सीपीएम              अरूण कुमार सिंह        7088

आईएनडी              राम सिंह                5453

जनवादी पार्टी         विनोद                    4168

लोकप्रिय समाज पार्टी  जय राम प्रजापति      3825

निर्दल                केदार नाथ गिरि          2239

निर्दल                राम उजागिर             1834

 निर्दल                खैरूल बसर             1544

 निर्दल                उसमाना फारूकी       1438

दुर्गा प्रसाद और बलराम यादव की निकल चुकी है हवा

उत्तर प्रदेश सरकार में मौजूदा कैबिनेट मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव और बलराम यादव की आजमगढ़ में हवा निकल चुकी है। सपा ने दुर्गा प्रसाद यादव और बलराम यादव को बारी-बार से लोकसभा चुनाव लड़ाया लेकिन दोनों नेता हार गये। 2007 में हुए उपचुनाव में तो सपा उम्मीदवार बलराम यादव तीसरे स्थान पर पहुँच गये। इस बार भी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने दोनों नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए कहा लेकिन दोनों नेता ने मना कर दिया।

लगातार चार बार हार चुकी है सपा

आजमगढ़ संसदीय सीट पर समाजवादी पार्टी पिछले चार लोकसभा चुनावों से लगातार हार रही है। इसीलिए इस बार सपा ने आजमगढ़ सीट को अपनी झोली में डालने के लिए पहले से ही सारे कील कांटे दुरूस्त किये हैं। यहाँ से बलराम यादव और दुर्गा प्रसाद यादव को कैबिनेट मंत्री, वसीम अहमद को राज्यमंत्री, राम दुलार राजभर को अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम का अध्यक्ष, राम आसरे विश्वकर्मा को पिछडा वर्ग आयोग का अध्यक्ष और नफीस अहमद को रेशम विभाग का सलाहकार बनाया गया है। इसी समीकरण  के सहारे सपा यह सीट किसी भी कीमत पर जीतना चाहती है।

उमाकांत यादव ने दर्जनों गांवों में किया जनसम्पर्क

Publised on : 30  March 2014 Time: 23:24

जौनपुर 30 मार्च। जौनपुर संसदीय सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोंकने वाले पूर्व सांसद उमाकांत यादव का जनसम्पर्क अभियान काफी तेज हो गया है। वह अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सदर लोकसभा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में जाकर क्षेत्रीय लोगों ने सीधे सम्पर्क किया।

इस मौके पर पूर्व सांसद श्री यादव ने कहा कि हमने हर समय सामंतवादी विचारधारा के लोगों से लड़ाई लड़ी है और आगे भी हरसंभव लड़ेंगे। चाहे हमें कुछ भी करना हो। उन्होंने नगर से सटे मुरादगंज, सीहीपुर, पकड़ी, फतेहगंज, बाहरपुर, पोखरियापुर, लाला बाजार, हनुमानगंज सहित अन्य गांवों में जनसम्पर्क किया। इस दौरान उनके साथ लक्ष्मी चैहान, लालजी यादव, उमा यादव, चन्दू यादव, चन्द्रभूषण यादव, राजेश यादव, इम्तियाज हैदर, सजल यादव, पंकज यादव, दिलीप यादव, नन्हकू यादव, राममिलन यादव सहित सैकड़ों समर्थक उपस्थित रहे।

22 अप्रैल को मुलायम सिंह यादव करेगे नामांकन - बलराम यादव
Tags: UP News, Azamgarh MP Constituency
Publised on : 29  March 2014 Time: 23:20

आजमगढ, 29 मार्च। जिले के आईटीआई मैदान में सभा को सम्बोधित करते हुए पंचयती राज मंत्री बलराम यादव ने कहा कि सपा के राश्टीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव 22 अप्रैल को आजमगढ़ जिले में आयेगें। जहां वे अपना नामांकन करने के साथ ही आईटीआई मैदान में ही एक सभा को सम्बोधित कर सकते है।
बता दे कि सपा के राश्टीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के आजमगढ़ जिले से चुनाव लड़ने की घोशणा के बाद जल्द से जल्द जिले में आने की अफवाहो ने जोर पकड़ रखा था जिसे पंचायती राज मंत्री ने विराम लगाते हुए 22 अप्रैल को जिले में आने की घोशणा की। 

Notification: 17.04.2014
Nomination: 17-24 April 14
Withdrawal: 28.04.2014
Polling: 12.05.2014
Counting: 16.05.2014

   Candidate

मुलायम सिंह यादव - सपा
 
 
   
 
 
                               
 
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