Lucknow
लखनऊ/ Moradabad मुरादाबाद, 11 अप्रैल।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह
यादव ने लोकसभा चुनाव के लिए एक जनसभा को
सम्बोधित करते हुए बलात्कारियों का समर्थन
कर दिया। लेकिन नेता जी ऐसा क्यों किया?
उन्हें रेपिस्ट को बचाने की याद मुलादाबाद
मण्डल में ही क्यों आयी। क्या नेता जी
गुण्डों, अपराधियों के भी वोटों पर नजर
लगाए हुए हैं। क्या उन्हें लगता है कि
आवारा वर्ग भी काफी बड़ा है, और वोट उनके
भी हैं। यह वर्ग ऐसा भी है कि पोलिंग बूथ
पर बबाल करके सपा को कुछ फायदा भी पहुंचा
सकता है।
यहां एक सवाल और है
जोकि अंग्रेजी दैनिक टाइम्स आफ इण्डिया ने
उठाया है। टाइम्स ने लिखा है कि मुलायम
सिंह ने रेपिस्ट को बचाने की बात कहते हुए
मुम्बई मिल काण्ड का जिक्र किया है। इस
मामले में टीवी पत्रकार के साथ सामूहिक
दुष्कर्म हुआ था। मामले में फास्ट ट्रैक
कोर्ट ने तीन बलात्कारियों को फांसी की सजा
सुना दी है। जिन तीन युवकों को फांसी की
सजा सुनाई गई है, उनमें से दो मुसलमान
हैं। क्या वह मुस्लिम फैक्टर के चलते
बलात्कारियों को बचाने की बात कह गए। यहां
यह भी उल्लेखनीय है कि मुरादाबाद संसदीय
क्षेत्र पर भारी संख्या में मुसलमान वोट
हैं। उन्होंने अपने भाषण में बलात्कारियों
को सामान्य सजा देने की बात कही है।
मुरादाबाद के अलावा
रामपुर और संभल सीट पर भारी संख्या में
मुसलमान वोट हैं। उन्हें अब सिर्फ मुसलमानों
का आसरा है। क्योंकि समाज के अन्य वर्ग से
सपा की दूरियां बढ़ चुकी हैं।
ज्ञातव्य है कि उन्होंने मुरादाबाद में सपा
प्रत्यशी डा. एसटी हसन के समर्थन में यह
सभा आयोजित की थी। उन्होंने यहां 10
अप्रैल को आयोजित सभा में कह दिया कि
बलात्कारियों को फांसी की सजा नहीं होनी
चाहिए। उन्होंने इतना ही नहीं कहा बल्कि
यह भी कह दिया कि कभी-कभी लड़को से गल्तियां
हो जाती हैं। इन गल्तियों के लिए उन्हें
फांसी नहीं दे दी जानी चाहिए।
बयान से हुई
बलात्कारियों की हौसला अफजाई
मुलायम सिंह यादव
के बयान से बलात्कारियों, शोहदों और राह
चलती लड़कियों से छेड़छाड़ करने वालों की
हौसला अफजाई हुई है। क्योंकि मुलायम सिंह
यादव उस पार्टी के मुखिया हैं, जिसकी
सरकार प्रदेश में चल रही है। इससे यह
संदेश भी जाएगा कि प्रदेश में सपा की
सरकार की यह नीति है कि बलात्कारियों
अपराधी नही माना जाएगा। बल्कि यह मान लिया
जाएगा कि यह मामूली गलती है। प्रदेश पहले
से ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर
स्थिति में है। अब नेता जी के बयान ने
स्थिति को और अधिक बिगड़ने के लिए मौका
दिया है। मुरादाबाद मण्डल में पहले से ही
कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खऱाब है।
लड़कियों. महिलाओं के साथ छेड़छाड़
दुष्कर्ष की घटनाएं भारी संख्या में हुई
हैं।
पहले भी दिया है
रेप पर विवादित बयान
मुलायम सिंह यादव
ने पहले भी रेप पर विवादित बयान दिया है।
दिल्ली काण्ड के बाद उन्होंने पूर्वांचल
के एक कार्यक्रम में कहा था कि बलात्कार
की पीडिता को वह मुआवजा दे देगे। उनके इस
बयान पर भी काफी हंगामा मचा था। उन्होंने
तब भी बलात्कार के लिए महिलाओं को ही दोषी
ठहराया था। उन्होंने बलात्कार को उस समय
भी गंभीर अपराध नहीं माना था।
बयान अदालती
कार्यवाही में हस्तक्षेप
मुरादाबाद में
बलात्कार की सजा पर मुलायम सिंह यादव
द्वारा की गई टिप्पड़ी अदालत की कार्यवाही
में हस्तक्षेप है। उन्होंने बलात्कार की
सजा और फैसले पर टिप्पड़ी करके अदालत की
अवमानना की है। क्योंकि यादव ने जहां
बलात्कार को भूल करार दिया वहीं यह भी कहा
कि कोर्ट को फांसी की सजा नहीं
सुनानी चाहिए थी। किसी जज के फैसले को
उचित अनुचित बताना अदालत की अवमानना की
श्रेणी में आता है। बहरहाल उनके इस बयान
से प्रदेश सरकार और शासन के सामने भी
मुसीबत खड़ी हो गई है। क्योंकि बलात्कार
के मामले में अब अफसर भी यह देखने लगेगे
कि प्रदेश में सरकार चला रही पार्टी की
नीति क्या है।
महिला विरोधी हैं मुलायम सिंह
मुलायम सिंह यादव
महिला विरोधी हैं। उन्होंने संसद और विधान
सभाओं में महिलाओं के आरक्षण विधेयक का भी
विरोध किया है। जिन लोगों के विरोध के चलते
महिला आरक्षण बिल पारित नहीं हो सका है।
उनमें मुलायम सिंह यादव सबसे आगे थे।
उन्होंने महिलाओं को उनके अधिकार मिलने का
इस आधार पर विरोध किया कि महिलाएं ठीक से
काम नहीं कर पाएगीं।
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