लखनऊ।
(उ.प्र.समाचार सेवा)।
अंततः भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर
प्रदेश में अपने नए प्रदेश अध्यक्ष
का ऐलान कर दिया. उत्तर प्रदेश के
नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में केशव
प्रसाद मौर्या के नाम की घोषणा की
गयी. केशव प्रसाद मौर्या इस समय
फूलपुर से सांसद हैं. 2014 के लोकसभा
चुनाव में इन्होने मोदी लहर में
फूलपुर से चुनाव जीता. मौर्या मूलतः
पार्टी के संगठन के लिए एक लम्बे
समय से काम करते रहे हैं. मौर्या
श्रीराम मंदिर आन्दोलन में सक्रिय
भूमिका में रहे. इन्होने विश्व
हिन्दू परिषद, बजरंग दल और भारतीय
जनता पार्टी के संगठन में कई पदों
का निर्वहन किया है. श्याम लाल
मौर्य के पुत्र केशव राम मौर्य का
जन्म 7 मई 1969 को कौशाम्बी जिले के
सिराथू में हुआ था. इन्होने हिन्दी
साहित्य सम्मलेन से साहित्य रत्न (बी.ए.)
किया है. केशव प्रसाद मौर्य का
शुरुआती जीवन गरीबी में बीता.
खेती-किसानी की, चाय बेचा और अंततः
राजनीति में एक मुकाम हासिल करने
में कामयाब हुए.
खबरों के अनुसार भाजपा हाईकमान ने
मौर्या को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर एक
तो पिछड़ी जाति के वोट बैंक में
सेंध लगाकर सोशल इंजीनियरिंग को
मजबूत करेगी वहीं, दूसरी तरफ उनके
नाम को आगे लाकर पार्टी में गुटबाजी
को ख़त्म करने का प्रयास भी किया गया
है. मौर्या भाजपा के हार्डलाइनर
नेताओं में से एक माने जाते हैं और
उन्हें हमेशा विहिप और आरएसएस का
समर्थन मिलता रहा है. पहली बार
लोकसभा का चुनाव जीते मौर्या
इलाहबाद में 2011 में हुई मोहम्मद
गौस की हत्या में आरोपी भी हैं और
केस अभी भी विचाराधीन है. कोर्ट में
पुलिस ने मौर्या के खिलाफ चार्जशीट
दी थी. भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर
पाठक ने कहा है कि मौर्या भाजपा के
काफी सक्रिय नेता रहे हैं और उनके
नेतृत्व में पार्टी 2017 का चुनाव
लड़ेगी और बड़ी जीत हासिल करेगी.
कौशांबी के गांव में चाय बेचने वाले
के बेटे केशव पहले करोड़पति बने,
फिर ऐतिहासिक वोट हासिल कर सांसद बने
और अब प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद
की जिम्मेदारी. केशव मौर्य कौशांबी
के सिराथू के कसया गांव के रहने वाले
हैं. उनके पिता श्याम लाल वहीं चाय
की दुकान चलाते थे. केशव की
प्राथमिक शिक्षा दीक्षा भी गांव में
ही हुई. कहते हैं कि बचपन में केशव
पिता की दुकान चलाने में मदद करते
थे और अखबार भी बेचते थे. लोकसभा
चुनाव के दौरान नामांकन के समय दिए
गए हलफनामे के मुताबिक केशव दंपति
पेट्रोल पंप, एग्रो ट्रेडिंग कंपनी,
कामधेनु लॉजिस्टिक आदि के स्वामी
हैं. साथी ही जीवन ज्योति अस्पताल
के पार्टनर हैं.
विहिप कार्यकर्ता के रूप में केशव
18 साल तक गंगापार और यमुनापार में
प्रचारक रहे. साल 2002 में शहर
पश्चिमी विधानसभा सीट से उन्होंने
भाजपा प्रत्याशी के रूप में
राजनीतिक सफर शुरू किया. उन्हें बसपा
प्रत्याशी राजू पाल ने हराया था.
इसके बाद साल 2007 के चुनाव में भी
उन्होंने इसी विधानसभा क्षेत्र से
चुनाव लड़ा. इस बार भी उन्हें जीत
तो हासिल नहीं हुई. 2012 के चुनाव
में उन्हें सिराथू विधानसभा से जीत
मिली. यह सीट पहली बार भाजपा के खाते
में आई थी. दो साल तक विधायक रहने
के बाद केशव ने फूलपुर सीट पर भी
पहली बार भाजपा का झंडा फहराया. मोदी
लहर में इस सीट पर 503564 वोट हासिल
कर एक इतिहास बना दिया.