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उरई में पानी को लेकर बवाल, जेल रोड पर लगाया जाम
Publised on : 11 April 2016,  Last updated Time 22:13

उरई। घरों में पानी न पहुंचने से आक्रोशित लोगों ने सोमवार को सुबह जेल रोड पर रामकुंड के सामने जाम लगा दिया। जिससे दर्जनों गाड़ियों की कतार लग गई। जाम की सूचना के बाद डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट को पुलिस फोर्स के साथ मौके पर भेजा। लगभग पौन घंटे की मशक्कत के बाद सिटी मजिस्ट्रेट के टैंकरों से पानी की आपूर्ति के आश्वासन पर फिलहाल भरोसा जताते हुए लोग जाम खोलने पर राजी हुए।
जेल रोड के आसपास हजारीपुरा, करसान रोड और जेल के पीछे की बस्ती में पानी का संकट फरवरी के महीने से ही शुरू हो गया था। लेकिन प्रशासन की उदासीनता की वजह से लोगों की इस संबंध में दरख्वास्तों के साथ खिलवाड़ होता रहा। अधिकारी हैंडपंपों के रीबोर और नलकूपों में काॅलम पाइप डालने के नाम पर बजट निकालकर जेबें गरम करते रहे लेकिन धरातल पर कोई काम नही कराया गया। इसका नतीजा है कि अब पारा चढ़ते ही पानी की त्राहि-त्राहि मचनी शुरू हो गई है। जिला मुख्यालय पर यह आलम है तो सुदूर क्षेत्रों में हालत क्या होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
लोग मरता क्या न करता की हालत में हैं। जेल रोड पर आज लगाये गये जाम में महिलाएं बच्चे तक शामिल थे जो इस मूड में थे कि अगर प्रशासन ने उन्हें हटाने के लिए जबर्दस्ती की तो उससे निपट ही लिया जायेगा। लेकिन अधिकारियों ने समझदारी दिखाई। उन्होंने ऐसा कोई कदम नही उठाया जिससे भीड़ को और भड़कने का मौका मिले। सिटी मजिस्ट्रेट पीके सक्सेना ने आश्वासन दिया कि कल से प्रभावित मोहल्लों में दो-दो टैंकर सुबह-शाम भेजने की व्यवस्था की जा जायेगी। इसके बाद लोगों ने जाम तो हटा लिया लेकिन यह भी साफ-साफ बता दिया कि अगर इस आश्वासन पर अमल नही दिखाई दिया तो वे लोग फिर सड़कों पर उतरने से नहीं हिचकेगें। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि इस बार उनका आंदोलन ऐसा होगा जिससे अधिकारियों को समझ में आ जायेगा कि जनता का गुस्सा कैसा होता है।
उधर सयाने आज शहर में पेयजल के मुददे पर लगे जाम को पकती हांडी के नमूने का एक चावल बता रहे हैं। एसपी को आगाह कि जा रहा है कि वे इसकी गंभीरता को समझते हुए दस्यु समस्या के दौर में जिले में रिजर्व रखी जाने वाली पीएसी की व्यवस्था फिर बहाल करायें। क्योकि पानी के मुददे पर जिले में किसी दिन कानून व्यवस्था की स्थिति किसी भी हद तक खराब हो सकती है। जल निगम और जल संस्थान के अधिकारी अपनी हरकतों से बाज नही आने वाले। चंूकि हालातों से निपटना पुलिस को ही है इसलिए पुलिस को अपना बदंोबस्त मुकम्मल कर लेना चाहिए। डीजी हैडक्वार्टर से प्लास्टिक की गोलियां, मिर्ची बम, आंसू गैस आदि की पर्याप्त मात्रा अग्रिम मंगाकर रख लेना चाहिए। हालांकि पिछले वर्ष दो लड़कियों के गायब होेने के मामले में दंगा कंट्रोल के लिए उक्त उपकरणों के प्रयोग के समय पुलिस को छलावे का शिकार होना पड़ा था। चूंकि पुलिस हैडक्वार्टर में भी कमीशनखोर गुरुओं की कमी नही है जिससे मौके पर दंगा निरोधक सामान की घटिया क्वालिटी उजागर हो गई थी।

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News source: UP Samachar Sewa

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