उरई।
(उप्रससे)।
छुआछूत की भावना
दिखाने के कारण जिलाधिकारी संदीप कौर ने कदौरा ब्लाक के
खुटमिली गांव में परिषदीय स्कूल के प्रधानाध्यापक अनिल
कुमार कटियार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
जिलाधिकारी अंबेडकर जयंती से 24 अपै्रल को राष्ट्रीय
पंचायत दिवस तक भारत सरकार के निर्देश पर ग्राम सभाओं
में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के सिलसिले
में रविवार को सामाजिक समरसता कार्यक्रम के आयोजन का
जायजा लेने खुटमिली पहुंची थी। अवकाश के बावजूद परिषदीय
स्कूल में जिलाधिकारी के आगमन की वजह से बच्चों को इकटठा
कर लिया गया था। जिलाधिकारी ने जब बच्चों से बात की तो
उन्होंने बताया कि दलित होने के नाते प्रधानाध्यापक के
कहने से रसोइये द्वारा उन्हें फेंककर रोटियां दी जाती
हैं। जिलाधिकारी ने इस पर पहले तो रसोइयों को फटकार लगाई।
इसके बाद उन्होंने प्रधानाध्यापक के निलंबन का आदेश जारी
कर दिया।
बच्चों ने यह भी बताया कि प्रधानाध्यापक हर समय फोन पर
व्यस्त रहते हैं। जिससे उनकी पढ़ाई पर वे कोई ध्यान नही
दे पाते। जिलाधिकारी ने इस रवैये पर नाराजगी जताई। उधर
चैपाल में दलितों ने उन्हें बताया कि नये लगाये गये
हैंडपंपों से गंदा पानी निकलता है। लेकिन बीमारी का
जोखिम होते हुए भी मजबूरी में उन्हें यही पानी पीना पड़ता
है। पहले वे तालाब से पानी भर लेते थे लेकिन जातिगत्
दुर्भावना के कारण किसी ने दलित मोहल्ले के तालाब में
बिल्ली मारकर फेंक दी। जिससे इस तालाब का उपयोग संभव नही
रह गया है।
चैपाल के दौरान उस समय नाटकीय स्थिति पैदा हो गई जब एक
ग्रामीण कहने लगा कि अगर पानी की टंकी गांव में न बनवाई
गई तो वह अपनी जान दे देगा। इस पर पुलिस कर्मियों ने उसे
पकड़कर रोका। कहा कि जब डीएम साहब आपकी बात सुन रही हैं
तो ऐसा कहने की क्या जरूरत पड़ी। उसके शांत हो जाने के
बाद जिलाधिकारी ने समस्या के समाधान के लिए गांव के पांच
हैंडपंपों का रीबोर कराने और दो टैंकर नियमित रूप से
भेजने की व्यवस्था का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी बाद में
लोहिया गांव रैला पहंुचीं। उन्होंने इस दौरान विभिन्न
योजानाओं का जायजा लिया। उनके साथ जिला विकास अधिकारी व
अन्य अधिकारी भी थे।