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आजादी के बाद भी दूर नहीं हुई गैर बराबरी की व्यवस्था: मायावती
Tags: Chief Minister U.P. Mayawati
Publised on : 2011:08:15       Time 18:28                           Update on  2011:08:15       Time 18:28

लखनऊ, 15 अगस्त। (उप्रससे)। मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि देश में आजादी के बाद भी गैर बराबरी वाली व्यवस्था कायम है। इसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किय जा सका है। हमने आजादी के बाद की क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता अर्जित की है किन्तु अभी भी बहुस तारे लक्ष्य अधूरे हैं। सुश्री मायावती आज यहां विधान भवन पर ध्वजारोहण के बाद उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित कर रही थीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गम्भीरतापूर्वक सोचना चाहिये कि जिन उद्देश्यों के लिए हमने आजादी हासिल की थी, उन्हें पाने की दिशा में हम कितना सफल हुये हैं। मुख्यमंत्री ने देश में दलित एवं अन्य पिछडे वर्गों में समय-समय पर जन्मे महान सन्तों, गुरूओं और महापुरूषों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन महापुरूषों में भी खासतौर पर छत्रपति शाहूजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, नारायणा गुरू, बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं कांशीराम ने समतामूलक समाज व्यवस्था की स्थापना करने का जो सपना देखा था, वह भी अभी तक पूरे तौर पर साकार नहीं हो सका है। लेकिन यह सच है कि इन समाज सुधारकों व महापुरूषों ने, सदियों से यहाँ गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था का शिकार रहे करोड़ों दलित, पिछडों, शोषितों एवं वंचित लोगों को सम्मान का जीवन जीने का अधिकार दिलाने के लिये जो त्याग और बलिदान किया, उसे कृतज्ञ राष्ट्र हमेशा बेहद आदर व सम्मान से याद करता रहेगा। इसीलिए यह दिन महान समाज सुधारकों व महापुरूषों को भी पूरे आदर व सम्मान के साथ याद करने का भी पुनीत अवसर है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के आदर एवं सम्मान में स्थापित किये गये स्मारक, संग्रहालय, पार्क व प्रतिमओं आदि की चर्चा करते हुए कहा कि यह बेहद प्रेरक और उपयोगी साबित हो रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने इन सुधारकों व महापुरूषों के प्रति भी अपनी भावभीनी श्रध्दांजलि अर्पित की और यह भी विश्वास दिलाया कि इन समाज सुधारकों व महापुरूषों के मानवतावादी मिशन को आगे बढाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबध्द है। मुख्यमंत्री ने नक्सलवाद से प्रभावित चल रहे प्रदेश के कुछ जिलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों के मूल निवासियों की विकास सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने ईमानदारी से प्रयास किया है, जिसके चलते इन लोगों की समस्या का काफी हद तक समाधान हुआ है। उनकी सरकार अनुसूचित जातिजनजाति व सर्वसमाज की महिलाओं पर होने वाले अत्याचार की घटनाओं को बेहद गम्भीरता से लेती है। ऐसे मामलों में राज्य सरकार द्वारा की जा रही प्रभावी कार्यवाही का ही नतीजा है कि, केन्द्रीय गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो की रिपोर्ट में अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों तथा महिलाओं के विरूध्द अपराधों में भारी कमी का उल्लेख किया गया है। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश सरकार धार्मिक अल्पसंख्यक समाज में से खासतौर से मुस्लिम समाज की समस्याओं से भी भली-भांति परिचित है और इन्हें हल करने के लिए पूरी गम्भीरता से प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं में डा. अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना, मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी समग्र विकास योजना, सर्वजन हिताय शहरी गरीब आवास स्लम एरिया मालिकाना हक योजना, सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना, उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना, डा. अम्बेडकर ऊर्जा-कृषि सुधार योजना, मान्यवर श्री कांशीराम शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना, महामाया आवास योजना तथा महामाया सर्वजन आवास योजना आदि प्रमुख हैं।
महत्वपूर्ण योजनाओं के अन्तर्गत कराये गये जनकल्याणकारी कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के गरीब लोगों को ध्यान में रखकर बनायी गयी उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के प्रत्येक लाभार्थी को राज्य सरकार अब प्रत्येक महीने 400 रूपये की नकद आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा गांवों के विकास तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही कर रही है। वर्तमान सरकार द्वारा डा. अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के अन्तर्गत चयनित कुल 5,598 डा. अम्बेडकर ग्राम सभाओं एवं 2,195 हजार राजस्व ग्रामों को समस्त कार्यमों से संतृप्त किया गया है। इसके अलावा पिछले चार वर्षों में 2,67,403 भूमिहीनों, जिनमें ज्यादातर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के लोग शामिल हैं, को कृषि भूमि आवंटित की गयी। इसी के साथ 3,62,240 आवासहीन परिवारों को आवास हेतु पट्टे आवंटित किये गये।
राज्य सरकार शहरी गरीबों की ओर भी पूरा ध्यान दे रही है। मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के माध्यम से शहरी गरीबों को सभी सुविधाआें से युक्त नि:शुल्क आवास उपलब्ध कराये जा रहे हैं। शहरों में दलित बाहुल्य बस्तियों को सभी बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त करने के लिए मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शहरों में मूल-भूत सुविधाओं का भी तेजी से विकास करा रही है। इलाहाबाद, आगरा, वाराणसी, कानपुर - बिठूर, फैजाबाद - अयोध्या, मथुरा-वृन्दावन, मेरठ, कन्नौज आदि प्राचीन व प्रमुख शहराें के साथ-साथ राजधानी लखनऊ में बुनियादी सुविधाओं के विकास का काम पूरी गति से चल रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बी.पी.एल. कार्ड धारकों तथा उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के लाभार्थियों के सभी प्रकार के लम्बित व दायर किये जाने वाले ऐसे मुकदमे, जिसमें सरकार विपक्षी पार्टी नहीं है, उन मुकदमों की नि:शुल्क पैरवी सरकारी वकीलों द्वारा इन गरीबों की तरफ से कराने का ऐतिहासिक फैसला भी उनकी सरकार ने लिया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष फरवरी व मार्च के महीनों में उन्होंने प्रदेश के सभी 72 जिलों का आकस्मिक निरीक्षण कर वहां कानून व्यवस्था तथा विकास कार्यों की हकीकत को मौके पर परखा तथा पुलिस एवं प्रशासन को चुस्त-दुरूस्त बनाने के लिये अनेकों कदम उठाये। प्रदेश सरकार ने सरकारी तंत्र को जनता की जरूरतों के प्रति संवेदनशील और जवाबदेह बनाने के लिए उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अधिनियम लागू कराया है, जिससे जनता को निश्चित समय में चिन्हित सेवाओं को प्राप्त करने की कानूनी गारण्टी मिल गयी है।
अपनी सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं की रोजगार सम्बन्धी जरूरतों के सम्बन्ध में उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने बताया कि लगभग एक लाख नौ हजार सफाई कर्मियों, 88 हजार प्राथमिक शिक्षकों तथा 05 हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती की गयी। इसके अलावा पुलिस विभाग में लगभग सवा दो लाख नये पद सृजित किये गये जिसके तहत, लगभग 35,000 पदों पर पुलिस आरक्षियों की भर्ती किये जाने के बाद अब 41,440 पदों पर भर्ती की प्रयिा शुरू की गयी है। इसी के साथ उनकी सरकार ने मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों की उर्दू अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति का रास्ता भी साफ कर दिया तथा अप्रशिक्षित शिक्षा-मित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से प्रशिक्षण देने की योजना को भी मंजूरी प्रदान कर दी।
किसानों के हक में लिये गये तमाम फैसलों की संक्षिप्त जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मानना है कि प्रदेश की समृध्दि के लिए किसानों का खुशहाल होना भी जरूरी है। इसके लिए प्रदेश सरकार एक कार्य योजना बनाकर इस पर अमल करा रही है। उन्होंने बताया कि खरीफ के चालू मौसम के दौरान किसानों को खाद और बीज सहित अन्य सभी कृषि निवेश उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने आवश्यक प्रबन्ध किये हैं। पिछले चार वर्षों के दौरान उनकी सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को उपलब्ध करायी गयी विभिन्न सुविधाओं का ही नतीजा है कि खाद्यान्न उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य का दर्जा हासिल हुआ है। इसके लिये उन्होंने प्रदेश के किसानों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जून महीने में लखनऊ में राज्य सरकार द्वारा ऐतिहासिक किसान महापंचायत आयोजित की गयी। जिसमें प्रदेश सरकार ने किसान प्रतिनिधियों से सीधे चर्चा करके, उनके रचनात्मक सुझावों के अनुरूप भूमि अधिग्रहण की नई नीति को बनाकर इसे तत्काल लागू किया। देश की सर्वाधिक प्रगतिशील इस नीति में किसानों के लाभ के लिये अभूतपूर्व व्यवस्थाओं को लागू करने के साथ यह भी सुनिश्चित किया गया है, कि विकास में किसानों की पूरी-पूरी भागीदारी हो।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में किये गये तमाम कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि विकास के मामले में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बिजली के क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार अपने बलबूते पर ही कई महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बिजली संकट उनकी सरकार को विरासत में मिली है। बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्राथमिकता पर प्रभावी कदम उठाये हैैं। इसके तहत प्रदेश में नये बिजली घरों की स्थापना तथा पूर्व स्थापित बिजली घरों की क्षमता में विस्तार का कार्य प्रगति पर है। इस दिशा में उठाये गये तमाम कदमों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में प्रदेश की जनता को बिजली की कटौती से हमेशा के लिए निजात दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं तथा हर प्रकार की शिक्षा की गुणवत्ता में, निरन्तर सुधार के लिए भी राज्य सरकार द्वारा पिछले चार वर्षों में किये गये प्रयासों के नतीजे अब मिलने लगे हैं। राज्य सरकार ने अवस्थापना सुविधाओं के विकास की ओर भी पूरा ध्यान दिया है। राज्य सरकार द्वारा इस इरादे से नयी आर्थिक नीति लागू की गयी, जिसके तहत पब्लिक - प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर अवस्थापना सुविधा का विकास किये जाने की व्यवस्था है। पूरे प्रदेश में विश्व स्तरीय प्रवेश नियन्त्रित सडकों का जाल बिछाकर तेज आवागमन सुविधा उपलब्ध कराना भी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश सरकार लघु व कुटीर उद्योगों, बुनकरों, परम्परागत हस्तशिल्पियों तथा निर्यातकों को भी अनेक सुविधाएं देकर प्रोत्साहित कर रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश में व्यापारियों को भी आत्म सम्मान के साथ अपना करोबार करने का अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के तेजी से समग्र विकास के साथ-साथ अति पिछडे बुन्देलखण्ड और पूवर्ांचल क्षेत्रों का पिछडापन दूर करने और इन क्षेत्रों का तेजी से सम्पूर्ण विकास करने के लिए प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से 80 हजार करोड़ रूपये के विशेष क्षेत्र प्रोत्साहन पैकेज की मांग की, जिसमें से प्रदेश को आज तक कोई धनराशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। लेकिन केन्द्र सरकार से कोई भी सहयोग न मिलने के बावजूद भी उनकी सरकार ने अपने ही संसाधनों से बुन्देलखण्ड और पूर्वांचल के पिछडेपन को दूर करने के लिए बडे पैमाने पर विकास कार्य शुरू कराये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब एक ऐसे ऐतिहासिक दौर से गुजर रहे हैं, जिसमें देश, दुनिया और समाज में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं। यही कारण है कि हमारे सामने चुनौतियां भी बेहद गम्भीर हैं। समाज में दलित, शोषित एवं उपेक्षित वर्गों के लोगों को न्याय दिलाकर तथा अन्य समाज के सभी वर्गों के लोगों को अर्थात् सर्वसमाज के लोगों को आपसी भाईचारे के सूत्र में बांधकर इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हमें महान स्वाधीनता सेनानियों तथा सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन को आगे बढाने वाले सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों से प्रेरणा लेकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले देशभक्तों तथा सामाजिक परिवर्तन के लिए पूरा जीवन संघर्ष करने वाले सन्तों, गुरूओं व महापुरुषों के प्रति यही सच्ची श्रध्दांजलि होगी।
इस मौके पर उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, लखनऊ श्री विजय प्रकाश, अपर पुलिस अधीक्षक, गौतमबुध्द नगर श्री राकेश कुमार जौली, तथा निरीक्षक, नागरिक पुलिस, एस0टी0एफ0, लखनऊ श्री बिजेन्द्र सिंह त्यागी, को मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से सम्मानित किया।

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