बरेली, 16 अगस्त। (उप्रससे)।
Bareilly, August 16,
2011, U.P.Samachar उत्तर
प्रदेष ग्रामीण पत्रकार एसोसिएषन के
प्रदेष
महासचिव देवी प्रसाद गुप्ता ने कहा
है कि साहित्य और कलम पाशाण को भगवान बना
सकती है लेकिन ऐसा विज्ञान कदापि स्वीकार
नहीं होना चाहिये जो मानव को पाशाण बना
दे।
श्री गुप्ता बरेली प्रेस क्लब बरेली के
तत्वाधान में आयोजित संगोश्ठी में बोल रहे
थे। उन्होने अपने भाशण में आगे कहा कि
विज्ञान का मीडिया के साथ ऐसा तालमेल हो
जो लोक हितकारी में हो। मीडिया के माध्यम
से विज्ञान की छोटी और बडी जानकारियां
जनसामान्य तक जानी आवष्यक हैं । संसाधनों
की रक्षा कर सकते हैं। श्री गुप्ता ने आगे
कहा कि विज्ञान के माध्यम से हम अनेक ऐसी
खोजें कर सकते हैं कि जिससे देष में
लगातार बढ रही गरीबी, भुखमरी और गांवों
में बढ रहे बेरोजगारी का मुकाबला हम दृढ़ता
के साथ कर सकें । विज्ञान की कोई भी ऐसी
खोज जो देष में असंवेदन को बढाती हो, वह
मीडिया को स्वीकार नहीं करनी चाहिये। हमने
टचस्ीन लैपटाप और मोबाइल तो बना लिया
लेकिन समाज में निरन्तर संवेदनहीनता बढती
जा रही है। यह निष्चित रूप से चिन्ता का
विशय है। उन्होंने कहा कि साहित्य और कलम
यह पाशाण को भगवान बना सकती है लेकिन ऐसा
विज्ञान कदापि स्वीकार नहीं होना चाहिये
जो मानव को पाशाण बना दे। उन्होंने कहा कि
आज विज्ञान के कारण ही प्रिन्ट मीडिया और
इलेक्ट्रानिक मीडिया में चमत्कारिक
परिवर्तन आये हैं। हम किसी भी सूचना को
कुछ ही पलों में विष्वव्यापी बना सकते
हैं। यह स्वागत योग्य है, किन्तु यह
दुर्भाग्य का विशय है कि विज्ञान ने ही
अनेक ऐसे प्रयोग किये जिनमें अकूट संसाधन
व्यय हुए जिनका लाभ जनसामान्य को प्राप्त
नहीं हुआ है। वैज्ञानिक इस विशय पर एक बार
फिर से विचार करें कि अपे देष में कैसे
लोक हितकारी संसाधनों में वृध्दि की जा
सकती है, चाहे वह जल की बात हो, जंगल की
बात हो या जमीन की बात हो। हमारी नदियां,
हमारे पहाड, हमारे अन्य प्राकृतिक संसाधन,
इनको बचाकर रखना विज्ञान और मीडिया की
प्राथमिकता में होना चाहिये। संगोश्ठी में
उपजा के प्रद्रेष मंत्री आर के सिंह,विनीत
सिंह,गजेन्द्र पटेल,पूर्व महापौर डा आर एस
तोमर,सुनील खण्डेलवाल,पुरुशोत्तम गंगवार
सुषील सक्सेना प्राचार्य ने भी विचार
व्यक्त किये। संगोश्ठी की अध्यक्षता
श्रीमती रेनू सिंह ने की।
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