आगरा, 21 अगस्त (उत्तर प्रदेश समाचार
सेवा) :Agra,, Aug
21, 2011, Uttar
Pradesh Samachar Sewa कालिंदी
यमुना खतरे का निशान छूने को बेताब है। आज
सुबह 10 बजे तक यमुना का जलस्तर 494 फ ीट
को छू चुका था । देर रात्रि तक यह खतरे के
निशान 495 को पार कर सकता है। यमुना मे
लगातार जल बढ़ोत्तरी हो रही है। उससे सटी
कॉलोनियों मे रहने वाले लोगों को कालिंदी
का यह रूप देखकर डर सता रहा है। वहीं
दिल्ली को बाढ़ से बचाने के लिए 1.50 लाख
क्यूसेक पानी को और छोड़ा जाना है । चूकिं
दिल्ली मे यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह
रही है।
यमुना मे लगातार बढ़ रहें जलस्तर से कई
कॉलोनियां भी बाढ़ के मुहाने पर हैं। मथुरा
मे अपस्ट्रीम से बन रहें दबाब के कारण
गोकुल बैराज से डिस्चार्ज बढ़कर 69हजार
क्यूसेक हो गया है। वहीं ओखला से
डिस्चार्ज बढक़र 1.26 लाख क्यूसेक हो गया
है। सिंचाई विभाग के अनुसार दिल्ली को बाढ़
से फ ैलाब के खतरे से बचाने के लिए 1.50
लाख क्यूसेक की और बढ़ोत्तरी होनी है।
इध र जलस्तर बढ़ने के साथ यमुना की सुंदरता
मे चार चांद लग गए है। जवाहरपुल और
नवनिर्मित डा0 भीमराब अंबेडकर सेतु पर
दिनभर लोगों को परिवारों के साथ देखने वालों
का रेला लगा रहता है। यहां यमुना की
सुंदरता को शहरवासी निहारने आ रहें है। वहीं
यमुना मे उफ ान का असर अब दयालबाग और
बल्केश्वर के खेतों मे दिखाई देने लगा है।
यहां खेत जलमग् हो गए है। बल्केश्वर के
मेनका पैलेस, गोरखा बगीची , दयालबाग के
मनोहर पुल के खेत पानी से भर गए है। यहां
अमर सिंह के पशुओं का बाड़ा और खेती है
जिसमें पानी भरने से भेसों के रहने का
स्थान नहीं रहा उन्होनें यह घर खाली भी कर
दिया है। उन्होनें इसकी शिकायत जिला
प्रशासन से भी की है लेकिन उन्हें कोई
राहत नहीं मिली । गोरखा बगीची के सामने
ग्यासीराम के खेतों मे पानी भर जाने से
तोरंई , लॉकी , भिंडी, मिर्च की फ सल
बर्बाद हो गई है चरी की फ सल खड़ी है ।
लेकिन बढ़ते पानी के कारण वह भी कट नही पा
रही है। बल्केश्वर मे राधानगर , लोहिया
नगर , रजवाड़ा , सीताराम कॉलोनी आदि
क्षेत्र के नागरिकों को बाढ़ की चिंता सताने
लगी है और उन्हें रातभर नींद नही आ रही
है। |