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सवा लाख सीटें भरने में छूट गए पसीने
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Publised on : 2011:08:21       Time 23:45                              Update on  : 2011:08:21      Time 23:45

बरेली, 21 अगस्त (उत्तर प्रदेश समाचार सेवा) :Bareilly, Aug 21, 2011, Uttar Pradesh Samachar Sewa
इसे बीएड का कम होता क्रेज ही कहेंगे कि पांच लाख अभ्यर्थियों से भी सवा लाख सीटें नहीं भरी जा सकीं। 23 दिन की दो काउंसिलिंग हुई, फिर भी पूल बनाने की नौबत आ गई। इसके बावजूद अभी भी सभी सीटों पर प्रवेश नहीं हो सके हैं। बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा करा रही रुहेलखंड यूनिवर्सिटी ने 14 जुलाई को पहली काउंसिलिंग शुरू की थी। परीक्षा देने वाले करीब सवा पांच लाख अभ्यर्थियों में से करीब दो लाख रैंक वालों को ही काउंसिलिंग में शामिल किया जाएगा। यही वजह थी कि यूनिवर्सिटी ने पहली काउंसिलिंग में दो लाख दस हजार रैंक तक के अभ्यर्थी बुलाए। मगर काउंसिलिंग शुरू होने के साथ ही केंद्रों पर पहुंचने वालों की तादात का खुलासा होता गया। हालात ऐसे रहे कि पहली काउंसिलिंग में एक लाख सीट भी पूरी नहीं हो सकीं। दूसरी काउंसिलिंग तीन अगस्त से छह दिन चली फिर भी सीटें खाली रह गई। अब पूल बनाए जा रहे हैं। बढ़ी फीस ने किनारे किए छात्र तीन साल पहले बीएड की फीस बीस हजार रुपए और पिछले साल 31 हजार रुपए थी। इस बार शासन ने इसे 51250 रुपए कर दिया। इसकी घोषणा प्रवेश परीक्षा कराए जाने के बाद हुई। निर्धारित फीस में बढ़ोत्तरी और फिर निजी कालेजों के अपने खर्च को देखते हुए अभ्यर्थियों ने एडमिशन से किनारा कर लिया। सीटीईटी भी बनी रोड़ा बीएड के बाद सेंट्रल टीचिंग एप्टीट्यूट टेस्ट पास करने की बाध्यता भी के कारण भी छात्रों का इस कोर्स से मोहभंग हो गया। पहले बीएड की महंगी पढ़ाई फिर सीटीईटी परीक्षा पास करने की टेंशन, इसके बाद भी नौकरी का मौका तब मिलेगा जब विज्ञापन जारी हो। प्रदेश के तमाम बीएड प्रशिक्षित पहले ही विज्ञापन जारी करने का इंतजार कर रहे हैं। दुश्र्वारियां देखते हुए नए छात्र किनारे हो गए। अब पहले शिक्षामित्र बीएड प्रशिक्षितों को एक और झटका शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण कार्यक्रम ने दिया। बीएड प्रशिक्षित नौकरी का इंतजार करते रह गए, दूसरी ओर शासन से शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण की घोषणा हो गई।

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