बरेली:Bareilly,
August 13, by Renu Singh मिस्वाक
पैगम्बरे रसूल की सुन्नत है। हजरत आयशा
सिद्दीका से रिवायत है कि मिस्वाक मुंह को
पाक करने वाली और परवरदिगार को राजी करने
वाली चीज है। नबी-ए-पाक ने मिस्वाक को वुजू
की सुन्नत करार दिया है। साथ ही मेडिकल
साइंस ने भी मिस्वाक के गुणों को माना है।
रमजान आते ही
मिस्वाक की बिक्री में इजाफा हो गया है।
बाजार और खासतौर से दरगाह आला हजरत स्थित
दुकानों पर मिस्वाक के खरीददारों की भीड़
उमड़ रही है। इसके पेड़ सऊदी अरब के बाद
पाकिस्तान और भारत के राजस्थान में हैं।
राजस्थान से ही मिस्वाक बरेली आता है।
मिस्वाक के कुछ शौकीन तो इसे पाकिस्तान और
सऊदी अरब से भी मंगाकर रखते हैं और रमजान
में इसका इस्तेमाल करते हैं। छोटे-बड़े और
मोटे-पतले कई आकार में मिलने वाला मिस्वाक
राजस्थान में विशेष तौर से पाये जाने वाले
पीलू के पेड़ की लकड़ी होती है, जिसको दातों
पर ब्रश की तरह रगड़ने से दांतों में चमक
आती है और कीड़ों की समस्या से छुटकारा
मिलता है। दूसरे रोगों के लिए भी यह मुफीद
है। साथ ही रमजान में वुजू में मिस्वाक
करके नमाज पड़ने से नमाज का सवाब सत्तर
गुना तक बड़ जाता है। रमजान में मिस्वाक
की कीमतों में इजाफा हो गया है। पांच से
दस रुपये के बीच कीमत बढ़ी है। दरगाह आला
हजरत पर दुकान चलाने वाले हाजी गुलाम
सुब्हानी बताते हैं, इन दिनों में मिस्वाक
की बिक्री आम दिनों के मुकाबले काफी बढ़
गई है। 5 रुपये वाली सादी मिस्वाक 10 रूपये
और पैकेट में बिकने वाली 10 रूपये की
मिस्वाक 15 रुपये में बिक रही है। मौलाना
इमरान रजा खां समदानी मियां बताते हैं,
मिस्वाक करने से रब तआला खुश होता है। यह
हुजुर सलातो सलाम का पंसदीदा अमल था। हजरत
अबु हुरैरा से रिवायत है कि रसूल अल्लाह
ने फरमाया है कि दुश्र्वार न लगता तो मैं
हर नमाज के वक्त मिस्वाक करने का हुक्म
देता। दुकानदार गुलाम रब्बानी कहते हैं,
पाकिस्तान की मिस्वाक खासतौर से पंसद की
जाती है। रमजान में इनकी कीमतों में भी
वृद्धि हो जाती है। पूरे माह में हजारों
मिस्वाक केवल दरगाह आला हजरत के पास दुकानों
से बिक जाती हैं।फिजियोथेरेपिस्ट डा. डा.
एसई हुदा बताते हैं-मिस्वाक की अहमियत को
टयुनिश और कुछ दूसरे देशों ने महसूस करते
हुए टूथपेस्ट बनाना शुरू कर दिया है।
दरअसल मिस्वाक पेट की बीमारियों के लिए भी
फायदेमंद साबित हुआ है। इसी वजह से
पैगम्बरे रसूल ने मिस्वाक को सुन्नत करार
दिया है। dSaV cksMZ fLFkr jktdh;
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मिस्वाक से बैक्टीरिया मुंह में नहीं पनप
पाते, चाय और काफी का ज्यादा इस्तेमाल करने
वालों के लिए यह ज्यादा फायदेमंद है,
मिस्वाक करने से एसिडिटी की रोकथाम हो जाती
है।
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