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कोहरे की मार, रुक गई रफ्तार, शीतलहर
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Publised on : 07  December  2011       Time 21:40      

बरेली, 07 दिसम्बर: दो दिन से शुरू हुआ कोहरा बुधवार को रौशनी बेहद कम होने से ट्रेनें 25-30 किलोमीटर व बसे 10_15 किलोमीटर की रफ्तार से चल पाईं। रफ्तार पर ब्रेक लगने से 30 से ज्यादा ट्रेनें घंटों देरी से चलीं। कोहरे का आलम यह था कि पांच फिट दूरी तक का नहीं दिख रहा था। ऐसे में ट्रेन का संचालन रेलवे के लिए काफी टेड़ी खीर जैसा था। ज्यों ज्यों कोहरा बढ़ता गया ट्रेनों की रफ्तार घटती चली गई। सोमवार की शाम तक मौसम ठीक था लेकिन जैसे जैसे रात गहराती गई, कोहरा और भी घना होता गया और बुधवार को को सूरज के दर्शन नहीं हुई । दिल्ली की ओर से आने वाली ट्रेनें बेहद देरी से चलीं। रात में गुजरने वाली बिहार तरफ की ट्रेनें सुबह तक जंक्शन पहुंच पाई। कई लंबी दूरी की ट्रेनों के सुबह पहुंचने से प्लेटफार्मो पर काफी भीड़ थी। मगलवार_बुधवार रात में ट्रेनों के वक्त पर पहुंचे यात्रियों की ठंड के मारे बुरा हाल था। वेटिंग रूम में जगह न बचने पर उन्हें प्लेटफामरें पर ही रात गुजारनी पड़ी। यात्रियों में गुस्सा इस बात का भी था कि पूछताछ खिड़की पर ट्रेनों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी, घंटा और आधा घंटा लेट होने की सूचना दिए जाने पर वह घर भी नहीं जा सके, जबकि उनकी ट्रेनें चार से पांच घंटे की देरी से जंक्शन पहुंची। कोहरा और एकाएक बड़ी ठंड का ही असर था कि रेलवे स्टेशन और रोडवेज पर शाम को सन्नाटा पसर गया। यात्रियों की संख्या काफी कम हो गयी। जंक्शन के बाहर भी रोजाना जैसी चहल पहल नजर नहीं आई। अलबत्ता चाय की दुकानों पर भीड़ जरूर दिखी। लोग जैकेट, मुफलर के अलावा कंबल तक ओढ़े देखे गए। दोनों जगह अलाव का जरूरत देखी गयी। लेकिन नगर निगम ने इसकी कोई व्यवस्था कहीं नहीं की थी। रात तक शहर की सड़कें कोहरे की चादर से पूरी तरह ढक गई। यही वजह रही कि रात बारह बजे तक गुलजार रहने वाले बाजारों में रात नौ बजे ही सन्नाटा पसर गया।
ऐसा नहीं है कि कोहरे के कारण महज ट्रेनें ही प्रभावित हुई हो। बस का सफर भी मुश्किल हो गया है। लखनऊ से बरेली तक छह से सात घंटे का सफर 12 से 13 घंटे में पूरा हुआ। घने कोहरे के कारण फर्रुखाबाद रूट पर रामगंगा पुल से एक बस लटक गई। जिससे कानपुर और इटावा की ओर जाने वाली बसें चार पांच घंटे तक जाम में फंसी रही। उधर, मिलक में जाम के कारण दिल्ली से आने वाली बसें घंटों देरी से पहुंची। कोहरे के कारण दिल्ली भी दूर हो गयी। दिल्ली रूट की बसें आज अमूमन तीन घंटे देर से आयीं। कोहरे को देखते हुए चालकों ने बसों की रफ्तार कम कर दी है। इसके अलावा फर्रुखाबाद रूट पर रामगंगा पुल पर एक बस आधी लटक गयी। जिस कारण वहां भी जाम लगा रहा। इटावा रूट की बसें चार से पांच घंटे तक ट्रैफिक जाम में फंसी रहीं। रात दस बजे दोनों बस स्टैंड पर न बसें थीं और न ही यात्री।
शीतलहर तापमान में आई खासी गिरावट, आने वाले िदनों में और बढ़ेगा कोहरा
धूप न निकलने के कारण तापमान में भी खासी गिरावट आई है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि अभी यह कुहासा और बढ़ेगा। जब तक बारिश नहीं होगी आसमान साफ नहीं होगा। इसे शीतलहर की दस्तक माना जा सकता है।
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्यौगिकी विश्र्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. एचएस कुशवाहा ने बताया कि पश्चिम-उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवाओं के चलते ठंड बनी हुई है। चूंकि हवाएं धीमी गति से चल रही हैं इसके चलते पारा भी स्थितर है। अभी हवाओं के रुख में किसी प्रकार के बदलाव की उम्मीद नहीं है, इससे कुहरे में भी कमी नहीं होगी। पश्चिमी विक्षोभ के साथ ही हिमालय की तरफ से आने वाली हवाएं शुरू होंगी। उसके बाद ही बारिश की उम्मीद की जा सकती है।
पंतनगर स्थित कृषि मौसम विज्ञान वेधशाला के अनुसार एक जनवरी 2011 से 4 दिसंबर 2011 तक कुल बारिश 21426.6 मिमी. हुई, जब कि इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 1433.4 मिमी. है। नवंबर और दिसंबर में अब तक कोई बारिश नहीं हुई, जब कि दिसंबर की औसत वर्षा 14.9 मिमी है। इसके चलते कुहरे में खासी बढ़ोत्तरी हो रही है। औसत तापमान में भी गिरावट आई है। डाक्टर कुशवाहा मौजूदा मौसम कुछ दिन तक बरकरार रहने के संकेत देते हैं। आ‌र्द्रता बढ़ने से यह स्थिति बनी है। कुछ दिन बाद बूंदाबांदी भी हो सकती है।

           

News source:    U.P.Samachar Sewa

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