लखनऊ , 08 दिसम्बर। (उप्रससे)। कैबिनेट
मंत्री और बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ
नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ
लोकायुक्त द्वारा जांच शुरू करने के
उपरान्त निष्पक्ष जांच के दृष्टिगत
मुख्यमंत्री को श्री सिद्दीकी को अविलम्ब
बर्खास्त करना चाहिए।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता
राम कुमार भार्गव एवं उ0प्र0 कंाग्रेस
कमेटी के शोध एवं विकास ईकाई के चेयरमैन
तारिक सिद्दीकी ने आज यहां जारी संयुक्त
बयान में कहा कि बसपा के कद्दावर नेता श्री
नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा मंत्री पद पर
रहते हुए किये गये भ्रष्टाचार की जांच
लोकायुक्त द्वारा की जा रही है। यदि श्री
सिद्दीकी अपने पद पर बने रहे तो निष्पक्ष
जांच संभव नहीं है और वह जांच को प्रभावित
कर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी का यह दावा
है कि यदि निष्पक्ष जांच हुई तो निश्चित
तौर पर श्री सिद्दीकी के साथ ही
मुख्यमंत्री के भी भ्रष्टाचार में लिप्त
होने का पुख्ता प्रमाण मिल जायेगा। ऐसे
में श्री सिद्दीकी अपने पद से तत्काल
त्यागपत्र दें अथवा मुख्यमंत्री को उन्हें
बर्खास्त कर देना चाहिए।श्री सिद्दीकी के
खिलाफ लोकायुक्त से की गयी शिकायत काफी
गंभीर प्रकृति की है। लोकायुक्त से की गयी
शिकायत में नजूल भूमि पर कब्जे, पहाड व
मौरंग खनन के पट्टे करीबी व रिश्तेदारों
को देने व अकूत सम्पत्ति अर्जित किये जाने
के आरोप पूरे साक्ष्य सहित आरोप लगाये गये
हैं। चूंकि श्री सिद्दीकी दर्जनों विभागों
के मंत्री हैं और भ्रष्टाचार से सम्बन्धित
शिकायत भी इन्हीं के विभाग से ही
सम्बन्धित है। ऐसे में मंत्री पद पर बने
रहने से श्री सिद्दीकी के खिलाफ निष्पक्ष
जांच होना संभव नहीं है। कांग्रेस नेताओं
ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही यह
आरोप लगाती रही है कि प्रदेश सरकार में
व्याप्त भ्रष्टाचार के तार सीधे
मुख्यमंत्री से जुड़े हैं। पूर्व में
मुख्यमंत्री के काफी करीबी और लम्बे समय
तक बसपा में नम्बर दो का स्थान संभाले रहने
वाले कद्दावर पूर्व मंत्री श्री बाबू सिंह
कुशवाहा सहित कई अन्य मंत्री भी
भ्रष्टाचार में लिप्त पाये गये हैं। यह
कैसे विश्वास कर लिया जाय कि जिस
मंत्रिमण्डल में समस्त मंत्री शक के दायरे
में हैं उसकी मुखिया इस बारे में साढे चार
वर्ष बाद चुनाव के करीब उनके भ्रष्ट
कारनामों को जान पायी है। ऐसा प्रतीत होता
है कि मुख्यमंत्री सत्ता में बाहर होने से
पहले अपने खिलाफ सारे सबूतों को मिटाने की
कोशिश कर रही हैं।
श्री भार्गव एवं श्री सिद्दीकी ने कहा कि
सण्डीला के विधायक एवं राज्य सरकार में
मंत्री अब्दुल मन्नान भी लोकायुक्त की
जांच के दायरे में आ चुके हैं। सण्डीला
में श्री मन्नान के भाई पर भी भ्रष्टाचार
के कई मामले हैं, यहां पर भी निष्पक्ष
जांच कराने पर इन्हें दोषी पाया जायेगा।
कांग्रेस शुरू से ही बसपा की कार्यशैली पर
चिंता व्यक्त करती रही है कि वह
भ्रष्टाचार को संस्थागत करती जा रही है और
अपने पूरे कार्यकाल में प्रदेश में यदि कहीं
विकास दिखाई देता है तो वह भ्रष्टाचार के
ही क्षेत्र में है। उ0प्र0 के विकास के
लिए केन्द्र सरकार द्वारा दिये गये अनुदानों
एवं योजनाओं में दी गयी राशि का भी बसपा
ने व्यापक पैमाने पर दुरूपयोग किया है।
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