मैनपुरी,
12 दिसम्बर
2016 (उ.प्र.समाचार सेवा)।
ख्याति प्राप्त आचार्य कौशिक जी महाराज ने
कहा कि देश में राम मंदिर निर्माण से भी
पहले गौ वध पर रोक लगायी जानी चाहिये;
भारत में प्राचीन काल से ही धर्म ने
राजनीति को नियंत्रित करने का काम किया
है। नोट बन्दी से यदि देश का भला होता है
तो सरकार के इस निर्णय का स्वागत है। मोर
और शेर की तरह गाय को भी राष्ट्रीय सम्मान
मिलना चाहिए। दुखद पहल यह है कि यू0पी0
में ही गौवंश का बडे पैमाने पर कटान होता
है। वे रेड कार्पेट बैंकट हाॅल में
पत्रकारांे से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने स्वीकार किया कुछ संतों पर
चारित्रिक आरोप लगने के बाद से लोगो की
सन्त महात्माओं के प्रति आस्था घटी है मगर
लोग अपने विवेक का प्रयोग कर यह जान सकते
है कि कौन सिर्फ भेषधारी है और कौन संत
महात्मा की कसौटी पर खरा उतर रहा है। नोट
बन्दी के फायदे नुकसान के सवाल पर उन्होने
कहा कि नोट बंन्दी के परिणाम अच्छे आते है
तो उसका स्वागत है वैसे अभी लोगों की
परेशानी देख कर कष्ट होता है। गौवंश की
समृद्धि व जैविक खेती पर जोर देते हुए
उन्होंने कहा कि गाय के दूध व गौमूत्र में
अधिकांश रोगो के निवारण की क्षमता है। खेती
में दवाओं व जहरीले रसायनों से सब्जियाॅ व
अन्न प्रदूषित होते है। तथा इससे ऐसी
बीमारियाॅ सामने आ रही है। जिनको लेकर
डाक्टर भी चकरा जाते है। एक समय देशी गाय
की 1500 प्रजातियाॅ थी आज जिनमें करीब 50
अस्तित्व में है हर प्रजाति की अपनी एक
अलग विशेषता है। देशी गाय की कुछ नस्लें
अच्छा दूध देती है। वे अपने पास आने वाले
श्रद्धालुओं तथा कथा में भी गौपालन के साथ
गौशालाओं की मदद के लिए कहते है ताकि
गोवंश का संवर्धन हो। पत्रकार वार्ता में
डा0 कोशलेन्द्र दीक्षित, किशन दुबे,
रामदेव शास्त्री उपस्थित थे।
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