लखनऊ
। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज
कैबिनेट बैठक में 17 अति पिछड़ी जातियों को
एससी में शामिल करने के प्रस्ताव को हरी
झंडी दे दी। यह प्रस्ताव केन्द्र को भेजा
जाएगा। कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री ने कहा
था कि उनकी सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र
में किए वायदे के मुताबिक 17 पिछड़ी जातियों
को एससी में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव
केन्द्र सरकार को भेजा दिया है।
उन्होंने कहा था कि सपा मुखिया मुलायम
सिंह यादव ने वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री
रहने के दौरान इन जातियों को अनुसूचित
जातियों में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव
केन्द्र सरकार को भेजा था। इसके बाद बसपा
सुप्रीमों मायावती ने इन्हें वापस ले लिया
था।
इन अतिपिछडी जातियों को दससी में शामिल
करने का अधिकार प्रदेश सरकार का नहीं बल्कि
केन्द्र सरकार का है। जो तभी हो सकता है
जब केन्द्र सरकार चाहेगी। जनगणना विभाग इस
बात का सर्वे करता है कि देश और समाज में
किन-किन जातियों का आर्थिक सामाजिक और
शैक्षणिक स्तर क्या है। इसके बाद
रजिस्ट्रार उसकी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को
सौंपता है। वहां विचार करने के बाद ही कोई
निर्ण लिया जाता है।
अखिलेश यादव से पहले उनके पिता मुलायम
सिंह यादव ने अक्टूबर 2005 में मुख्यमंत्री
रहते केन्द्र सरकार से इन जातियों को एससी
का दर्जा देने के लिए सिफारिश की थी। उस
समय केन्द्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं
लिया। केन्द्र को सिफारिश भेजने के साथ ही
मुलायम सरकार ने अपने स्तर पर भी अधिसूचना
जारी कर इन जातियों को एससी-एसटी का दर्जा
दिया था जिससे वह आरक्षण की सुविधाओं का
लाभ ले सकें। मुलायम सरकार के हटने के बाद
इस अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था। इस
पर मायावती ने कहा है कि मुलायम ने
अक्टूबर 2005 में जब ओ.बी.सी. की 17 जातियों
को एस.सी. की सूची में शामिल करने का फैसला
लिया था तो तब ऐसी जातियां फिर न एस.सी.
में शामिल हो पायीं थीं और न ही उनका नाम
ओ.बी.सी. सूची में रह पाया था, जिस कारण
वह आरक्षण की सुविधा से वांचित हो गयी थी।
इधर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज फिर
मायावती को निशाने पर लेते हुए विकास
कार्य गिनाए। उन्होंने कहा कि लोगों ने
पत्थरों के हाथी लगवा दिए। वह हाथी खड़े के
खड़े हैं, लेकिन हमने जो साइकिल ट्रैक
बनवाया है, वह हमेशा चलता रहेगा। उन्होंने
कहा है कि काम के मामले में हमारा कोई
मुकाबला नहीं कर सकता। अब बस सबको जोड़कर
इस पर वोट लेना है।
मंत्रिपरिषद ने इन प्रस्तावों पर भी लगायी
मुहर
वाराणसी में बने वरुणा रिवर फ्रंट का
लोकार्पण
बुलंउशकर के सिकंदराबाद नगर पालिका का सीमा
विस्तार
नगर पालिका हमीरपुर, महोबा, मथुरा, मैनपुरी,
का सीमा विस्तार
सोनौली (महराजगंज) को नगर पंचायत बनाने के
बारे में
नगर पंचायत कुशीनगर का सीमा विस्तार
प्राइवेट इंजीनियरिंग संस्थाओं द्वारा
संस्था को पूरी तरह बंद करने संबंधी
अनुरोध के क्रम में वहां पढ़ रहे छात्रों
को दूसरी जगह समायोजित करने के लिए
प्रक्रिया का निर्धारण
बुनकर को बिजली दर में छूट की प्रतिपूर्ति
योजना के बारे में
कुशीनगर में खादी ग्रामोद्योग प्रशिक्षण
केंद्र की स्थापना के बारे में
सहारनपुर में फॉरेंसिक लैब के लिए जमीन के
बारे में
राजस्व न्यायालय नियम संग्रह में संशोधन