मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के
करीबी हैं शराब कारोबारी पोन्टी
चङ्ढा
बरेली,
01 फरवरी। (उप्रससे)।
मुख्यमंत्री मायावती व बसपा में
दूसरे नंबर की हैसियत वाले कबिना
मंत्री नसीमुद्दीन के करीबी शराब व
शुगर मिल कारोबारी पोन्टी चडढा के
मुरादाबाद स्थित चार ठिकानों पर
आयकर विभाग की टीमाें ने एक साथ
छापे मारे। आयकर की टीम पोन्टी
चङ्ढा के भतीजे हरवीर सिंह चङ्ढा
उर्फ गोविंद को पूछताछ के लिए साथ
ले गई है। आयकर विभाग की एक टीम खबर
लिखे जाने तक सिविल लाइंस स्थित
चङ्ढा परिवार की कोठी में छानबीन कर
रही है। देर शाम चङ्ढा ग्रुप की
कोठी के पीछे लगे शटर खोलकर आयकर
अधिाकारियों ने छानबीन शुरु कर दी
है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई
देर रात तक चलेगी। यहां से आयकर
विभाग को अभी तक क्या मिला इसका
ब्यौरा नहीं मिल सका है। पर अफवाह
100 करोड़ मिलने की
फैली हुई है।
बुधावार की सुबह करीब
11.30 बजे आयकर
विभाग की टीम तीन गाड़ियों में सिविल
लाइंस में पीलीकोठी के पास चङ्ढा
ग्रुप की कोठी पर पहुंची। आयकर
अधिाकारियों ने छापे के लिए स्थानीय
पुलिस पर भरोसा नहीं किया। बल्कि वह
अपने साथ दो दर्जन से ज्यादा
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान
लेकर आए थे। पीलीकोठी पहुंचते ही
सीआरपीएफ ने चङ्ढा परिवार की कोठी
को चारों तरफ से घेर लिया। आयकर
अधिाकारी सीधो कोठी में गए और गेट
पर सीआरपीएफ के जवान तैनात कर दिए।
इसके बाद कोठी के अंदर आयकर विभाग
की टीम ने हर कोने की तलाशी लेने का
सिलसिला शुरू किया जो शाम तक जारी
है। चङ्ढा परिवार के किसी सदस्य को
आज कोठी से बाहर नहीं आने दिया गया।
एक बार जो सदस्य या नौकर अंदर गया
वह अंदर ही कैद हो गया। आयकर की यह
टीम दिल्ली से यहां आई बताई जा रही
है। सीआरपीएफ रामपुर से मंगाई गई
थी। दोपहर बाद करीब ढाई बजे आयकर
विभाग के अधिाकारियों ने अपनी
टैक्सी कोठी के भीतर मंगाई। यह
टैक्सी बाहर निकली तो उसने पोन्टी
चङ्ढा का भतीजा हरवीर सिंह चङ्ढा
उर्फ गोविंद व सीआरपीएफ के जवान थे।
उसे आयकर अधिाकारियों ने कहां भेजा
है यह किसी को जानकारी नहीं है।
गोविंद चङ्ढा को संभवत: पूछताछ के
लिए कहीं ले जाया गया है। उसके जाने
के बाद आयकर अधिाकारियों ने दो
महिला कांस्टेबिलों को कोठी में
बुलाया है। एक बार कोठी में दाखिल
हुई महिला सिपाही भी अंदर ही हैं।
मुरादाबाद में पोन्टी चङ्ढा का
शराब का कारोबार हरभजन सिंह के ही
साझे में चलता है। इसलिए चङ्ढा वाइन
के कार्यालय प्रिंस रोड स्थित चङ्ढा
टाकिज में कार्यालय और गोदामों पर
भी छापे की कार्रवाई की गई। छापे से
पहले ही इसे भी सीआरपीएफ ने घेर
लिया। छापे के दौरान सिनेमा हाल
परिसर के गेट बंद करा दिए गए और
फोर्स तैनात कर दिया गया। दिल्ली
रोड स्थित पोन्टी चङ्ढा के होटल
ड्राइव
24 और वेब सिनेमा
पर भी छापे मारे गए। छापों में क्या
मिला इस संबंधा में कोई भी अधिाकारी
बात करने को तैयार नहीं है। छापे की
कार्रवाई लगातार जारी है। पोन्टी
चङ्ढा की दो शुगर मिलें जेपीनगर में
हैं इनमें से एक अमरोहा में है और
दूसरी मंडी धानौरा के पास मलेशिया
में है। इन दोनों शुगर मिलों पर भी
आयकर के छापे की खबर है,
लेकिन कहां से क्या
मिला इसका ब्यौरा नहीं मिल पाया है।
आपको बता दें कि चङ्ढा ग्रुप की
जिस कोठी पर यहां आयकर ने छापा मारा
है उसमें पोन्टी चङ्ढा के चाचा
हरभजन सिंह चङ्ढा और उनके बेटों का
परिवार रहता है। पोन्टी चङ्ढा यहां
साल में एक आधा बार ही आते हैं,
लेकिन यह कोठी
पोन्टी चङ्ढा के पिता कुलवंत सिंह
चङ्ढा ने ही बनवाई थी। पोन्टी चङ्ढा
आम तौर पर दिल्ली में या फिर चंडीगढ़
में ही रहते हैं।
टाइम्स नाउ के रिपोर्टर का कैमरा
छीना
मुरादाबाद
01 फरवरी। (उप्रससे)।।
पोन्टी चङ्ढा के मुरादाबाद स्थित
पैतृक आवास पर आयकर अधिाकारियों के
छापा मारने की सूचना पर दोपहर
12 बजे सक्रिय हुए
मीडिया ने अपना काम शुरू किया तो
चङ्ढा ग्रुप के बाहर खड़े कारिंदों
ने चैनल के खबरनवीसों को दौड़ा लिया।
इस बीच पहले से ही दूरी बना कर
कवरेज कर रहे टाइम्स नाउ चैनल के
रिपोर्टर राकेश कुमार सिंह के पास
चङ्ढा के पांच कारिंदे पहुंचे और
कैमरा मांगा। राकेश कुमार सिंह के
मना करने पर उन्होंने गोली मारने की
धामकी दी तो वह घबरा गया। रिपोर्टर
ने कैसेट देने को भी कहा,
लेकिन वे उसका
कैमरा ही ले गए। यह खबर चैनलों पर
फ्लेश होते ही आयकर अधिाकारियों तक
मामला पहुंचा और उन्होंने हस्तक्षेप
कर कैमरा वापस कराया। बाद में यह
कैमरा उस टैक्सी के चालक के पास
मिला जिससे आयकर अधिाकारी मुरादाबाद
आए हैं।
कांग्रेस का मायावती को झटका
मुरादाबाद
01 फरवरी। (उप्रससे)।।
चङ्ढा ग्रुप के यहां आयकर विभाग के
छापों से बसपा सुप्रीमों मायावती और
बसपा में नंबर दो की हैसियत वाले
कबिना मंत्री नसीमुद्दीन को झटका
देने की कोशिश की गई है। आबकरी
ठेकों के घोटाले में फंसे
नसीमुद्दीन सिद्दकी के साथ पोन्टी
चङ्ढा का नाम भी शामिल हैं। चङ्ढा
मायावती के सबसे करीबी माने जाते
हैं। वह ऐसे शख्स हैं जो मायावती से
किसी भी समय मिल सकते हैं।
पोन्टी चङ्ढा का शराब के साथ फिल्म
डिस्ट्रीब्यूशन,
शुगर मिलों,
पेपर मिलों के
अलावा रियल स्टेट का भी विशाल
कारोबार है। यूपी में प्रिंट रेट से
दस रुपये से 20
रुपये तक ज्यादा
वसूलने वाले पोन्टी चङ्ढा को माया
सरकार का पूरा संरक्षण था। प्रिंट
रेट से ज्यादा पर शराब बिकती रही और
तमाम संगठन आंदोलन करते रहे,
लेकिन अवैधा वसूली
पर रोक नहीं लगी। पोन्टी चङ्ढा ने
प्रिंट रेट से ज्यादा जो भी रकम
वसूली उससे ही हजारों करोड़ रुपये
महीने कमाया। इसी कमाई के बल पर वह
बसपा के फाइनेंसर बन भी गए। विधाान
सभा चुनाव आते ही आबकारी मंत्री
नसीमुद्दीन सिद्दीकी आबकारी ठेकों
में करोड़ो रुपये के घोटाले में फंसे
तो उसमें पोन्टी चङ्ढा भी लपेटे में
आ गए। हलांकि इस घोटाले की जांच चल
रही है।
बसपा के करीबी बने पोन्टी चङ्ढा
कांग्रेस की नजर में काफी दिनों से
खटक रहे थे। लिहाजा आयकर विभाग की
टीम ने बुधावार को छापा मार दिया।
इससे संदेश यही गया है कि कांग्रेस
ने बसपा के फाइनेंसर पर शिकंजा कस
कर मायावती को झटका दिया है। इस बात
के संकेत इससे भी मिलते हैं कि आयकर
अधिाकारियों ने छापे के सुरक्षा के
लिहाज से यूपी पुलिस पर भरोसा नहीं
किया और सीआरपीएफ को बुलाया गया।
अंदर खाने की रिपोर्ट तो यह है कि
पोन्टी चङ्ढा की दिल्ली में डीलिंग
हो गई है। लिहाजा जिस तरह से आयकर
की टीमो ने छापे मारे हैं वैसे छापे
आम तौर पर आयकर विभाग नहीं मारता
है। पहले कोठी पर फिर चङ्ढा सिनेमा
पर और इसके बाद होटल ड्राइव
24 व बेव सिनेमा तक
आयकर अधिाकारी गए। आमतौर पर आयकर की
टीमें एक साथ ही सभी ठिकानों पर
छापे मारती है।
इससे एक दिन पहले मंगलवार से ही
पोन्टी चङ्ढा के इलाके में प्रिंट
रेट से
10 से 20
रुपये ज्यादा कीमत
पर बिकने वाली शराब एक दम प्रिंट
रेट पर बिकने लगी। मंगलवार को लोगों
ने शराब खरीदी तो दंग रग गए
क्याेंकि शुरू में तो लोगों ने
ज्यादा वसूली का विरोधा भी किया था,
लेकिन अब वह ज्यादा
कीमत देने के आदी हो चुके थे। इससे
ही चर्चा शुरू हो गई थी कि अचानक
रेट करने के पीछे कोई न कोई कारण
है। बुधावार का दिन निकला तो कारण
भी स्पष्ट हो गया।
डीआईजी बेखबर थे आईटी के छापे की
खबर से
बरेली
01 फरवरी। (उप्रससे)।।
मुरादाबाद के डीआईजी के कैम्प
कार्यालय के ठीक बगल में और आगे
आयकर की टीम ने छापा मारा तो पूरा
शहर जान गया कि चङ्ढा के यहां छापा
पड़ा है,
लेकिन अपने जिले के
डीआईजी एसएसपी जिनका बंगला चङ्ढा की
कोठी के ठीक पीछे बगल में हैं
उन्हें आयकर के छापे की जानकारी तक
नहीं थी। दोपहर को लंच पर कार्यालय
से कोठी की तरफ आए तो मीडिया का
जमघट देख उन्होंने अपनी गाड़ी रुकवाई
और माजरा पूछा क्या है?
इस पर मीडिया वालों
ने ही उन्हें बताया कि यहां आयकर
अधिाकारियों ने छापा मारा है।
हालांकि एलआईयू दोपहर को सक्रिय हो
गई थी,
लेकिन उसने भी जिले के अधिाकारियों
को इसकी सूचना नहीं दी। इससे जाहिर
होता है कि पुलिस का खुफिया तंत्र
कितनी लापरवाही से काम कर रहा है।