भोपाल,
29 फरवरी। (उप्रससे)।
Bhopal,
Feb. 29, 2012. (U.P.S.S).स्वच्छ छवि का
सामाजिक कार्यकर्ता रही शेहला मसूद की मौत
के बाद उसे लांछित करने का खेल शुरु हो गया
है। उसकी हत्या के अभियुक्तों और
साजिशकर्ता महिला की गिरफ्तार के साथ ही
शेहला मसूद के चरित्र पर सवाल उठाये जाने
लगे हैं। किन्तु स्थानीय जनता यह मानने को
तैयार नहीं है कि शेहला का किसी के साथ
अवैध संबंध था। शहेला मसूद की हत्या की
जांच कर रही सीबीआई ने मंगलवार को तीन लोगों
को गिरफ्तार कर काण्ड का पर्दाफाश किया
है। सीबीआई ने यूपी एसटीएफ के सहयोग से
कानपुर से शातिर इरफान को गिरफ्तार किया।
इसने कबूल किया है कि उसने अपने दो अन्य
साथियों के साथ मिलकर नौ लाख रूपये की
सुपारी लेकर शेहला मसूद की 16 अगस्त 2011
को गोली मारकर हत्या की थी। उन्हें शेहला
मसूद हत्याकाण्ड की सुपारी स्थानीय
इंटीरीयर डेकोरेटर जाहिरा परवेज ने दी थी।
सीबीआई के अनुसार जाहिरा ने स्वीकार किया
है कि उसने शेहला की हत्या करायी थी।
क्योंकि शेहला के उसके पति के साथ रिलेशन
थे। इन रिलेशन की वजह से ही उनसे शेहला
मसूद को अपने रास्ते से हटाने का फैसला कर
लिया था। जाहिरा परवेज का पति यहां एक
पेट्रोल पंप का स्वामी है। जाहिरा का
राजधानी में अच्छा खासा रसूख है। वह
प्रभावशाली लोगों के भी संपर्क में रहती
है। स्थानीय लोगों को आशंका है कि जाहिरा
शायद किसी को बचाने के लिए यह कहानी गढ़
रही है। ताकि लोग इस कहानी पर आसानी से
विश्वास कर लें कि पति के साथ रिलेशन के
कारण शेहला की हत्या करा दी गई थी। जबकि
तमाम लोग यह कह रहे हैं कि शेहला ऐसी तो न
थी। आज सीबीआई ने जाहिरा परवेज को इंदौर
में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश करके
रिमाण्ड पर ले लिया है। सीबीआई ने कल
गिरफ्तार किये गए इरफान और एक अन्य को भी
रिमाण्ड पर लिया है। इनसे लंबी पूछताछ की
जाएगी।
ज्ञातव्य है कि शेहला मसूद प्रमुख आरटीआई
कार्यकर्ता थी। उसने तमाम गलत कामो को
उजागर करने के लिए सूचना अधिकार में आवेदन
करके लोगों की नींद उड़ा रखी थी। उसके कामों
से कई सफेदपोश नेताओं और अधिकारियों को
परेशानानियों का सामना करना पड़ रहा था।
राजधानी के कई बिल्डरों के खिलाफ भी उसने
सूचना अधिकार का उपयोग करके सूचना मांगी
थी।
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