लखनऊ,
30 जनवरी।
(उप्रससे)। पत्रकार और साहित्यकार
रामनारायण त्रिपाठी पर्यटक आज दोपहर
गोमती तट स्थित भैंसाकुण्ड श्मशान घाट
पर पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके शव
को अनुज ने मुखानि दी। अंतिम संस्कार
के अवसर पर भारी संख्या में पत्रकार,
साहित्यकार,
राजनेता और
सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
रामनारायण त्रिपाठी का कल अपरान्ह
निधन हो गया था। वे लगभग 55
वर्ष के थे।
स्व.त्रिपाठी शव यात्रा पूर्वान्ह
लगभग
10
बजे राजाजीपुरम् स्थित उनके आवास से
रवाना हुई। राजेन्द्र नगर स्थित
राष्ट्रधर्म कार्यालय पर उनके शव को
अन्तिम दर्शन के लिए रखा गया। लगभग
12
बजे भैंसाकुण्ड श्मशान घाट पर
अन्त्येष्टि की गई। इस अवसर पर उनके
परिवारीजनों के साथ-साथ राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के अनेक वरिष्ठ
पधाधिकारी मौजूद थे। अन्त्येष्टि के
अवसर पर संघ के वरिष्ठ प्रचारक
ओमप्रकाश,
अशोक बेरी,
चन्द्रिका प्रसाद,
नवल किशोर,
सुरेश कुमार,
प्रांत प्रचारक कृपाशंकर,
सह प्रांत प्रचारक मुकेश,
क्षेत्र कार्यवाह रामकुमार,
प्रांत संघचालक प्रभु नारायण
श्रीवास्तव,वरिष्ठ
पत्रकार नन्दकिशोर श्रीवास्तव,
आनन्द मिश्र अभय,
नरेन्द्र भदौरिया,
अखिलेश वाजपेयी,
सर्वेश कुमार सिंह,
सुभाष सिंह,
भारत सिंह,
भारतीय जनता पाटी के पूर्व संगठन
महामंत्री संजय जोशी,
प्रदेश संगठन महामंत्री राकेश कुमार,
उपाध्यक्ष डा.महेन्द्र सिंह,
सचिव संतोष सिंह और दयाशंकर सिंह
मौजूद थे। इनके अलावा अन्त्तेटि के
अवसर पर भारी संख्या में लेखक,
साहित्यकार उपस्थित थे।
राष्ट्रीय नवोदित साहित्य परिषद् के
संस्थापक अध्यक्ष,
राष्ट्रीय साहित्य परिषद् के अखिल
भारतीय महामंत्री और मासिक पत्रिका
राष्ट्रधर्म के सह सम्पादक रामनारायण
त्रिपाठी विलक्षण प्रतिभा के पत्रकार
और साहित्यकार थे। गत दिनों गंभीर पेट
की बीमारी के चलते उनका इलाज स्थानीय
संजय गांधी स्नात्कोत्तर चिकित्सा
संस्थान (एसजीपीजीआई) में चला।
तदुपरान्त उन्हें हरिद्वार स्थित बाबा
रामदेव के पतंजलि योग संस्थान में
इलाज के लिए भर्ती करया गया। कल
उन्हें राजधानी लाया गया था,
मार्ग में ही उनक ा निधन हो गया।
स्व.पर्यटक मूल रूप से उन्नाव जनपद के
निवासी थे। आजकल वे राजाजीपुरम् में
पत्नी,
दो पुत्रियों के साथ रहते थे।
स्व.त्रिपाठी ने युवा साहित्यकारों को
दिशा देने तथा राष्ट्रवादी साहित्य की
चेतना जगाने के लिए राष्ट्रीय नवोदित
साहित्य परषिद् की स्थापना की थी।
इसके उपरान्त राष्ट्रीय स्तर पर बनी
राष्ट्रीय साहित्य परिषद् के भी वे
राष्ट्रीय महामंत्री निर्वाचित हुए
थे। वे विगत लगभग दो दशक से
पूर्णकालिक पत्रकार के रूप में
राष्ट्रधर्म को अपनी सेवाएं दे रहे
थे। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक के जुडे
थे तथा कुछ समय प्रचारक भी रहे। आजकल
उनके अनुज शिवनारायण त्रिपाठी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी
क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक हैं।
मातृभाषी के प्रति स्व.त्रिपाठी में
उत्कट ललक थी। प्रदेश में उर्दू को
दूसरी राजभाषा बनाये जाने पर हुए
आन्दोलनों में भी उन्होंने बढ़ चढ़ कर
हिस्सा लिया था।
उपजा कार्यालय और राष्ट्रधर्म में शोक
सभा
31
को
राष्ट्रधर्म के सह सम्पादक रामनारायण
त्रिपाठी पर्यटक को श्रध्दाजलि अर्पित
करने के लिए शोक सभा कल
31
जनवरी को
उ.प्र.जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा)
कार्यालय 31-बी,
दारुलशफा में
दोपहर 12
बजे तथा राष्ट्रधर्म कार्यालय में
श्रध्दांजलि सभा सायं 4
बजे आयोजित की गई
है।