आर्थिक मदद की आस में अस्पताल में भर्ती घायलों की आंखे
पथरायीं
(रोहित
माहेश्वरी)
फतेहपुर, 12 जुलाई।
(उप्रससे)। मलवां स्टेशन पर हावडा दिल्ली कालका मेल अप
ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के अडतालिस घंटे बाद भी
जिला चिकित्सालय में दर्द से कराह रहे घायल यात्रियों
को आर्थिक सहायता के रूप में मिलने वाली मदद से ऐसे न
जाने कितने यात्री छूट गये है जो मदद के इंतजार में आस
लगाए दर्द से कराह रहे है लेकिन उनकी पीड़ा को कोई भी
सुनने वाला नही है।
मालूम हो
कि रेल विभाग ने दुर्घटना मारे गये लोगो के परिजनो को
पांच लाख रूपये एवं गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एक
लाख रूपये और आंशिक रूप से घायल यात्रियों को पचास
हजार रूपये आर्थिक मुआवजा देने की घोषणा दुर्घटना के
कुछ ही घंटो बाद कर दी थी। वहीं प्रदेश सरकार ने भी
दुर्घटना में मारे गये लोगो को एक लाख रूपये एवं गंभीर
रूप से घायल यात्रियों को पचीस हजार रूपये की आर्थिक
मदद देने का ऐलान किया था। जिला चिकित्सालय में दर्द
से कराह रहे घायलो को अब तक रेल राज्यमंत्री केएच
मुनियप्पा द्वारा पांच-पांच हजार रूपये की नकद धनराशि
आर्थिक रूप में दी गयी और वहीं राज्य सरकार द्वारा
इलाहाबाद के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने घोषणा के
अनुसार घायल यात्रियों को पचीस हजार रूपये की चेके
देकर आर्थिक सहायता प्रदान की।
आर्थिक
सहायता के वितरण में बरती गयी उदासीनता एवं लापरवाही
के चलते ऐसे न जाने कितने घायल यात्री अब भी जिला
चिकित्सालय सहित शहर के नर्सिंग होमो में पीड़ा से कराह
रहे है जिनको मदद के रूप में केन्द्र एवं राज्य सरकारों
द्वारा एक चवन्नी भी नही मिली है। जिला चिकित्सालय में
भर्ती जिला नोदिया पश्चिम बंगाल निवासी हजरत अली 70
वर्ष के अनुसार वह बर्ध्दमान पश्चिम बंगाल स्टेशन से
जनरल कोच में बैठकर दिल्ली जा रहे थे। हादसे के बाद
उनको कुछ भी याद नही रहा कि वह अस्पताल कैसे पहुंचे।
उन्होने जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक मुझको केन्द्र
एवं राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता के रूप मेें कोई
भी धनराशि नही मिली है।
यही कहना
वार्ड नम्बर एक में इलाज करा रहे गया बिहार के ग्राम
गोलबीघा निवासी राजेन्दर का है। उसने बताया कि वह गया
से बैठकर दिल्ली जा रहा था। दुर्घटना के बाद उसको
एम्बुलेंस द्वारा जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया
और अभी तक आर्थिक सहायता के रूप में उसको कुछ नही मिला
है। उसने स्थानीय लोगो द्वारा खाद्य सामग्री के वितरण
की सराहना कर कहा कि यहां के लोग बहुत अच्छे है जो
दूसरो की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते है। हजरत अली,
राजेन्दर जैसे न जाने कितने घायल यात्री आज भी दर्द से
कराह कर आहें भर रहे है। वहीं दुर्घटना में मारे गये न
जाने कितने परिवार ऐसे है जिनको अभी तक आर्थिक मदद के
नाम पर कुछ नसीब नही हुआ है। उनको आर्थिक सहायता मिल
पाएगी यह गर्त में छिपा है।
पैतालिस घंटे
बाद पटरी पर लौटी जिंदगी
By;
Saqeel Siddiqi (शकील सिद्दीकी)
फतेहपुर, 12 जुलाई।
(उप्रससे)। जनपद में रविवार को मलवां स्टेशन पर हावडा
दिल्ली कालका मेल हादसे के बाद पिछले तीन दिनो से बंद
पडा दिल्ली हावडा रेलमार्ग आज पुन: खोल दिया गया। तीन
दिन से बंद चल रहे रेलमार्ग पर प्रात: 7.55 से आवागमन
आंशिक रूप से शुरू हो गया है। ट्रेनो का आवागमन शुरू
होने में सबसे पहले डाउन लाइन मे यातायात शुरू कराया
गया। उसके बाद अप लाइन पर पहले एक मालगाडी और उसके बाद
मथुरा एक्सप्रेस एवं राजधानी एक्सप्रेस गुजारी गयी। इस
जगह पर ट्रेनो के संचालन में अभी भी विशेष सावधानी बरती
जा रही है और मात्र दस किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से
ट्रेनो को चलाया जा रहा है। पैतालिस घंटे बाद शुरू हुए
ट्रेनो के आवागमन से रेल यात्रियों ने राहत की सांस
ली।
कालका
मेल हादसे के चलते मलवां स्टेशन पर क्षतिग्रस्त हुई
रेल पटरी को ठीक करने का काम अभी भी बडे पैमाने पर
चलाया जा रहा है। रेलवे के मिर्जापुर जोन से लेकर
कानपुर जोन तक के लगभग सात सौ अधिकारीकर्मचारी इस काम
में लगे हुए है। मलवां स्टेशन मास्टर संतोष कुमार के
अनुसार अभी भी ट्रैक को पूरी तरह ठीक होने मे कम से कम
अडतालिस घंटे का वक्त लगेगा।
तकनीकि विशेषज्ञों
द्वारा हादसे की जांच शुरू
फतेहपुर, 12 जुलाई।
(उप्रससे)। मलवां स्टेशन पर हुए हावडा दिल्ली कालका
मेल हादसे की जांच शुरू हो गयी है। इस हादसे की जांच
कर रहे रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त प्रशांत कुमार
ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। रेलवे के
तकनीकि टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचें मुख्य सुरक्षा
आयुक्त ने ध्वस्त हुए कालका मेल के इंजन के साथ ही
दुर्घटनाग्रस्त हुई तेरह बोगियों का बारीकी से
निरीक्षण किया। उन्होने बातचीत में घटना के कारणों का
खुलासा तो नही किया लेकिन टूटी पटरियाें एवं
क्षतिग्रस्त हुए इंजन को देखकर जांच टीम हादसे का कारण
तलाशने में बारीकी से हर बिन्दुओं पर अध्ययन कर रही
है। टीम अभी तक की जांच में दुर्घटनास्थल पर रेल की
पटरी को धंसा हुआ मानकर चल रही है। उन्होने बताया कि
जांच के बाद ही दुर्घटना के सही कारणों का पता लग पाएगा।
उपचार दौरान
झुलसी युवती की मौत
फतेहपुर, 12 जुलाई।
(उप्रससे)। कल्यानपुर थाना क्षेत्र के मौहार गांव में
चार दिन पूर्व चिराग से लगभग तीस वर्षीय महिला गंभीर
रूप से झुलस गयी थी। जिसकी कल शाम उपचार के दौरान जिला
चिकित्सालय में मौत हो गयी।
जानकारी
के अनुसार उक्त गांव निवासी दिनेश की पत्नी रानी देवी
गुरूवार की शाम खाना खाने के बाद अपने कमरे मे सो रही
थी। वहीं आलमारी मे चिराग जल रहा था। तभी अर्धरात्रि
लगभग ग्यारह बजे चूहा के धक्का लग जाने से जलता हुआ
चिराग उसके ऊपर जा गिरा। जिससे वह गंभीर रूप से झुलस
गयी। परिजन उसे आनन-फानन उपचार हेतु जिला चिकित्सालय
में भर्ती कराया। जहां कल शाम सात बजे उसने दम तोड़ दिया।
सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर विच्छेदन के
लिए भेज दिया है।
मलवां स्टेशन का
नजारा देख सहम जाते हैं गुजरती ट्रेनो के यात्री
मलबे में तब्दील
बोगियों से आ रही हैं सडांधयुक्त बदबू
By: Jitendra
Verma, Rajkumar Tilak, Rahul Trivedi, जितेन्द्र वर्मा, राजकुमार
तिलक, राहुल त्रिवेदी
फतेहपुर, 12 जुलाई।
(उप्रससे)।
मलवां
रेलवे स्टेषन में विगत रविवार को हावडा-कालका मेल का
भयावह हादसा होने के बाद घटना के मूल तथ्यों की छानबीन
करने में रेल प्रषासन जहां जुटा है। वहीं तीन सौ से
अधिक घायलो के साथ लगभग अस्सी लोगो की हुई दर्दनाक मौत
का मंजर आज भी क्षतिग्रस्त ट्रेन की बोगियां बता रही
हैं। जिन्हें सेना के जवानो की मदद से इलेक्ट्रिक कटर
के जरिए काट-काटकर मरे हुए यात्रियों के शव निकालने के
बाद भी क्षतिग्रस्त बोगियों से आज भी सडंाधयुक्त बदबू,
खून से लतपथ कपडे, मृतको एवं घायलो के जूते, बैग एवं
सामान नही निकाले जा सके। इस भयावह हादसे की खामियों
को खंगालने मे जुटा रेल प्रषासन चाहे जितना भी छानबीन
कर ले परन्तु जिन परिवारो के सदस्यो की हुई अकाल मौते
एवं जो यात्री सफर करने के दौरान जिंदगी भर के लिए
अपंग हो गया उसकी भरपाई दुनियां की कोई भी सरकार का
करना संभव नही है।
रेल मंत्रालय के निर्देषन पर इस घटना की
छानबीन करने के लिए आए सीआरएस प्रषांत कुमार और उत्तर
रेलवे के संरक्षायुक्त की अगुवई मे कुषल इंजीनियरों की
टीमो द्वारा घटना के मूल कारणो की आज गंभीरता से जांच
की। दुर्घटना के दौरान टूटी रेल की पटरी का टुकडा एवं
पटरी को कसने वाले नट बोल्ट जो उख़डकर बिखरे थे उसे
सुरक्षित संकलित कर इंजीनियरो की टीमो ने बारीकी से
जांच की। जांच के लिए आयी टीमो ने मलवां स्टेषन के
पूर्वी एवं पष्चिमी केबिनो से लेकर सभी अप और डाउन रेल
लाइनो का निरीक्षण किया। बारीकी से सारी तकनीकि खामियों
पर नजर गडाए और तर्को के आधार पर उनका आकलन कर जहां
जांच टीम हर पहलू पर ध्यान दे रही है। वहीं हादसे के
पैतालिस घंटे बाद शुरू हुए रेल आवागमन के बाद मलवां
स्टेषन में रेल की पटरियों का दुरूस्तीकरण के लिए लगभग
सात सौ गैंगमैनो का जत्था युध्दस्तर पर काम तो करता रहा
लेकिन इस भयावह हादसे के बाद वहां पूर्णरूप से वीरानी
सी छायी थी। जहां दो दिनो तक चीख पुकार रोने चिल्लाने,
करूण ंदन की गूंज सुनाई देती थी। मृतको एवं घायलो को
ढूंढने के लिए परिजन विक्षिप्त अवस्था मे इधर से उधर
भटकते दिखायी दे रहे थे आज सब कुछ शांत तो रहा परन्तु
एक भयावह सन्नाटा सा छाया रहा।
देष की सीमाओ की सुरक्षा मे लगे सेना के
जवानो ने इस राष्ट्रीय आपदा मे बिना थके लगातार इक्कीस
घंटे तक भारी मषक्कत के बाद टे्रन हादसे के षिकार घायल
यात्रियों एवं मृतको के शवो को निकालने के बाद जहां
रेल आवागमन को सुचारू रूप से चलाने मे अपनी महती भूमिका
का निर्वहन किया। वहीं इस व्यस्ततम हावडा-दिल्ली रूट
मे रेल कर्मचारी एवं अधिकारी भी जीजान से जुटे रहे।
रविवार दोपहर 12.20 बजे मलवां रेलवे स्टेषन पर कालका
मेल के इंजन सहित पन्द्रह कोच एक दूसरे से टकराकर
गुत्थम-गुत्था हो जाने के बाद अस्सी यात्रियों की
मृत्यु एवं तीन सौ से अधिक घायल होने की घटना पर जहां
इमरजेंसी ब्रेक की कहानी सामने आ रही है। वहीं तकनीकि
जानकार एवं विभागीय इंजीनियरों द्वारा इमरजेंसी ब्रेक
का इस्तेमाल करने से हुए हादसे को पूरी तरह से नकार रहे
है। वहीं रेल विभाग के इंजीनियरों एवं तकनीकि विषेषज्ञो
द्वारा घटनास्थल के किए गये निरीक्षण के बाद जो तथ्य
सामने आए है उससे यह मालूम हुआ कि मालगाडी को लूप लाइन
मे डालकर कालका मेल को मेन लाइन मे प्लेयर करने मे ही
भयंकर तकनीकि चूक हुई है।
जिसे स्थानीय रेल प्रषासन छिपाने का प्रयास
कर रहा है। रेल के इंजन के पहिए का भार भी रेल पटरी न
बर्दाष्त न कर सकी और टुकडो मे रेल पटरी का चिटकना एवं
कसे नट बोल्टो का निकलना भी इस भयावह हादसे का कारण हो
सकता है। जहां एक ओर रेल मंत्रालय घटना की उच्चस्तरीय
जांच कराने के आदेष दिये है। वहीं देष प्रदेष के
राजनेताओ द्वारा रेलवे की लापरवाही बताने और घटना की
वास्तविक जांच की मांग भी किया है। रेल विभाग द्वारा
जांच कार्यवाही प्रारंभ तो कर दी गयी किन्तु रेल
अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए सांच को मिटाने मे
जुटें है। जिस प्वाइंट से ट्रेन के बेपटरी होने की बात
सामने आ रही है। वहां से ट्रैक को हटा दिया गया है। आज
सुबह आठ बजे मलवां रेलवे स्टेषन जिस रेल लाइन में
दुर्घटना घटित हुई थी। सर्वप्रथम मालगाडी जिसका नम्बर
377296 है को उस रूट से निकाला गया। उसके बाद मथुरा
एक्सप्रेस अप, राजधानी एक्सप्रेस डाउन के बाद अन्य सभी
माल एवं यात्री गाडी को सुरक्षा की दृष्टि से घटनास्थल
मलवां रेलवे स्टेषन से दस किलोमीटर प्रति घंटा की
रफ्तार से निकाली जा रही है।
डिप्टी कलक्टर हिकमतउल्ला खां का मनाया गया शहादत दिवस
प्रभात व्यूज
फतेहपुर, 12
जुलाई।
शहीद
डिप्टी कलक्टर हिकमत उल्ला खां सेवा संस्थान द्वारा
मंगलवार को आजादी के नायक शहीद डिप्टी कलक्टर
हिकमतउल्ला खां का शहीद दिवस मनाया। खलील नगर स्थित एक
लाज में शहीद दिवस के उपलक्ष्य में गोष्ठी का आयोजन
किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के रूप में जिला
माडल बार अध्यक्ष केपी सिंह ने डिप्टी कलक्टर
हिकमतउल्ला के जीवन मे प्रकाष डाला तथा देष की आजादी
मे जनपद के रणबांकुरों का विषेष योगदान बताते हुए कहा
कि फतेहपुर की आजादी के इतिहास में खागा के दरियावं
सिंह व उनके पुत्र सुजान सिंह, जमरांवा के ठाकुर
षिवदयाल सिंह, रघुवंष सिंह व बिंदकी के ठाकुर जोधा
सिंह अटैया तथा फतेहपुर के डिप्टी कलक्टर हिकमतउल्ला
साहब की अहम भूमिका थी। इस मौके पर मोहिउददीन एडवोकेट,
एफ रहमान, गजानंद भंते, गयासुददीन लडडन, हयात अहमद आदि
रहे।
आदर्श तालाबों का पानी कागजों में भरा
जोनिहा (फतेहपुर),
12 जुलाई।
कस्बे
के आदर्ष तालाबो में कागजो मे ही पानी भरा है। जिसके
चलते लोग बराबर जल संकट से जूझ रहे है। जानवरो को पीने
के लिए पानी नही मिल पा रहा है। तालाब मे पानी भराने
के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है। वाह रे!
ईमानदारी ब्लाको से सूची जारी की जाती है कि आदर्ष
तालाबो में पानी लबालब है। पेड पौधे लगे हुए है। चौतरफा
हरियाली के बीच बैठने की उचित व्यवस्था है। आदर्ष
तालाबो की सुंदरता देखती ही बनती है। ऐसे सूचनाएं
सुनकर शहर के लोग भी सोचते होंगे कि चलो गांव घूम आए।
लेकिन गांव आने पर सारी हकीकत खुलकर सामने आ जाती है।
आदर्ष तालाबो को अगर आप देखना चाहो तो खजुहा ब्लाक में
देखों अधिकांष ग्रामसभाओं के तालाब की स्थिति दयनीय
है। तालाबो में बरसात का गंदा पानी ही भरा है। पेड पौधे
नाम की कोई चीज नही है। बैठने के लिए बनायी गयी सीमेंट
बेन्चे ध्वस्त है, द्वार टूट पडे है। आखिर इससे तो यह
ही लगता है कि आदर्ष तालाबो की सुंदरता के धन का
बंदरबांट किया गया।
घायल यात्रियों की खोज में अभी-भी भटक रहे परिजन
फतेहपुर, 12 जुलाई।
(उप्रससे)।
जनपद
के मलवां स्टेषन पर रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हुई कालका
मेल के जिंदा एवं मुर्दा यात्रियों को जिला चिकित्सालय
पहुंचाया गया था। यहां से गंभीर स्थिति के घायलो को जहां
कानपुर, इलाहाबाद रिफर किया गया। वहीं अस्पताल में बेड
कम पड जाने पर शहर के नर्सिंग होमो में भी घायलो को
भर्ती कराया गया। यह हादसा इतना भयावह रहा कि गम की
छाया अभी भी घायलों के परिजनो के चेहरो पर ही नही बल्कि
जनपदवासियों के चेहरो पर भी साफ दिख रही है। प्रषासनिक
अमले ने घायलो को भर्ती कराने और शवो को पीएम हाउस
पहुंचाने में किस तरह से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन
किया। इसकी पोल ट्रेन मे सवार यात्रियों के परिजनो के
आने पर खुलने लगी है। मृतक एवं घायल यात्रियों की जो
सूची जिला चिकित्सालय सहित अन्य अस्पतालों मे चस्पा की
गयी है। उनमें परिजनो को हादसे का षिकार हुए अपनों के
नाम तो अंकित दिखायी दे रहे है परन्तु उन्हें जो हादसे
में मरे है न तो उनके शव मिल रहे है और न ही जो घायल
है वह अस्पतालो के बेड पर दिखाई दे रहे है। अपनो की
खोज में भटक रहे परिजन आंसू बहा रहे है। इनके आंसुओ को
पोंछना तो दूर की बात प्रषासनिक अमला इन्हें सही
जानकारी नही उपलब्ध करा पा रहा है।
सडक हादसे में सिपाही सहित दो की मौत
फतेहपुर, 12 जुलाई।
(उप्रससे)।
डयूटी
पर जा रहे एक सिपाही की ट्रक पर चढते समय गिरकर उसी
ट्रक के नीचे आ जाने के कारण कुचलकर दर्दनाक मौत हो गयी।
प्राप्त विवरण के अनुसार घाटमपुर थाना क्षेत्र के
ग्राम जैतीपुर निवासी सिपाही धर्मेन्द्र सिंह जो जनपद
बांदा के अर्तरा थाना में तैनात था। जिसका ट्रांसफर आठ
जुलाई को बबेरू थाने की सिमौनी चौकी मे हुआ था। सिपाही
डयूटी ज्वाइन न कर सीधे गांव चला आया था। मंगलवार को
प्रात: वह डयूटी जाने के लिए जैसे ही बिंदकी नगर के
ललौली चौराहा पर ट्रक नम्बर एमपी196379 पर चढने लगा।
तभी उसका हांथ फिसल गया और वह ट्रक के पिछले पहिए की
चपेट में आ गया। जिससे उसकी मौके पर ही कुचलकर दर्दनाक
मौत हो गयी। हष्दय विदारक घटना से उसके परिवार में
कोहराम मच गया। पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम
के लिए भेज दिया है। उधर जाफरगंज थाना क्षेत्र के
ग्राम मंडवा निवासी इन्द्रपाल सिंह का 35 वर्षीय पुत्र
हजारी कल शाम शौचयिा के लिए जा रहा था तभी सडक पार करते
समय अज्ञात वाहन की चपेट मे आ जाने से गंभीर रूप से
घायल हो गया। उपचार के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया।
जहां चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर दियां पुलिस ने शव
को कब्जे मे लेकर विच्छेदन गृह भेज दिया।
रेल हादसा :
फतेहपुरवासियों की मानवता को सलाम
फतेहपुर, 12 जुलाई।
(उप्रससे)।
रविवार को जनपद के मलवां रेलवे स्टेशन पर
दुर्घटनाग्रस्त हुई कालका मेल के घायल यात्रियों की
जान बचाने की पहल सबसे पहले आसपास स्थित गांवो के
ग्रामीणो ने करते हुए सरकारी अस्पताल पहुंचाया। मानवता
की शुरूआत यहां से हुई तो अभी तक जारी है। मदद करने के
लिए जो हांथ उठे उन्होने यह नही देखा कि कौन राम है और
कौन रहीम! सिर्फ इंसान को बचाने के लिए इंसान अपनी
इंसानियत को दिखाते रहे। इतना ही नही खुद भी मीडिया के
सामने खुलकर आने की आवश्यकता नही समझी। सिर्फ और सिर्फ
घायल यात्रियों की मदद में लगे रहे। मदद के इस सिलसिले
मेंं ऐसे लोग ज्यादातर शामिल रहे जिनका राजनीति या
समाजसेवा से दूर-दूर तक का कोई लेना-देना नही है। इसमें
कुछ ऐसे लोग भी देखे गये जिन्हें लोग लखैरा ही समझते
थे। लेकिन इन लखैरो ने भी साबित कर दिया कि उनके अंदर
भी इंसानियत का जज्बा अभी जिंदा है। जनपदवासियोें की
इसी मानवता को आज हर सख्स सलाम कर रहा है। आखिर करें
भी क्यूं न जिससे जो बन पडा उसे करने में पीछे नही रहे।
मदद करने का जो उत्साह लोगो के अंदर रहा उससे उन्हें
अपने शरीर की भी चिंता नही रही कि इसे भी ऊर्जा के लिए
कुछ खाने-पीने की जरूरत है। बस जोश रहा तो इस बात का
कि घायलों को किसी बात की कोई कमी या तकलीफ न होने पाए।
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