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:पैसों के अभाव में नर्सिंग होम से 15 घण्टे बाद मिला शव

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Publised on : 2011:07:09    Time 19:32                                      Update on  2011:07:10    Time 08:00 

डॉ. राधारमण चित्रांशी
वाराणसी, 09 जुलाई। (उप्रससे)। नगर के चर्चित नर्सिंग होम एक रोगी की मौत के बाद पैसों के लिए अस्पताल प्रबंधन ने शव को 15 घंटे तक परिजनों को नहीं सौंपा। डी.आई.जी. व मानवाधिकार समिति के पदाधिकारियों के हस्तक्षेप व परिजनों के हंगामें के बाद नर्सिंग होम के प्रबंधकों ने शव को उसके परिजनों को सौंप दिया।
इस संबंध मे विधिक परामर्श मानवाधिकार समिति के पदाधिकारी रमेश जी ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व बिहार के सासाराम का महेन्द्रसिंह गर्दन के दर्द से परेशान होन के कारण अपना उपचार कराने हेतु अलकनंदा हॉस्पिटल में पहुंचा। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे बताया कि उसके गर्दन की नस दब रही है। इस कारण दर्द है। इसका ऑपरेशन करना होगा। ऑपरेशन का खर्च 32 हजार रुपया लगेगा तथा दवायें रोगी को ही खरीदनी होगी। उसने ऑपरेशन का 32 हजार हॉस्पिटल में जमा कर दिया। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर दिया। लेकिन ऑपरेशन में हुई चूक के कारण महेन्द्र के भोजन की नली कट गयी। गलत ऑपरेशन होने के कारण वह (कोमा) में चला गया। इस बीच डॉक्टरों ने उसका उपचार करने के नाम पर अस्पताल में रोके रखा। 8 जुलाई की रात 12 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजेन्द्र को मृत घोषित करते ही राजेन्द्र के मौजूद परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों ने जब मृतक का शव लेना चाहा तो प्रबंधन के लोगों ने यह कह कर मना कर दिया कि तुम्हारे रोगी पर 61 हजार का बकाया है पहले रुपया जमा करो तब शव मिलेगा। परिजनों ने कहा कि जब ऑपरेशन के सभी खर्चों के साथ ही उसने 32 हजार जमा कर दिया है तब क्यों पैसा माँगा जा रहा है और अब उनके पास तो मृतक के यिाकर्म के लिए भी पैसा नहीं है। इस पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर विधिक परामर्श मानवाधिकारी के कई लोग वहाँ पहुंच गये। उन्होंने भी प्रबधन पर इस बात के लिए दबाव बनाया कि जब उनकी गल्ती से रोगी की मौत हुई तब किस बात का पैसा माँगा जा रहा है। समिति को लोगों ने इसकी शिकायत डी.आई.जी. लालजी शुक्ला से की। उन्होंने भी पहल किया। लेकिन प्रबंधन के लोग जो काफी दबंग किस्म के हैं शव देने से इनकार कर दिया। आज दोपहर तीन बजे तक चले हंगामें के बाद जब समिति के लोगों ने एकत्र कर 30 हजार रुपये हॉस्पिटल प्रबंधन को दिया तब उन्होंने रोगी पर 31 हजार रुपया बकाया दिखा कर उसका शव परिजनों को सौंपा और वे अंतिम संस्कार हेतु बिहार ले गये। आज पूरे नगर में इसी बात की चर्चा रही कि नगर में चलने वाले अधिकांश नर्सिग होमों व अस्पतालों में इसी तरह से मृतकों के शवों को कब्जे में रख कर प्रबंधकों द्वारा शवों का सौदा कर वसूली की जा रही है लेकिन अधिकांश नर्सिंग होम संचालक या तो दबंग हैं अथवा सत्ताा पक्ष से जुड़े हैं इस कारण अधिकारी भी चुप्पी साधने में ही अपना हित समझते हैं।

खड़ंजा निर्माण में खूनी संघर्ष, एक की मौत
पांच मनरेगा मजदूरों समेत एक दर्जन घायल
मिर्जापुर, 09 जुलाई। (उप्रससे)। जिलेके कछवां थाना क्षेत्र के तिवारीपुर में आज प्रात: 9 बज ख़डंजा निमाण को लकर हुए खूनी संघर्ष में पथराव हुआ एवं ताबडतोड़ गोलीचली, जिसमें मीरा दूबे (38) की गोली लगने से मृत्यु हो गयी, जबकि एक दर्जन अन्य घायल हो गये। घायलों में दूबे परिवार के पाँच सदस्य एवं आधा दर्जन मनरेगा कर्मियों को जिला अस्पताल में भर्ती करवायागया है। डी.एम. एस.पी. सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर डटी हुई है। पुलिस ने चार लोगों को समाचार लिखे जाने तक हिरासत में ले रखा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तिवारीपुर में गत 6 माह से विवादित चकरोड का मामला गरमाया था। कल भी इसी को लेकर दो पक्षों मे विवाद हो गया था, लेकिन पुलिस को सूचित किये बगैर ग्राम प्रधान उमानाथ बिंद ने लगभग 20 मनरेगा मजदूरों को आज प्रात: काम पर लगा दिया। जिस पर इस विवादित तजमीन पर अपना दावा कर रहे रामा दूबे बौखला उठ। जव वह मौके पर पहुंच नापी की मांग करने लगा तो आरोप है कि एक पक्ष ने ललकार लगा दी। जिस पर मजदूरो ने दबगई कर रहे रामा दूब पर पथराव कर दिया। अपनी पिटायी से क्षुब्ध रामा भअग कर घर पर गया। उसकी स्थिति दख उसके परिजन दोनाली बंदूक एवं तमंचे आदि ले ख़डंजा निर्माण स्थल पर आकर हवाई फायरिंग करने लगे। उनका इरादा खतरनाक देख प्रधान तो दीवार की ओट में छुप गया, लेकिन हमलावरो की राह में मनरेगा कर्मी एव अध्यापक छुट्टन दूबे का परिवार आ गया। मृत महिला के पुत्र विशाल ने बताया कि दोनाली बदूक ले रख त्रिभुवन दूबे उर्फ बाबा, सोनू, प्रकाश, ताडकनाथ, आदि दर्जन भर लोग जो तमंचा और लाठी ले रखे थे, ने गोली चलानी शुरू कर दी। बरामदे में ख़डी अध्यापक की पुत्रवधू मीरा को गोली मार उन्होंन वहीं ढेर कर दिया, तभी हमलावरो के सामने टयूशन पढाकर आ रहे मीरा के ससुर छुट्टन पड गय। हमलावरों ने उन्हें भी गोली मार कर घायल कर दिया। आरोप है कि लगभग बीस राउंड गोली चली, जिसमें दूबे परिवार से छुट्टन दूबे (50), राकेश (13), वंदना (15), आरती (17) और मनरेगा कर्मी छांगुर (50), लालचंद (45), शैल कुमारी (50), लल्लन (60), मंटू राम (45), उनका पुत्र पप्पू (20), नन्हकू (18) शामिल हैं। ये सभी मनरेगा कर्मी बिंद बिरादरी के हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक सिटी श्रीपति मिश्र ने बताया कि पुलिस ने चार आरोपियों कोहिरासत में लेरखा है, जिसमें त्रिपुरारी दूबे उर्फ बाबा भी दोनाली बंदूक के साथ पकडा गया है। वे और सी.ओ. सदर शेष की तलाश में दबिश डाल रहे थे। पुलिस अधीक्षक के सत्यनारायण ने बताया कि धायलों में आठ मनरेगा श्रमिक है, शेष चार लोगदूबे परिवार के हैं, उनका कहना रहा कि ख़डंजा निर्माण के दौरान पहले मनरेगा कर्मियों से पथराव करवाया गया था। परिणाम स्वरूप यह घटना हुई। घटना के बाद गांव में पहुंची पुलिस के समक्ष गोली चलाने वाले त्रिपुरारी पाण्डेय ने अपनी दोनाली बंदूक के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं पुलिस ने ग्राम प्रधान उमाशंकर बिद को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस घटना की छानबीन में जुटी है।
अंतर्जनपदीय वाहन चोर गिरोह के तीन सदस्य बंदी : नौ बाइकें बरामद
वाराणसी, 09 जुलाई। (उप्रससे)।चतगज पुलिस को बीती रात हल्की मुठभेड़ के बाद अतजनपदीय वाहन चोरों के गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने मे सफलता मिली। पुलिस ने इनके कब्जे स चोरी की न मोटर सायकिल, एक रिवाल्वर, पाच जिंदा कारतूस व एक खोखा बरामद किया। यह जानकारी आज दोपहर एस.पी. सिटी मानसिंह चौहान ने अपने कार्यालय में पत्रकारो को दी। उन्होंने बताया कि इस्पेक्टर चतगंज हरिपाल सिंह को मुखबिर स सूचना मिली कि अर्तजनपदीय वाहन चोरों के गिरोह के तीन सदस्य संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पीछे वी.सी. आवास के समीप तिराहे पर मौजूद हैं। उनके पास चोरी की तीन मोटरसायकिल भी है, जिसे बेचने के लिए उन्होंने ग्राहक को बुलाया है। इस सूचना पर इंस्पेक्टर एस.एस.आई.अमरपाल सिंह, एस.आई. एन.के.शर्मा एवं हमराहियों को साथ लेकर जब वहां पहुंचे तो वाहन चोर पुलिस को देखकर भागने लगे। इस पर पुलिस दल ने पीछाकर हल्की मुठभेड़ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके पर ही तलाशी में इनके पास से 38 बोर की एक रिवाल्वर, पांच जिंदा कारतूस एवं कारतूस का एक खोखा तथा चोरी की तीन मोटरसायकिलें बरामद किया। पुलिस सभी को गिरफ्तार कर थाने लायी। थाने पर गहन पूछताछ में पुलिस नेइनकी निशानदेही पर मुगलसराय क्षेत्र से चोरी की छ: मोटरसायकिलें, जो एक सुनसान स्थान पर छिपाकर रखी गयी थी, रात को ही दबिश देकर बरामद कर लिया। एस.पी.सिटी ने बताया कि गिरफ्तार किये गये अंतर्जनपदीय चोरो में बलिया निवासी आनंद पाठक, भभुआ (बिहार) निवासी दीपक पांडेय एव मुगलसराय क्षेत्र के पडाव स्थित सूजाबाद निवासी मंटू तिवारी हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों का अतर्जनपदीय गिरोह है, जो विभिन्न जिलों में संगठित हो कर वाहन चोरी की घटना को अंजाम देते हैं।



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