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यूपी सरकार किसानों पर मेहरबान,तीन प्रतिशत ब्जाय पर मिलेगा कर्ज

Tags:  Agriculture crop loan @ 3% in U.P. State, Approvel by cabinet

Publised on : 2011:07:11    Time 23:31                                      Update on  2011:07:11   Time 23:31

Lucknow, July 11,2011, Uttar Pradesh Samachar Sewa लखनऊ, 11 जुलाई। (उप्रससे)। प्रदेश सरकार किसानों पर मेहरबान हो गई है। सरकार ने आज मंत्रिपरिषद् की बैठक में किसानो ंके लिए कई महत्पवूर्ण फैसले लिये। प्रदेश में पहली वार किसानों को फसली ऋम 3 प्रतिशत ब्याज पर देने का फैसला किया गया है। यह देश के किसी भी राय में अभी तक लागू सबसे कम ब्याज दर है। सरकार ने यह भी फैसला किया है कि वह इसी साल किसानों को 4 हजार करोड़ रूपये का कर्ज बांटेगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने किसानों को भूमि अधिग्रहण के बाद मिलने वाली प्रस्तावित वार्षिक का भुगतान सुविधाजनक ढंग से करने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ करार करने का भी फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन में वृध्दि तथा प्रदेश के छोटे-छोटे किसानों के हित के लिये सहकारिता ऋण एवं अधिकोषण योजना के तहत वर्ष 2011-12 से प्रारम्भिक सहकारी कृषि ऋण समिति (पैक्स) के माध्यम से प्रदेश के किसानों को 03 प्रतिशत ब्याज की दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इससे प्रदेश के लाखों किसान लाभान्वित होंगे।
इस आशय के प्रस्ताव को आज उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदित किया गया। मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार वर्ष 2011-12 से किसानों को 03 लाख रूपये तक के फसली ऋण 07 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जायेगा। जो किसान वर्तमान फसली वर्ष में नियमित रूप से प्रतिदान करेंगे। उनको भारत सरकार से अनुमन्य 03 प्रतिशत एवं राज्य सरकार से 01 प्रतिशत का अतिरिक्त ब्याज अनुदान उपलब्ध होगा। इस प्रकार नियमित रूप से भुगतान करने वाले किसानों को सहकारिता क्षेत्र में 03 प्रतिशत की ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में किसानों को सस्ते ब्याज दरों पर फसली ऋण सुलभ कराने के लिये न्याय पंचायत स्तर पर प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियां (पैक्स) जिला स्तर पर जिला सहकारी बैंक तथा प्रदेश स्तर पर यू0पी0कोआपरेटिव बैंक शीर्ष बैंक त्रिस्तरीय अल्पकालीन सहकारी साख ढाँचा कार्यरत है। किसानों की फसली ऋण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये पैक्स द्वारा उन्हें सदस्य बनाकर ऋण वितरित किया जाता है। सदस्य बनाने के उपरान्त पैक्स द्वारा किसान की जोत एवं जिला स्तरीय तकनीकि समिति द्वारा फसलवार निर्धारित वित्तमान के आधार पर सम्बन्धित जिला सहकारी बैंक से ऋण सीमा स्वीकृत कराकर किसानों को नकद एवं कृषि निवेश के रूप में ऋण दिया जाता है।
सम्बन्धित जिला सहकारी बैंक द्वारा जिले की पैक्स की फसली ऋण आवश्यकताओं के लिये उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक से ऋण सीमा स्वीकृत कराकर आवश्यकतानुसार पुनर्वित्त प्राप्त करके समितियों को माध्यम से किसानों को फसली ऋण सुलभ कराये जाने की व्यवस्था है। उ0प्र0कोआपरेटिव बैंक द्वारा जिला सहकारी बैंकों की फसली ऋण आवश्यकताओं के लिये स्वयं के संसाधनों तथा नाबार्ड से ऋण लेकर संसाधनों की व्यवस्था की जाती है।
प्रदेश में किसानों के हित के लिये पैक्स के माध्यम से वितरित फसली ऋणों पर राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2006-07 से निर्धारित ब्याज अनुदान की व्यवस्था के अन्तर्गत गत् फसली वर्ष में जिन किसानों द्वारा नियमित रूप से प्रतिदान किया गया हो, उन कृषकों को वर्तमान वित्तीय वर्ष में अल्पकालीन ऋण 06 प्रतिशत की ब्याज दर दिया जाता है एवं पूर्व के वर्ष में अनियमित प्रतिदान करने वाले किसानों को वर्तमान फसली वर्ष में अल्पकालीन ऋण 07 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जाता है।
अत: जिन किसानों द्वारा वर्तमान फसली वर्ष में नियमित रूप से प्रतिदान किया जाता है, उनके ब्याज में छूट का समायोजन भारत सरकार की ब्याज अनुदान की व्यवस्था से धनराशि प्राप्त कर ली जाती है। परन्तु जिन किसानों ने गत् वर्ष नियमित रूप से प्रतिदान किया हो एवं वर्तमान वर्ष में अल्पकालीन ऋण का भुगतान निर्धारित तिथि तक नहीं किया जाता है तो उनपर वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार की योजना के अनुसार 06 प्रतिशत की ब्याज दर पर चार्ज की जाती है।
इस निर्णय से राज्य सरकार द्वारा देय अनुदान में वृध्दि नहीं होगी वरन् आकर्षक ब्याज दर होने के फलस्वरूप यह संभावित है कि किसान अधिक ऋण प्राप्त करेंगे, जिसके फलस्वरूप ब्याज अनुदान में अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होगी। चालू वित्तीय वर्ष हेतु यह धनराशि 10 करोड़ रूपये के अन्तर्गत ही सम्भावित है, जिसकी व्यवस्था अगले वित्तीय वर्ष से की जायेगी। क्योंकि रबी के दौरान वितरित ऋण के सापेक्ष ब्याज अनुदान का भुगतान अगले वित्तीय वर्ष में किया जाना होगा। चालू वित्तीय वर्ष 2011-12 में ब्याज अनुदान मद में 42.20 करोड़ रूपये का बजट का प्राविधान किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा इस अतिरिक्त अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराने से यह सम्भावित है कि सहकारी समितियों के माध्यम से वर्ष 2011 में 04 हजार करोड़ रूपये का ऋण वितरण होगा। यह वितरण गत् वर्ष के वितरण से 737.06 करोड़ रूपये (22.58 प्रतिशत) अधिक होगा। किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से इस दर पर अधिक अल्पकालीन वितरण उपलब्ध कराने से कृषि निवेशकों का समय से आवश्यकता के अनुरूप प्रयोग करने के अनुरूप किसान सक्षम होंगे, जो कृषि उत्पादन एवं किसान की आमदनी में वृध्दि में सहायक सिध्द होंगे।

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