लखनऊ।
समाजवादी पार्टी के नेता विजय बहादुर यादव को चिनहट
क्षेत्र में ग्राम सभा की जमीन पर कब्जे के प्रयास में
ग्रामीणों से दंबंगई के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर
जेल भेज दिया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती माया
देवी के पति एवं जिला पंचायत सदस्य विजय बहादुर यादव
ने गुरुवार को चिनहट क्षेत्र् के बाघामऊ गांव में
ग्राम सभा की जमीन पर कब्जे का प्रयास किया था। यहां
ग्रामीणों ने कब्जे का विरोध किया तो यादव ने अपने एक
हिस्ट्रीशीटर साथी के साथ मिलकर ग्रामीणों पर हमला बोल
दिया।विरोध कर रहीं महिलाओं और पुरुषों को दौड़ा-दोड़ा
कर पीटा गया। हमले में कई ग्रामीण गंभीर रुप से घायल
हो गए थे। ग्रामीणों पर हमले में हिस्ट्रीशीटर
रघुनन्दन कालिया, ग्राम प्रधान मनोज यादव और करीब 150
लोगों ने उसका साथ दिया। इन लोगों ने अधिवक्ता इन्दल
लोधी के आवास पर हमला किया। हमले में अधिवक्ता परिवार
की महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया। महिलाओं के कपड़े तक
फाड़ दिये गए। सपा नेता की शिकायत पुलिस में की गई तो
कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके मामला मीडिया में सुर्खियां
पा गया। मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने पर कड़ी
कार्रवाई के निर्देश हुए। इस पर शुक्रवार को पुलिस ने
विजय बहादुर यादव को गिरफ्तार कर लिया। इसके पूर्व
विजय बहादुर यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर उसके
समर्थकों ने थाने पर प्रदर्शन किया और रास्ता जाम कर
दिया। बाद में क्रास एफआईआर का आश्वासन मिलने के बाद
जाम समाप्त किया गया।
विजय बहादुर और
माया सपा से बर्खास्त
जमीन कब्जाने और ग्रामीणों पर
ज्यादती करने के आरोप में समाजवादी पार्टी के प्रदेश
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विजय बहादुर यादव और जिला
पंचायत अध्यक्ष श्रीमती माया देवी को पार्टी से
बर्खास्त कर दिया है।