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Politics:मुस्लिम
संगठनों का बन रहा एक नया मोर्चा |
Tags: U.P.Samachar Sewa, U.P.
News, UP Web News |
Publised
on : 13 July 2016, Last updated
Time 22:48 |
लखनऊ।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मुस्लिम संगठन आपस में
मिलकर नया मोर्चा तैयार करने जा रहे हैं। इसमें मुस्लिमों
की पैरवी करने वाले दलों को शामिल किया जा रहा हैं।
आगामी 19 जुलाई को इस मोर्चे का ऐलान होने की उम्मीद
जतायी जा रही है।
इस मोर्चे में कौमी एकता दल तथा पीस पार्टी सहित करीब
आधा दर्जन दलों को षामिल किया गया हैं। इसके पीछे मुस्लिम
संगठनों के नेताओं का तर्क है कि इसके जरिए मुस्लिम
मतों के बीच बिखराव को रोकने की कोशिश की जाएगी। इस
मोर्चे को सपा, बसपा, बीजेपी और कांग्रेस के विकल्प के
रूप में पेष करने की तैयारी चल रही है।
सभी मुस्लिम संगठन को एकजुट कर चुनाव में मजबूती से
उतरने की कोशिश की जा रही है। अभी तक सपा, बसपा,
कांग्रेस ने मुस्लिम मतों का जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल
ही किया है। किसी भी दल ने मुस्लिम वर्ग की तरक्की
के लिए कोई काम नहीं किया है। इसमें वेलफेयर पार्टी
ऑफ इंडिया, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया,
मुस्लिम महाज, इंडियन मुस्लिम लीग, परचम पार्टी और
मुस्लिम मजलिस शामिल हैं।
मुस्िलम संगठन के एकजुट होने से सबसे ज्यादा नुकसान
सपा, बसपा और फिर कांग्रेस को होगा। अभी तक सपा का
बेस वोट यादव और मुस्लिम ही रहा है। पार्टी के पास
आजम खान जैसा कद्दावर चेहरा भी है। बसपा दलित-मुस्लिम
गठजोड को आगे कर रही है। ऐसे में या मोर्चा बसपा की
सोषल इंजीनियरिंग को बिगाड सकता है। कांग्रेस ने
मुस्लिम मतों को एकजुट करने के लिए भले ही गुलाम नबी
आजाद को उतारा है,उसकी निगाहें मुस्लिम मतों पर है।
लेकिन यह मोर्चा यदि उभरा हो कांग्रेस की हालत और पतली
हो जायेगी।
प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी करीब 20 पतिषत है।
रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर,
ज्योतिबा फुले नगर और बलरामपुर, मेरठ, बहराइच,
श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बागपत, गाजियाबाद, पीलीभीत,
संतकबीरनगर, बाराबंकी, बुलंदशहर, बदायू यह मतदाता
निर्णायक स्थित में है जो चुनाव को प्रभावित कर सकते
है।
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News
source: UP Samachar Sewa |
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upsamacharsewa@gmail.com
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