डा.सचान
की मौत को आत्महत्या मान रही है
सरकार.सीबीआई जांच से इनकार
लखनऊ, 23 जून। (उप्रससे)। जिला कारागार
में सद्धि परिस्थितियों में हुई डा.वाई एस
सचान की मौत पर प्रदेश सरकार ने आज अपना
रुख स्पष्ट किया है। सरकार ने डाक्टर सचान
की मौत को प्रथम दृष्टया आत्महत्या माना
है। सरकार ने इस मामले की सीबीआई से जांच
कराने से भी इनकार कर दिया है। हालांकि
उन्होनें यह भी बताया कि पोस्टमार्टम
रिपोर्ट के अनुसार उनकी मौत अत्यधिक
रक्तस्राव से हुई है। यह तथ्य आज रात
एनेक्सी स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों
से बातचीत में केबिनेट सचिव शशांक शेखर
सिंह ने प्रस्तुत किये।
श्री सिंह ने कहा कि डाक्टर सचान की मौत
आत्महत्या प्रतीत होती है। उन्होने बताया
कि आज हुए पोस्टमार्टम के लिए डाक्टरों का
पांच सदस्यीय बोर्ड बनाया गया था। इस
बोर्ड की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ तथा
इसकी वीडियोग्राफी करायी गई। उन्होंने कहा
कि डाक्टर सचान के शरीर पर चोटों के नौ
निशान पाये गए हैं। उनकी गर्दन, दोनों
कोहनी और जांघ पर व्लेड से काटे जाने के
निशान थे। इसके अलावा गर्दन पर एक घेरा
था। उन्होने कहा कि डाक्टरों के अनुसार
मृत्यु पोस्टमार्टम होने के 24 घंटे के
भीतर हुई है। मृत्यु का कारण अधिक
रक्तस्राव होना बताया जाता है। उन्होनें
बताया कि बिसरा सुरक्षित करा दिया गया है।
पूरे मामले की मजिस्टीयल जांच करायीजा रही
है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ
स्पष्ट कहा जा सकेगा।
श्री सिंह से जब यह पूछा गया कि इस मामले
की सीबीआई से जांच कराने की मांग की जा रही
है। तो उन्होने कहा कि यह मामला सीधे तौर
पर डा.बी.पी.सिंह हत्याकाण्ड से जुड़ा है।
इस हत्याकाण्ड के अभियुक्त पकड़े जा चुके
हैं। वे जेल में हैं। डाक्टर सचान ने भी
हत्या मे ंसंलिप्तता स्वीकार कर ली थी।
इसलिए इस मामले की सीबीआई जांच की कोई
जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले की
पारदर्शी तरीके से जांच करायी जाएगी।
जेलर,
डिप्टी जेलर समेत पांच निलंबित
लखनऊ, 23 जून। (उप्रससे)। डिप्टी सीएमओ
डा.वाई.एस.सचान की जिला जेल में संदिध
परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में आज
सरकार ने जेलर, डिप्टी जेलर समेत पाचं लोगों
को निलंबित कर दिया गया है। सरकार ने इन्हें
लापरवाही का दोषी मानाहै।
केबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने बताया कि
इस मामले में लापरवाही के आरोप में जेलर
जे.पी.श्रीवास्तव, डिप्टी जेलर सुनील
कुमार सिंह, प्रधान बंदी रक्षक बाबूराम
दुबे, बंदी रक्षक अनिल कुमार त्रिपाठी,
रामनरायन तिवारी को निलंबित कर दिया गया
है।
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