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कानून व्यवस्था सुधारने को अफसरों को चेतावनी
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Publised on : 2011:06:27      Time 19:03                               Update on  2011:06:27      Time 19:03   

सीएम शुरु करेंगीं प्रदेश का औचक दौरा, बडे अफसरों पर होगी कार्रवाई
लखनऊ, 27 जून। (उप्रससे)। प्रदेश की चरमराई कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बुलाई गई वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में आज मुख्यमंत्री मायावती ने कड़े तेवर दिखाये। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि अब महिलाओं और बच्चियों के साथ कहीं दुष्कर्म हुआ तो संबंधित जिले के अधिकारी की खैर नहीं। उन्होंने कहा कि विधान सभा का मानसून सत्र समाप्त होने के बाद अगस्त में वे राय का आकस्मिक दौरा करेंगीं। उन्होंने यह भी कहा कि अब छोटे अधिकारियों के साथ-साथ बड़े अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष फरवरी तथा मार्च में उनके प्रदेश व्यापी आकस्मिक निरीक्षण के दौरान जो कमियां पाई गई है, उनको भी आगामी निरीक्षण के दौरान देखा जायेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में पायी गई खामियों को दूर करने के लिए किये गये प्रयासों का निरीक्षण शासन स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों को भेजकर भी कराया जायेगा।
प्रदेश में कानून-व्यवस्था एवं विकास को और ज्यादा चुस्त-दुरुस्त बनाने हेतु मुख्यमंत्री ने प्रदेश को तीन जोनों में बॉट कर प्रत्येक जोन में विकास एवं कानून-व्यवस्था हेतु अलग-अलग वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जोन में छ:-छ: मण्डलों को रखा गया है। इन वरिष्ठ अधिकारियों को हर महीने छ: दिन अपने-अपने जोन में पूरा समय देकर निर्धारित बिन्दुओं पर समीक्षा करनी होगी और अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करानी होगी। इस सम्बन्ध में अलग से विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी आज यहां सचिवालय स्थित तिलक हॉल में विकास एवं कानून-व्यवस्था से सम्बन्धित राज्य स्तरीय बैठक को सम्बोधित कर रही थीं।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चियों पर होने वाले अपराधों को सख्ती से रोकने के कडे दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी वर्ग अथवा समुदाय की महिलाओं व बच्चियों के साथ होने वाली घटनाओं पर समय से सही प्राथमिकी दर्ज कराकर उससे सम्बन्धित असली अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि पेचीदा मामलों में भी अधिकतम 10 दिन के अन्दर गिरफ्तार कर इन्हे कानून के तहत सख्त से सख्त सजा दिलाई जाय। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश की जनता से अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त, व विकासयुक्त वातावरण देने का जो वादा किया है, उससे खिलवाड करने की इजाजत किसी को कतई नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि महिलाओं व बच्चियों के साथ कोई घटना होने पर यदि वास्तविक अपराधी दस दिन के अंदर गिरफ्तार नहीं होता है तो नियमों के तहत उसके विरूध्द अन्य कानूनी शिकंजे कसे जायें और जरूरत पडे तो उसके घर की कुर्की भी कराई जाय।
उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं के साथ होने वाली किसी घटना में पुलिस का अधिकारी व कर्मचारी अपराधियों से मिलकर घटना पर लीपापोती करने या सही अपराधी की जगह किसी बेकसूर को फंसाने का प्रयास करता है तो उसे तुरन्त निलम्बित किया जाय। पुलिसकर्मी द्वारा किये गये कृत्य की पुष्टि होने पर कानूनी प्रयिा अपनाकर उसे नौकरी से भी बर्खास्त किया जाय। इसके अलावा यदि घटना गम्भीर प्रकृति की हो तो ऐसे पुलिस अधिकारीकर्मचारी को इसकी इस हरकत के लिये सख्त धाराओं के तहत जेल भी भेजा जाय। महिलाओं से सम्बन्धित घटनाओं के मामले में दण्डात्मक कार्यवाई की यही प्रयिा असली अपराधियों को बचाने वाले डाक्टरों के साथ भी अपनायी जाए।
महिलाओं व बच्चियों के साथ होने वाली जुल्म-ज्यादती एवं वारदात को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने विस्तृत दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि आगामी 01 जुलाई से प्रदेश के सभी जिलों में थाना स्तर तक एक माह का विशेष अभियान चलाया जाय। उन्होंने जिलाधिकारियों को इससे सम्बन्धित तैयारियों के लिए 29 जून को प्रात: 10.00 बजे प्रत्येक जनपद मुख्यालय पर बैठक आहूत करने के निर्देश दिये, जिसमें सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी व जिला एस0पी0एस0एस0पी0डी0आई0जी0 के साथ-साथ सभी पुलिस उपाधीक्षक, सभी थानों के इन्चार्ज तथा उप जिलाधिकारी एवं सी0एम0ओ0 भी भाग लेंगे।
प्रदेश के सभी थाना इन्चार्ज 01 से 31 जुलाई तक विशेष अभियान चलाकर अपने-अपने थाना क्षेत्रों में असामाजिकअमानवीय तत्वोंऐसे लोग जिनका चाल-चलन अच्छा नहीं है तथा जिनकी छवि चरित्रहीन व वाह्यात एवं बदमाशी की है, उनकी सूची तैयार करें। सूची तैयार करने के बाद थाना इन्चार्ज अपनी सामाजिक दायित्व निभाते हुए इन लोगों को अलग-अलग थाने में बुलाकर इन्हे अच्छा व संस्कारी व्यक्ति बनने और खासकर महिलाओं के साथ उचित व्यवहार करने की हिदायतचेतावनी दें और यदि वे इसके बावजूद भी न माने तो उनसे मुचलका भरवाकर पाबंद किया जाये ताकि यह लोग किसी प्रकार का अपराध करने की हिम्मत न कर सके। इसपर भी नहीं मानने पर उनके विरूध्द सख्त कानूनी कार्यवाई करें। इसके अलावा प्रत्येक थाना इन्चार्ज जिस क्षेत्र में इस प्रकार के अधिकतर लोग रहते है, इन लोगों पर कडी नजर रखने के लिये प्रतिदिन अचानक दिन या रात में एक बार पुलिस की गश्त जरूर लगवायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के साथ अपराध करने वाले तथा अन्य पेशेवर अपराधियों, गुण्डों, माफियाओं एवं बदमाशों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के लिए उस क्षेत्र के गैर-राजनीतिक अनुसूचित जाति, पिछडी जाति, मुस्लिम व अपर कास्ट समाज के, सामाजिक क्षेत्रों में सयि व क्षेत्र के प्रतिष्ठित पांच व्यक्तियों को प्रत्येक माह थाना इन्चार्ज अपने कक्ष में सम्मानपूर्वक आमन्त्रित कर उनसे सम्पर्क स्थापित करेंगे और असामाजिक तत्वों की सूची पर विचार-विमर्श कर जानकारी प्राप्त करेंगे कि इनमें अपेक्षित सुधार हो रहा है या नहीं। इसके अलावा क्षेत्र में अमन-चैन व साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडने वालों के बारे में भी इनसे जानकारी प्राप्त करेंगे। इसी प्रकार तहसीलवार पुलिस क्षेत्राधिकारी व जनपदवार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक माह पांच गैर-राजनीतिक प्रतिष्ठित व्यक्तियों की बैठक बुलाकर थानावार की गई कार्यवाई की ास चेकिंग करेंगे और अपराधियों के बारें में फीडबैक लेंगे। उन्होंने महिलाओं के आवागमन वाले सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस बल तैनात करने के निर्देश देते हुए कहा कि जनपद एवं तहसील स्तर के पुलिस अधिकारी पुलिस गश्त पर गहन निगाह रखें।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि इन कदमों को उठाने के बावजूद क्षेत्र में महिलाओं एवं बच्चियों के साथ वारदात होती है तो उस क्षेत्र के थाना इन्चार्ज के खिलाफ भी वारदात करने वाले दोषियों के साथ ही कार्यवाई की जायेगी। यदि घटना की एफ0आई0आर0 लिखने में देरी की जाती है या आरोपी को बचाने का प्रयास किया जाता है तो थाना इन्चार्ज को निलम्बित कर कार्यवाई की जाय। उन्होंने कहा कि गम्भीर मामले में उसे कानूनी प्रयिा अपनाकर सेवा से बर्खास्त करने तथा गम्भीर धाराओं के अन्तर्गत उसे जेल भेजने की कार्यवाई भी की जाय। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में यदि पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो नियमों के तहत उसे बर्खास्त कर जेल भेजा जाये। जिस सर्किल क्षेत्र में महिलाओं के साथ वारदातों की संख्या बढेगी, उस सर्किल के पुलिस उपाधीक्षक की चरित्र पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टि देकर उसकी पदोन्नति रोकी जायेगी और आवश्यकता पडने पर उसे निचले पद पर पदावनत किया जायेगा। इसी प्रकार यदि किसी जनपद में महिलाओं और बच्चियों के साथ ज्यादा वारदात होगी तो उस जनपद के डी0एम0एस0पी0एस0एस0पी0डी0आई0जी0 के विरूध्द पुलिस उपाधीक्षक की तरह कार्यवाई की जायेगी।
पुलिस उपाधीक्षक, थानावार महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं एवं अन्य अपराधों की मासिक बैठक कर समीक्षा करेंगे तथा इसकी रिपोर्ट जनपद में होने वाली मासिक समीक्षा बैठक में प्रस्तुत करेंगे, जिसमें पुलिस के जनपदीय अधिकारियों के साथ-साथ जिलाधिकारी व समस्त उपजिलाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। इसके पश्चात पुलिस के जनपद स्तरीय अधिकारी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे, जहां प्रतिमाह जनपदवार गहन समीक्षा की जायेगी। उन्होंने फील्ड में तैनात पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिये कि मीडिया से बेहतर सम्पर्क रखे और कोई घटना घटित होने पर मीडिया को अद्यतन स्थिति और कृत कार्यवाही से तत्काल अवगत करायें।
बैठक में महिलाओं एवं बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के साथ-साथ अन्य प्रकार के अपराधों की भी रोकथाम के लिए पेशेवर अपराधियों के विरूध्द अधियान चलाने और अमन-चैन का वातावरण बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द खराब करने वालों पर निगाह रखी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिये कि उन्हे प्राथमिकता के आधार पर आम जनता की जरूरतों को समय पर उपलब्ध कराने के प्रयास करने चाहिए। पीने का पानी, बिजली, सडक, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, जमीन अधिग्रहण के मामले, नालाें, तालाबों तथा नहरों की सफाई जैसे कार्यमों पर इन्हे विशेष ध्यान देना चाहिए। डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी समग्र विकास योजना को ठीक से लागू कराने तथा पट्टों की भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराकर पट्टेदारों को उपलब्ध कराने पर भी समुचित ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी, खाद्य पदार्थों में मिलावट, विभिन्न प्रकार की पेन्शन एवं छात्रवृत्ति तथा जनहित की अति महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं एवं जनहित के अति महत्वपूर्ण सरकारी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी निगाह रखने के निर्देश दिये। उन्होंने तहसील एवं थाना दिवस की शिकायतों के निस्तारण एवं आम लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए निर्धारित समय में कार्यालयों में बैठने के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें लापरवाही बरतने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के विरूध्द सख्त कार्यवाही की जायेगी।

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