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लखनऊ।
भाजपा विधानमंडल दल के नेता पद के लिए
उपनेता सतीश महाना का नाम लगभग तय हो गया
है। इसकी घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी।
गौरतलब है कि हुकुम सिंह के सांसद चुने
जाने के बाद नेता विधानमंडल का पद रिक्त
हो गया है। सतीश महाना उत्तर प्रदेश
विधानसभा के 1991 से लगातार सदस्य रहे है।
उनके विधानसभा में लम्बे अनुभव को देखते
हुए पार्टी हाईकमान ने इस आशय का निर्णय
लिया है। कहने को तो पार्टी के अन्य दूसरे
सदस्य श्यामदेव राय चैधरी और सुरेश खन्ना
7- 7 बार, राजेश अग्रवाल 5 बार, धर्मपाल
सिंह 3 बार तथा प्रदेश अध्यक्ष
लक्ष्मीकान्त वाजपेयी भी 3 बार विधायक रह
चुके है लेकिन हाईकमान को लगता है कि
विधानसभा में जिस तरह से महाना अपने सवालों
और तर्को के माध्यम से सपा सरकार को घेरते
रहे हैं और प्रदेश की जो वर्तमान हालात
हैं तो सपा सरकार को सदन में घेरने के लिए
उनके अलावा किसी दूसरे नाम पर विचार करना
ठीक नहीं होगा। सूत्रों ने बताया कि पार्टी
के कई अन्य विधायकों ने भी महाना को
विधानमंडल दल का नेता बनाये जाने का आग्रह
हाईकमान से करने के बाद इस आशय का निर्णय
लिया जा चुका है। महाना ने जिस तरह पिछले
विधानसभा सत्रों के दौरान शाम 7 बजे के
बाद माल्स बाजारों आदि की विद्युत सप्लाई
बंद करने तथा विधायक निधि से विधायकों को
चैपहिया वाहन खरीदने आदि की घोषणाओं का
तीखा विरोध कर सरकार को अपने कदम वापस करने
पर मजबूर किया था उससे भी उनके पार्टी
विधानमंडल दल का नेता बनने का रास्ता साफ
हुआ है। |