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निलम्बित होने वाले अधिकारियों में मुख्य
चिकित्सा अधिकारी, अधिशासी अभियंता
विद्युत, तत्कालीन अधिशासी अभियंता
ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, जिला पूर्ति
अधिकारी, उप कृषि निदेशक तथा जिला खनन
अधिकारी शामिल
- कानून व्यवस्था की स्थिति असंतोषजनक होने
के पर एसपी को चेतावनी डीएम को हटाया
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज जनपद
श्रावस्ती के लोहिया ग्राम भरथापुर का
आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने कानून
व्यवस्था में खामी के लिए पुलिस अधीक्षक
सालिकराम वर्मा को चेतावनी जारी करने तथा
शिथिल पर्यवेक्षण के लिए जिलाधिकारी भानु
चन्द्र गोस्वामी को हटा दिया । मुख्यमंत्री
ने विभिन्न विकास कार्यों में शिथिलता
बरतने एवं दायित्वों के ठीक से निर्वहन न
करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0
आर0पी0गुप्ता, अधिशासी अभियंता विद्युत
विनय कुमार, जिला पूर्ति अधिकारी संजीव
कुमार, उप निदेशक कृषि शिवदत्त तिवारी,
तत्कालीन अधिशासी अभियंता ग्रामीण
अभियंत्रण सेवा विजय कुमार दुबे तथा जिला
खनन अधिकारी राम कुमार तन्तुआ को तत्काल
प्रभाव से निलम्बित करने के निर्देश दिए।
ज्ञातव्य है कि आकस्मिक निरीक्षण के अपने
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत
मुख्यमंत्री जनपद हमीरपुर के स्थान पर
जनपद श्रावस्ती पहुंच गए। उन्होंने लोहिया
ग्राम भरथापुर में विकास कार्यों का मौके
पर निरीक्षण किया और गांव में चैपाल लगाकर,
जनता से सीधे संवाद कायम कर विभिन्न सरकारी
योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। ग्रामीणों
ने उन्हें बताया कि गांव में विद्युत
आपूर्ति की स्थिति बहुत खराब है। सामान्यतः
मात्र एक घंटे के लगभग विद्युत प्राप्त
होती है। मौके पर उपस्थित अधिशासी अभियंता
विद्युत ने बताया कि रोस्टर के मुताबिक
गांव में बिजली आपूर्ति पूर्वाहन 11.45 से
अपरान्ह् 18.45 तक निर्धारित है। बावजूद
इसके दोपहर 11.55 बजे तक बिजली आपूर्ति
सुनिश्चित नहीं हो पायी थी। मुख्यमंत्री
ने कहा कि ग्रामीण इलाकों के लिए शासन
द्वारा 12 घंटे विद्युत आपूर्ति निर्धारित
की गई है।
उन्होंने गांव में बिजली आपूर्ति की खराब
स्थिति तथा विद्युत कटौती के निर्धारित
समय के बाद भी आपूर्ति बहाल न किए जाने के
लिए अधिशासी अभियंता को जिम्मेदार मानते
हुए तत्काल निलम्बित किए जाने के निर्देश
दिए।
मुख्यमंत्री ने भरथापुर में सी0सी0 रोड का
भी मुआयना किया और स्वयं चलकर देखा कि
सी0सी0 रोड की गुणवत्ता ठीक नहीं है। सड़क
के साथ बनी नाली भी मानक के अनुरूप नहीं
है, जिससे पानी का निकास न होने के कारण
गांव में जलभराव की स्थिति बन जाती है।
उन्होंने सड़क के निर्माण के लिए तत्कालीन
अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा
को सड़क की खराब गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार
मानते हुए उन्हें निलम्बित करने के
निर्देश दिए।
उक्त अधिशासी अभियंता वर्तमान में जनपद
बहराइच में तैनात श्री यादव ने आकस्मिक
निरीक्षण के दौरान अपने दिवस अधिकारी अमित
गुप्ता को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
भेजकर वहां की व्यवस्था की जानकारी
प्राप्त की। उन्हें बताया गया कि बच्चों
के लिए जरूरी तीन दवाइयां पिछले 6 माह से
उपलब्ध नहीं हैं। स्थानीय जनता ने बताया
कि शासन की व्यवस्था के बावजूद उन्हें
स्वास्थ्य केन्द्र से दवाइयां इलाज के लिए
नहीं मिलती हैं। मुख्यमंत्री ने इस
लापरवाही के लिए जनपद के मुख्य चिकित्सा
अधिकारी को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें
तत्काल निलम्बित करने के निर्देश दिए। इसी
प्रकार उन्होंने ग्रामीणों से सार्वजनिक
वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाली चीनी एवं
अन्य राशन सामग्री के सम्बन्ध में जानकारी
प्राप्त
की। जनता ने मुख्यमंत्री को बताया कि विगत
दो माह से उन्हें चीनी नहीं मिली। राशन का
अन्य सामान भी कभी-कभी ही उपलब्ध हो पाता
है। मौके पर मौजूद जिला पूर्ति अधिकारी
संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जिसके चलते
मुख्यमंत्री ने उन्हें तत्काल निलम्बित
करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कृषि
निवेशों की उपलब्धता की जानकारी भी
ग्रामीणों से प्राप्त की। ग्रामीणों ने
उन्हें अवगत कराया कि खाद तो कभी-कभार मिल
भी जाती है, परन्तु बीज
कतई नहीं बांटे गए। श्री यादव ने जब बीज
पाने वाले लाभार्थियों का सत्यापन कराया,
तो यह तथ्य सामने आया कि सूची में जिस
व्यक्ति को बीज आपूर्ति करना दिखाया गया,
वह
किसान नहीं बल्कि मजदूर है। मुख्यमंत्री
ने इसे गंभीरता से लेते हुए उप निदेशक कृषि
को भी तत्काल निलम्बित करने के निर्देश
दिए। चैपाल में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री
को अवगत कराया कि वहां अवैध खनन बड़े पैमाने
पर किया जा रहा है। उन्होंने इस शिकायत पर
जिला खनन अधिकारी को निलम्बित करने के
निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के
दौरान यह भी पाया कि गांव एवं जनपद की
कानून व्यवस्था संतोषजनक नहीं है, जिसके
चलते उन्होंने पुलिस अधीक्षक को चेतावनी
जारी करने के निर्देश दिए हैं। निरीक्षण
के अवसर पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश
गर्ग भी उपस्थित थे।
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विकास का नया
एजेंडा तैयार कर रही सपा
विशेष संवाददाता, लखनऊ। समाजवादी पार्टी
जनता को विकास व सुशासन देने के लिए नया
एजेंडा तैयार कर रही है। इसी के तहत
मुख्यमंत्री ने मौके पर जाकर भौतिक
सत्यापन करना शुरु कर दिया है।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता
राजेन्द्र चैधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने यह संकल्प लिया कि वे
प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसर करेंगे।
उन्होंने इसके लिए विकास का नया एजेण्डा
तैयार किया और उस पर तेजी से अमल कर रहे
हैं। विकास योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक
पहुॅचे इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने
प्रशासनिक मशीनरी को चैक चैबंद करने की
कार्यवाही तेज कर दी है। उन्होंने ऊपर से
नीचे तक अधिकारियों को यह संदेश दिया है
कि किसी भी स्तर पर निर्णय लेने में कोताही
बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिस अधिकारी को सरकार की जनहित की योजनाओं
के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी है, उसे इसमें
पूरी रूचि लेनी चाहिए। जनता की समस्याओं
के निवारण के लिए दिन में कार्यालय में
बैठने के निश्चित समय तक सभी अधिकारियों
को अपने कार्यालय में बैठना होगा।
मुख्यमंत्री जी की चेतावनी के बाद अब अफसरों
को भी सावधान हो जाना चाहिए। मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने केवल फाइलों पर ही येाजनाओं
की प्रगति देखकर संतुष्ट होने के बजाय
फील्ड में उतर कर स्वयं उनके भौतिक
सत्यापन करने की शुरूआत की है। उससे अब
निर्माण कार्यो में धांधली पर और
परियोजनाओं के कार्यान्वयन में लापरवाही
पर अंकुश लगेगा।
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नाकामयाबियों को
छिपाने का नया हथकंडा: भाजपा
विशेष संवाददाता, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी
ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के औचक
निरीक्षण पर कहा यह नाकामियों को छुपाने
और घटनाओं से ध्यान मोड़ने का नायाब हथकण्डा
है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि राजनीतिक
पैतरेबाजी के तहत पूरे घर के बदल डालूंगा
की कार्यवाही का संदेश देते मुख्यमंत्री
किस बात को चैपाल लगा जानना चाहते है। क्या
वे नही जानते की उनकी सरकार के लिए सबसे
ज्यादा मुसीबत उनकी पार्टी के कार्यकर्ता
ही है। उन्होंने कहा निलम्बन स्थानतरण की
बजाये बेहतर होता की सरकार में अनुशासन
लाते। मंत्री लोकप्रिय योजनाओं को बंद किये
जाने का संदेश देते है, मुख्यमंत्री कहते
है यह उनके निजी विचार है। संवादहिनता की
पराकाष्ठा से जूझ रही सरकार दो वित्तिय
वर्षो में आवंटित बजट खर्च नही कर पायी।
जातिगत और मजहबी नजरियों से घटनाओं को
देखती अखिलेश सरकार कानून व्यवस्था के
मोर्चे पर लगातार फेल हो रही है।
मुख्यमंत्री सहित आला नेता सवालों पर
उत्तेजित हो रहे है। इसीलिए चाहे सपा
मुखिया मुलायम सिंह हो अथवा मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव पत्रकारों को यह उत्तर दे रहे
है कि आप अपना काम कर रहे है, हम अपना काम
कर रहे है, आप के यहां तो नही हुई। श्री
पाठक ने कहा मुख्यमंत्री जिस सच्चाई को
चैपाल लगाकर जानना चाहते है जिसके लिए
उन्होंने औचक निरीक्षण का कार्यक्रम बनाया
उसे थोड़ा अपनी सरकार का आंकड़ा मंगा लेते
तो समझ जाते, जहां गये थे, वह बिजली नही
थी। अस्पताल का बुरा हाल था, सड़के जर्जर
अवस्था में है। यहीं उत्तर प्रदेश का सच
है और यह हालत अचानक नही हुई। जब विपक्ष
और मीडिया इन सच्चाईयों को बता रहा था,
दिखा रहा था, बजाये उसे कटघरे में खड़ा करने
के थोड़ा बड़ा मन करके अपने दायित्वों का
निर्वहन किया होता तो स्थितियां ठीक होती।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा निलम्बन स्थानंतरण
की बजाये बेहतर हो मुख्यमंत्री अनुशासित
कार्य संस्कृति विकसित करें। सरकार
संवेदनहीनता छोड़ संवेदनशील मुद्दों पर
संवेदनशील हो। राज्य में लगातार सत्तारूढ़
दल के लोगों एवं पुलिस प्रशासन से जुड़े
लोगों की घटनाओं में संलिप्तता के चलते
बिगड़ी कानून व्यवस्था और इस अराजकता से
भयाक्रंत जनता में विश्वास का वातारण पैदा
हो। जब तक कार्य संस्कृति और विश्वास का
वातावरण पैदा नही होगा इस तरह की थोथी
कार्यवाहियों से कुछ होने वाला नही है। |