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अब दिखेगा कानून व्यवस्था में बदलाव
नवनियुक्त गृह सचिव प्रमुख दीपक सिंघल ने
दिया आश्वासन
लखनऊ। प्रदेश में बढती आपराधिक घटनाओं पर
रोक लगाने के लिए राज्य सरकार अब कडा रूख
अपनाने जा रही है। जिसके तहत अब घटनास्थल
पर पुलिस कप्तान को पहुंचना जरूरी होगा।
ऐसा न करने पर उसके खिलाफ कडी कार्रवाई की
जाएगी। सरकार का मानना है कि छोटी घटना ही
बडी बन जाती है। इसलिए ऐसी घटनाओं का
तुरन्त समाधान किया जाना चाहिए। इसके अलावा
वर्षो पुरानी थाना दिवस परम्परा में बदलाव
करने का फैसला लिया गया। इसका नाम बदलकर
समाधान दिवस रखा गया जिसमें थाने पर आने
वालों की समस्याओं को लम्बित न कर मौके पर
ही निबटारा करना होगा। इसके अलावा अब
सरकार पुलिस तंत्र में टेक्नालाजी को बढावा
देने का भी निर्णय लिया है।
राज्य के नवनियुक्त प्रमुख सचिव गृृह दीपक
सिंहल ने बताया जब तक राज्य में अच्छी
कानून व्यवस्था नहीं स्थापित हो जाती तब
तक न हम चैन से बैठेंगे और न ही आला अफसर।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य की
22 करोड़ जनता के कमाण्ड सेक्शन को केवल एक
फैक्स से नियंत्रित किया जा रहा है। इसमे
बड़े सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि
कार्यों में पारदर्शिता होनी चाहिए। हेड
कांस्टेबल से लेकर दरोगा तक तैयार हो जाये,
अगर कोई लापरवाही हुई तो सजा जरूर मिलेगी।
गुप्तचर संस्थाओं को मजबूत किया जायेगा।
पुलिस कप्तान को बताना पड़ेगा कि घटना कब
हुई और घटना स्थल पर वह कब पहुंचे। शासन
इकबाल से चलता है। कानून व्यवस्था के साथ
ही विद्युत संकट से जूझ रहे राज्य को
उबारने का प्रयास करते हुए उन्होंने कहा
कि बिजली चोरी रोकने के लिए कडे़ कदम
उठायेंगे जिसमें स्थानीय प्रशासन विद्युत
विभाग को सहयोग करेगा। पुलिस जांच में
तकनीकी खामियों के कारण बहुत सारे अपराधी
कोर्ट से छूट जाते हैं भविष्य में उनकी
जांच नैनो टेक्नोलाॅजी व फोरेंसिक साइंस
से कराया जायेगा। छोटी-छोटी घटनाओं पर
प्रभावी कार्यवाही होगी। छोटी घटनाओं पर
बरती गयी लापरवाही ही बड़े मामलों को जन्म
देती है। जिसके लिए थाना दिवस को प्रभावी
किया जायेगा। अब थाना दिवस समाधान दिवस के
रूप में जाना जायेगा। इस दिन एसपी और
डीआईजी भी थानो में भ्रमण करेंगे। बार्डर
से सटे जिलों पर वर्षों से तैनात
कर्मचारियों को हटाया जायेगा। अब
जिम्मेदार अधिकारियों के भ्रमण की गतिशीलता
को जीपीएस के सहारे पुलिस हेडक्वार्टर
आंकेगा। महिलाओं पर बढ़ते उत्पीड़न को रोकने
के लिए दो कमेटियों का गठन किया गया है।
इस कमेटी में महिला अधिकारी ही रहेंगी। एक
राज्य स्तरीय और दूसरा जिला स्तरीय होगी।
राज्य स्तरीय कमेटी में एडीजी सुतापा
सान्याल तथा दो आईजी तनूजा श्रीवास्तव और
तिलोत्मा वर्मा को रखा गया है।
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