Lucknow,
लखनऊ 19 जून।
उत्तर प्रदेश विधान सभा में बजट सत्र का
पहला दिन भारी हंगामे भरा रहा। विपक्ष ने
संयुक्त रूप से सरकार पर कानून व्यवस्था
को लेकर तीखा हमला किया। सदन की कार्यवाही
50 मिनट तक स्थगित रही। हालांकि सरकार ने
हंगामे के बीच विधायी कार्य निपटा लिये।
किन्तु विपक्ष के हंगामे, नारेबाजी और शोर
शराबे के कारण प्रश्न प्रहर नहीं हो सका।
इस दौरान बसपा ने सदन का बहिर्गमन किया,
जबकि भाजपा ने पूरी कार्यवाही के दौरान
वेल में नारेबाजी की।
सदन की कार्यवाही
शुरु होते ही भाजपा, कांग्रेस और बसपा के
सदस्य वेल में आ गए। सदस्यों ने कानून
व्यवस्था को लेकर नारेबाजी शुरु कर दी।
बसपा और कांग्रेस के सदस्य बैनर बनाकर लाये
थे। उन्होंने बैनरों ने पर नारे लिख रखे
थे। इन पर लिखा था कि " लटकी लाशें डाल
पे, अखिलेश तेरे राज में" तथा " सारी
व्यवस्था हो गई फेल, सपा सरकार हो गई फेल।"
बसपा के सदस्य नारे लगा रहे थे " अखिलेश
तेरे राज में इज्जत लुट गई थाने में "।
अध्यक्ष के बार बार
अनुरोध के बाद भी भाजपा, बसपा और काग्रेस
के सदस्य अपनी सीटों पर नहीं गए। विपक्ष
की मांग की थी कि नियम 311 के तहत सदन की
समस्त कार्यवाही स्थगित करके कानून
व्यवस्था चर्चा कराई जाए। इसे अध्यक्ष माता
प्रसाद पाण्डे ने मानने से इनकार कर दिया।
भाजपा के सदस्य आज पहले से अपनी सीटों पर
नहीं आये थे बल्कि अध्यक्ष के आते ही वह
सीधे वेल में गए। सभी सदस्य गले में
केसरिया पटका डाले हुए थे। जबकि बसपा के
सभी सदस्य नारे लिखे हुए नीली टोपी लगाए
थे।
हंगामे के चलते
अध्यक्ष ने 11 बजकर 30 मिनट पर सदन की
कार्यवाही 50 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
स्थगन समाप्त होने के बाद सदन की कार्यवाही
फिर से शुरु हुई तो भाजपा और बसपा के
सदस्य फिर से नारेबाजी करने लगे। भाजपा के
सदस्य फिर वेल में चले गए। उधर बसपा के
सदस्य अपनी सीटों से नारे लगाने लगे। इसी
दौरान अध्यक्ष ने विधायी कार्य निपटाने
शुरु कर दिये। इस पर उत्तेजित भाजपा सदस्यों
ने अध्यक्ष की कुर्सी तक जाने की कोशिश
की। इसमें भाजपा के कई सदस्यों और सदन के
सुरक्षा गार्डों के बीच धक्का मुक्की हुई।
दूसरी ओर भाजपा की महिला सदसय बिमला सोलंकी
और कृष्णा पासवान ने महिला सुरक्षार्कमियों
के साथ धक्का मुक्की की।
बसपा का सदन से
बहिगर्मन
अध्यक्ष द्वारा
विधायी कार्य निपटाने के दौरान ही बसपा
विधायक दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने
भाषण देना शुरु कर दिया। उन्होंने कहा कि
सपा और भाजपा मिलकर प्रदेश की कानून
व्यवस्था को बिगाड़ रहे हैं। राज्य में
अराजकता की स्थिति है। कहीं भी कानून का
राज नहीं है। इसके बाद नारे लगाते हुए बसपा
ने सदन का बहिगर्मन कर दिया।
तीन अध्यादेश सदन
के पटल पर रखे गए
विपक्ष के भारी
हंगामे और शोर शराबे के बीच ही अध्यक्ष
माता प्रसाद पाण्डे ने अध्यादेश सदन के
पटल पर ऱखने की अनुमति दे दी। संसदीया
कार्यमंत्री आजम खां ने " उत्तर प्रदेश
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन)
अध्यादेश 2014 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश
संख्या 03 सन् 2014) " , " उत्तर प्रदेश
मूल्य संवर्धित कर (संशोधन) अध्यादेश ,
2014 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 04 सन्
2014) तथा उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन
आयोग, अध्यादेश 2014 ( उत्तर प्रदेश
अध्यादेश संख्या 05, सन् 2014) को सदन के
पटल पर प्रस्तुत कर दिया।
सात विधेयक अधिनियम
बन गए
विधान सभा में
अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डे ने सूचित किया
कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन)
विधेयक, 2014, उत्तर प्रदेश विनियोग (लेखानुदान)
विधेयक 2014, उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग
राज्य आयोग (संशोधन) विधेयक 2014, उत्तर
प्रदेश जल प्रबंधन और नियामक आयोग विधेयक
, 2014, उत्तर प्रदेश व्यवसायिक शिक्षा और
प्रशिक्षण (निरसन) विधेयक 2014, उत्तर
प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद् (संशोधन)
2014 तथा जेपी विश्विविद्यालय अनूपशहर
उत्तर प्रदेश विधेयक 2014 राज्य के
अधिनियम बन गए हैं। ये सभी विधेयक विधान
परिषद् से बिना किसी संशोधन के प्राप्त हो
गए तथा राज्यपाल ने इन पर अपनी अनुमति
प्रदान कर दी।
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