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  यूपी विधान सभाः प्रेस दीर्घा में मोबाइल प्रतिबंधित
मोबाइल से कार्यवाही की क्लिपिंग बनाने पर बदली गई व्यवस्था, प्रमुख सचिव ने दिया सख्त आदेश
Web Titele : Mobil Phones banned in U.P. Assambly Press galary
Tags: Uttar Pradesh , Vidhan Sabha, Press Galary
Publised on : 19 June 2014  Time 13:48
 

Lucknow, लखनऊ 19 जून। उत्तर प्रदेश विधान सभा की प्रेस दीर्घा में अब पत्रकार मोबाइल फोन लेकर नहीं बैठ सकेंगे। उन्हें अपने मोबाइल फोन बाहर कहीं रखने होंगे। यह व्यवस्था गुरुवार को सदन की कार्यवाही के दौरान दो पत्रकारों द्वारा वीडियो क्लिपिंग बनाते पकड़े जाने के बाद की तत्काल प्रभाव से लागू की गई है। व्यवस्था इतनी कड़ाई से लागू की गई कि सदन की कार्यवाही जब 50 मिनट के लिए स्थगित थी तो स्थगन समाप्त होने पर पत्रकारों को मोबाइल लेकर नहीं जाने दिया गया। मोबाइल पर रोक का आदेश प्रमुख सचिव विधान सभा प्रदीप दुबे ने जारी किया।

घटनाक्रम के अनुसार बजट सत्र के पहले दिन सदन में भारी हंगामा था। इसी दौरान प्रेस दीर्घा-2 में बैठे किसी पत्रकार ने अपने मल्टीमीडिया मोबाइल से कार्यवाही की वीडियो क्लिपिंग बनानी शुरु कर दी। इस पर प्रमुख सचिव की नजर पड़ गई। उन्होंने तत्काल मार्शल को दीर्घा में भेजा तथा पत्रकार की पहचान करने की कोशिश की किन्तु किसी ने उक्त पत्रकार के बारे में नहीं बताया। इसके बाद प्रमुख सचिव दुबे स्वयं प्रेस दीर्घा दो में पहुंच गए। उन्होंने काफी नराजगी जाहिर की तथा पत्रकारों को निर्देश दिये कि वे अपने मोबाइल बाहर रखकर आयें।

इसी दौरान पता चला कि किसी पत्रकार ने प्रेस दीर्घा-1 में भी अपने मोबाइल से बीडियो क्लिपिंग बनाने की कोशिश की है। इस पर भी काफी विवाद हुआ। अलबत्ता प्रमुख सचिव के आदेश के बाद सभी पत्रकारों पर यह व्यवस्था लागू कर दी गई कि अब किसी भी दीर्घा में मोबाइल फोन लेकर नहीं जाया जासकेगा। सभी पत्रकारों को अपने मोबाइल जमा करने होंगे। इससे पत्रकारों में हडकम्प मच गया। बजट सत्र पहला दिन हंगामी होने के कारण पत्रकरों ने जैसे तैस अपने मोबाइल जमा किये। किसी ने पार्टियों के विधान मण्डल दल कार्यालय में तो किसी ने प्रेस रूम में अपने मोबाइल फोन जमा किये।कुछ पत्रकार दीर्घा में गए ही नहीं।

कुछ पत्रकारों के प्रेस पास निरस्त होने की आशंका

घटना से खफा हुए विधान सभा प्रशासन ने पत्रकारों को जारी प्रेस पास की छंटनी करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि कुछ पत्रकारों के पास निरस्त किये जा सकते हैं। अनुमान किया जा रहा है कि 25 प्रतिशत पास निरस्त कर दिये जाएंगे। ज्ञातव्य है कि प्रेस पास जारी करने के लिए राज्य मुख्यालय की मान्यता को आधार बनाया जाता है।

 

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News source: UP Samachar Sewa

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