लखनऊ।
वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास
नक़वी ने आज यहाँ कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत का मतलब
किसी राजनीतिक पार्टी से देश को मुक्त कराना नहीं, बल्कि
उस सामंती मानसिकता और तानाशाही सोंच से देश को मुक्त
कराना है जिसकी कांग्रेस प्रतीक है।
आपातकाल पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में श्री नक़वी ने
कहा कि आपातकाल के बाद कांग्रेस की जो भी सरकारें बनी वह
सामंती मानसिकता के साथ काम करती रही और आपातकाल के काले
गुनाह से सबक लेने के बजाय उसे दोहराती रही। उन्होंने कहा
कि 1975-1977 के आपातकाल के साथ ही कांग्रेस मुक्त भारत
की नींव पड़ गई थी और कांग्रेस की “सामंती-सनकी सोंच“ का
सूपड़ा साफ़ होना शुरू हो गया था।
श्री नक़वी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी
द्वारा लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बदनुमा
धब्बा” और देश के प्रजातंत्र के इतिहास का सबसे काला दिन
है”। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र को कुचल दिया गया था,
देश के नागरिकों के अधिकारों का हनन हुआ, विपक्षी नेताओं
को जेल में डाल दिया गया। लोकतंत्र की रक्षा के लिए
जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में देश की जनता विशेषकर युवा
सड़कों पर उतर आये थे। सैंकड़ों लोकतंत्र के सेनानियों
की जेल में मौत हुई, बर्बरता और बेरहमी के साथ राजनीतिक
विरोधियों पर जुल्म की पराकाष्ठा हुई।
श्री नक़वी ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास लोकतंत्र की
हत्या“ के अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है। कई अवसरों पर
कांग्रेस ने संवैधानिक संस्थाओं तथा अन्य संस्थानों का
दुरूपयोग कर प्रजातंत्र को कमजोर किया। यूपीए सरकार के
दौरान पूरे देश ने देखा कि किस तरह कांग्रेस ने सीबीआई
तथा अन्य संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिक दुरुपयोग किया,
संस्थाओं के बीच मतभेद पैदा कर देश की सुरक्षा से खिलवाड़
करने की कोशिश की। राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मामलों को अपना
राजनैतिक हथियार बनाया।
श्री नक़वी ने कहा कि आपातकाल का सबसे बड़ा सबक-सन्देश
है कि देश की जनता सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है पर
तानाशाही, जुल्म, अहंकार और सामंती सोंच कभी स्वीकार नहीं
करेगी और इसी का नतीजा है कि आज कांग्रेस देश के
राजनीतिक नक़्शे से सिमटती-सिकुड़ती जा रही है। कांग्रेस
के साथ खड़ी पार्टियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़
रहा है।
श्री नक़वी ने कहा कि आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के गरीबों के सशक्तिकरण और देश के विकास के लिए किये जा
रहे कार्यों में रोड़ा अटकाने की कांग्रेसी मानसिकता साफ़
दिख रही है। कांग्रेस को लगता है कि एक गरीब का बेटा देश
का प्रधानमंत्री कैसे बन गया? और कैसे सफलता के साथ
दुनिया भर में भारत का सिक्का जमा रहा है? कैसे
गांव-गरीब, किसान, कमजोर तबकों के हितों के लिए सफलता के
साथ बिना रुके-थके काम कर रहा है?
कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को मिले
ऐतिहासिक जनादेश का अपमान कर खासकर राज्यसभा में अपने
संख्याबल का दुरूपयोग कर देश की आर्थिक तरक्की से जुड़े
कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित नहीं होने दिए। श्री नक़वी
ने कहा कि श्री मोदी और भाजपा लोकतंत्र के पहरेदार हैं,
“लोकतांत्रिक मूल्यों के चौकीदार हैं। हमारी यह
पहरेदारी-चौकीदारी लोकतंत्र की रक्षा की गारंटी है।
श्री नक़वी ने कहा कि लोकतंत्र को गरीबों के मौलिक
अधिकारों को मजबूत करने का हथियार बनाना होगा, इसके लिए
सोंच के साथ-साथ व्यवस्था में भी व्यापक बदलाव की जरुरत
है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इस दिशा में मजबूती
के साथ आगे बढ़ रहे हैं। श्री नक़वी ने कहा कि आपातकाल
हमें याद दिलाता है कि लोकतांत्रिक विचारों एवं मूल्यों
को मजबूत बनाने की हरसंभव कोशिश की जानी चाहिए। इसी
संकल्प के साथ श्री मोदी सभी को टीम इंडिया का हिस्सा बना
कर काम कर रहे हैं।
श्री नक़वी ने कहा कि आज के दिन का यही संकल्प होना
चाहिए कि देश के प्रोग्रेस पर पलीता लगाने के प्रयासों“
को एकजुट हो कर परास्त किया जाये। और लोकतान्त्रिक मूल्यों
को ताकत दी जाये तभी भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र
के साथ महान लोकतंत्र का रुतबा कायम रख सकेगा।