पटना।
(उ.प्र.समाचार सेवा)। उत्तर प्रदेश के कैराना कस्बे से
हुए हिन्दुओं के पलायन को विश्व हिन्दू परिषद् ने
सामाजिक एकता और सुरक्षा के लिये गंभीर खतरा मानते
हुए प्रस्ताव पारित किया है। विहिप ने प्रस्ताव में कहा
है कि पलायन हिन्दू समाज की सुरक्षा के लिये गंभीर चुनौती
है। प्रस्ताव में केन्द्र सरकार से एक समान जनसंख्या नीति
बनाने, पलायन के लिये जांच आयोग बनाने की मांग की है।
इसके अलावा विहिप ने स्वयं भी देश भर में हो रहे पलायन
पर सर्वेक्षण करने तथा पलायन रोकने के लिए हिन्दुओं में
पराक्रम भरने का फैसला किया है। विश्व हिन्दू परिषद् की
केन्द्रीय प्रबंध समिति की 25 जून को यहां आयोजित बैठक
में उक्त प्रस्ताव पारित किया गया।
पलायन हिन्दू समाज पर गंभीर
खतरा-
प्रस्ताव में कहा गया है कि कैराना (प0उ0प्रदेश) में
हिन्दुओं के पलायन के समाचार से हिंदू समाज पर मण्डरा रहे
एक खतरे की ओर सम्पूर्ण भारत का ध्यान आकर्षित हुआ है।
विश्व हिन्दू परिषद गत 30 वर्षों से चल रहे निरंतर हिन्दू
पलायन के सम्बन्ध में चेतावनी देता रहा है। स्वतंत्र
भारत में हिन्दू समाज को सबसे पहले कश्मीर घाटी में इसका
भीषण एवं वीभत्स स्वरूप झेलना पड़ा। परन्तु सम्पूर्ण देश
का अध्ययन करने पर ध्यान में आता है कि हिंदुओँ का यह
दर्दनाक पलायन केवल कश्मीर घाटी या प.उत्तर प्रदेश तक
सीमित नहीं है, भारत के कई प्रांत कम या अधिक मात्रा में
हिंदू पलायन की इस समस्या से ग्रस्त हैं। कश्मीर घाटी से
शुरु हुआ यह पलायन अब जम्मू के पुंछ, राजौरी, किश्तवाड़,
डोडा, रामबन, भद्रवाह के अतिरिक्त जम्मू शहर की कई
कालोनियों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। पंजाब का
मलेरकोटला, राजस्थान का मेवात, हरियाणा का मेवात व छछरौली,
दिल्ली के सीलमपुर, ओखला, वेलकम कालोनी, सीमापुरी, पुरानी
दिल्ली इस समस्या से प्रभावित हैं।
पश्चिम उत्तर प्रदेश के 60 से
अधिक कस्बों में हिन्दू अल्पसंख्यक हुए-
कैराना, कांधला, शाहकलां, गंगोह, सम्भल आदि के नाम तो
सामने आ ही चुके हैं परन्तु सम्पूर्ण उत्तरप्रदेश में 60
से अधिक कस्बे या गांव तथा मेरठ, सहारनपुर जैसे अनेक शहरों
की पचासों कालोनियां हैं जहां हिंदू समाज को अपने धर्म,
बहन-बेटी व जान-माल की सुरक्षा के लिए अपनी जन्मभूमि को
छोड़ने का अपमानजनक दर्द झेलना पड़ रहा है। बिहार के
पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, दरभंगा, सीतामढ़ी,
सीवान, झारखण्ड का पाकूर, बंगाल के मालदा, उत्तर
दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, दक्षिण व उत्तर
24 परगना, पूर्वोत्तर के करीमगंज, हेलाकाण्डी, दुबड़ी,
बरपेटा, ग्वालपाड़ा, नौगांव, तमिलनाडु के तंजाबुर,
रामनाथपुरम् केरल के कोझीकोड, मल्लापुरम््, कासरगोड़,
कन्नूर आदि जिलों के कई गांवों में हिंदू अल्पसंख्यक हो
चुके हैं। कई अन्य स्थानों के नाम स्थानाभाव के कारण इसमें
सम्मिलित नहीं हो पाए हैं; परन्तु इन सब स्थानों से हुए
पलायन से ध्यान में आ रहा है कि भारत में कई ‘‘कैराना’’
पनप रहे हैं और हिंदू को अपने ही देश में कई स्थानों पर
पलायन की विभीषिका का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व राज्यपाल टीवी राजेश्वर
ने चेताया था खतरे की ओर -
हिन्दू पलायन की इस विभीषिका के खतरे के सम्बन्ध में देश
के कई प्रबुद्ध चिंतक बार-बार समाज व सरकारों को चेतावनी
देते रहे हैं। 12 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के तत्कालीन
राज्यपाल व आई.बी. के पूर्व प्रमुख टी.व्ही. राजशेखर ने
स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा था कि ‘‘प.उ.प्र. में कई
पाकिस्तान पनप रहे हैं। इन तत्वों पर अगर नियंत्रण नहीं
किया गया तो वहां पर उपस्थित हिंदू समाज व कानून व्यवस्था
के लिए बड़ा खतरा निर्माण हो जायेगा।’’ कई पूर्व जिलाधीश
कहते हैं कि वे दिन की रोशनी में भी इन इलाकों में नहीं
जा सकते थे। इसी प्रकार कश्मीर की घाटी, बंगाल, असम,
बिहार आदि प्रदेशों की स्थिति पर भी बार-बार चेतावनी
मिलती रही है।
विहिप की प्रबंध समिति हिन्दू पलायन की इस स्थिति पर
गंभीर चिंता व्यक्त करती है। विहिप का यह स्पष्ट अभिमत
है कि छद्म सेक्युलरवादी राजनैतिक दलों के संरक्षण में
ही जेहादी तत्व हिंदू समाज को प्रताडि़त करते हैं और उनको
अपनी जन्मभूमि छोड़ने के लिए मजबूर करते हैं। चंद
मुस्लिम वोटों के लिए ये राजनीतिक दल न केवल हिंदू समाज
की सुरक्षा अपितु इन स्थानों की कानून व्यवस्था तथा
राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं। इन सब
स्थानों का अध्ययन करने पर ध्यान में आता है कि इन्हीं
स्थानों पर आतंकी शरण लेते हैं और देश में आतंकी
गतिविधियों का संचालन करते हैं। विहिप का अभिमत है कि
कोई भी मूल्य चुकाकर इन जेहादी तत्वों को कभी संतुष्ट नहीं
किया जा सकता है। इनकी मांगें व असंतोष अंतहीन है। इनके
तुष्टिकरण की मृृगमरीचिका मंे ये राजनैतिक दल देश को
1947 से पूर्व की स्थिति में ले जा रहे हैं। इसके
दुष्परिणामांे से वे स्वयं भी नहीं बच सकेंगे।
विहिप की प्रबंध समिति हिंदू पलायन की समस्या से ग्रस्त
राज्यों की सरकारों से अपील करती है कि वे अपने राजनैतिक
स्वार्थों से ऊपर उठकर देशहित का विचार करें। इस समस्या
को नकारने के असफल प्रयास करने की जगह वे इसकी भीषणता को
स्वीकार करें। विहिप की इन सभी राज्य सरकारों से मांग है
कि:-
यूपी सरकार दोषियों को चिन्हित करे-
01. हिंदू पलायन की भीषणता को समझने के लिए
न्यायिक जांच कराएं जो कारण व समाधान के अतिरिक्त दोषियों
को भी चिह्नित करें।
02. पलायन किए गए परिवारों को पर्याप्त
क्षतिपूर्ति घोषित करें और पीडि़त परिवारों को अविलम्ब
वितरित करें।
03. पीडि़त परिवारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करते
हुए, उन्हें अपने मूल स्थानों पर लाकर सम्मानपूर्वक
स्थापित करना चाहिए।
04. इस त्रासदी के दोषियांे को कठोरतम धाराओं में
दंडित करना चाहिए जिससे फिर कोई कानून हाथ में लेकर हिंदू
व राष्ट्रविरोधी काम न कर सकें।
केन्द्र समान जनसंख्या नीति
बनाए-
न्याय व्यवस्था राज्य के अन्तर्गत होते हुए भी इस समस्या
की भीषणता और व्यापकता तथा इसके दूरगामी परिणामों के
कारण केंद्र सरकार का भी इसके प्रति दायित्व है। जेहादी
आक्रामकता के इस स्वरूप के विभिन्न कारणों में एक कारण
उनकी आक्रामक जनसंख्या नीति है। केन्द्र सरकार से विहिप
मांग करता है कि-
01 वे अतिशीघ्र समान जनसंख्या नीति बनाएं जो किसी
भी सरकार का प्राथमिक संवैधानिक दायित्व है। स्वयं
न्यायपालिका इस दिशा में कई बार निर्देश दे चुकी है।
02 पूरे देश में पलायन की व्यापक जांच के लिए एक
वृृहद जांच आयोग का गठन करना चाहिए, जो कारण, परिणाम व
निदान की शीघ्र जांच कर कार्यवाही की अनुशंसा करे।
देश व्यापी अभियान चलेगा-
विहिप पलायन की इस त्रासदी को समाप्त करने के लिए
कटिबद्ध है। विहिप अतिशीघ्र एक देशव्यापी जागरण अभियान
चलायेगी जिसके द्वारा सम्पूर्ण हिंदू समाज को इस समस्या
की भीषणता से अवगत कराया जायेगा। विहिप एक व्यापक सर्वे
करायेगी जिसमें समस्याग्रस्त स्थानांे व परिवारों की
पहचान की जायेगी। इन स्थानों पर रहने वाले व हिंदू
परिवारों के मन में
‘‘पलायन नहीं पराक्रम’’
की भावना निर्माण की जायेगी तथा पलायन कर गए परिवारों को
वापस लाने का प्रयास किया जायेगा। उनको सामाजिक सुरक्षा
उपलब्ध कराने के लिए आसपास के हिंदू बहुसंख्यक क्षेत्रों
में अपने पीडि़त समाज के प्रति दायित्व बोध का निर्माण
किया जाएगा जिससे वे उनकी आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा
सुनिश्चित कर सकें।
विहिप भारत के मुस्लिम समाज को स्मरण कराना चाहती है कि
कुछ तत्वों के बहकावे में आकर वे हिंदू समाज को अपना
दुश्मन न मानें। उनमें से अधिकांश के पूर्वज हिंदू ही
थे। हिंदू शून्य स्थानों की स्थिति पाकिस्तान व कश्मीर
घाटी की तरह दयनीय ही रहती है। वे दूसरों की कृृपा पर ही
निर्भर होते हैं। जेहादी तत्वों की प्रेरणा से हिंदुओं
को प्रताडि़त कर वे हिंदुओं की सहनशीलता की परीक्षा न
लें। सहनशीलता की सीमा पार होने पर कोई भी प्रतिकार करता
है।
विहिप हिंदू समाज का आह््वान करता है कि वे अपने शौर्य
को पहचानें और सुनिश्चित करें कि अब और पलायन नहीं होगा।
यही मूलमंत्र अपने अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
प्रस्ताव-पीडीएफ फाइल डाउनलोड करें