उपजा ने एनसीआर में आयोजित किया हिन्दी
पत्रकारिता दिवस समारोह
हापुड
(गाजियाबाद),31मई । (उप्रससे)। देश में
सामजिक,सांस्कृतिक और राजनीतिक चेतना
जागृत करने की जिम्मेदारी हिन्दी
पत्रकारिता की है। हिन्दी पत्रकारिता का
देश की आजादी में विशेष योगदान रहा है।
हिन्दी पत्रकारों ने गुलामी से मुक्ति
दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान किया। उक्त
विचार पूर्व मुख्यमंत्री और गाजियाबाद
संसदीय क्षेत्र के सांसद राजनाथ सिंह ने
उ.प्र.जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) द्वारा
आयोजित हिन्दी पत्रकारिता दिवस समारोह में
मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए व्यक्त किये।
दिल्ली रोड स्थित एस.एस.वी डिग्री कालेज
सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विचार
व्यक्त करते हुए श्री सिंह ने आगे कहा कि
हिन्दी पत्रकारों को कभी भी हीनभावना से
ग्रस्त नहीं होना चाहिए। क्योंकि हिन्दी
और भारतीय भाषाओं का देश के विकास में बड़ा
योगदान है। उनके दायित्व भी अधिक हैं।
हिन्दी पत्रकारिता की जब भी बात होती है
तो विष्णु पराडकर और गणेश शंकर विद्यार्थी
का स्वत: ही स्मरण हो जाता है। इन्होंने
हिन्दी पत्रकारिता को दिशा दी। उन्होंने
कहा कि देश से अंग्रेज चले गए किन्तु
अंग्रेजियत छोड़ गए। इसी कारण अंग्रेजी के
पत्रकार हिन्दी पत्रकारों को हीनता की
दृष्टि से देखते हैं। उन्होंने कहा कि
हिन्दी के पत्रकार स्वतंत्र रूप से काम करें।
वे किसी भी हालत में अंग्रेजी के पिछलल्गू
न बनें।
हिन्दी पत्रकारिता दिवस समारोह के विशिष्ट
अतिथि जनता दल (यूनाइेटड) के राष्ट्रीय
महासचिव के.सी.त्यागी ने कहा कि हिन्दी
पत्रकारिता और हिन्दी साहित्य के उच्च
आदर्श रहे हैं तथा गौरवशाली इतिहास है।
हिन्दी पत्रकारिता ने देश समाज के लिए
विशेष योगदान किया है। उन्होंने कहा कि
अंग्रेजी की पत्रकारिता गुलामी की मानसिकता
की पत्रकारिता है। जबकि भारतीय भाषाओं की
पत्रकारिता आम आदमी से जुड़ी हुई है। श्री
त्यागी ने कहा कि आज देश में दो तरह की
शिक्षा प्रणाली लागू है। एक वर्ग ऐसा
तैयार हो रहा है जोकि अंग्रेजी में पढ़कर
निकलता है। दूसरा वर्ग हिन्दी माध्यम के
स्कूलों से शिक्षा ग्रहण करता है। यह वर्ग
केवल प्रजा है। अंग्रेजी की वालों के सामने
केवल खरपतवार की तरह है।
उपजा के प्रदेश महामंत्री सर्वेश कुमार
सिंह ने हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर
पर हिन्दी पत्रकारों की दशा और दिशा पर
चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज हिन्दी
पत्रकारों के दायित्व से अधिक इस बात की
जरुरुत है कि उनकी स्थिति पर चर्चा की जाए।
उन्होंने कहा कि हम हिन्दी पत्रकार अपने
दायित्व अच्छी तरह समझते हैं। लोकतंत्र के
चौथे स्तम्भ हम हैं। किन्तु इस चौथे
स्तम्भ की स्थिति क्या है? यह असंगठित
क्षेत्र है। पत्रकारों के लिए आपदा या किसी
गंभीर बीमारी की स्थिति में किसी तरह की
सहायता की व्यवस्था नहीं है। पत्रकार
कल्याण कोष पूरी तरह से निष्क्रिय है।
पत्रकारों के लिए पेंशन व्यवस्था नहीं है।
इस कारण पत्रकारों के सामाने हर समय चुनौती
रहती है। हाल ही में दो पत्रकारों का निधन
हुआ है किन्तु उनके परिवारों को सहायता नहीं
मिलती।
इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि आज हिन्दी
पत्रकारिता दिवस है। आज ही के दिन 30 मई
1826 को कलकत्ता से देश का पहला हिन्दी
समाचार पत्र उदंत मार्तण्ड प्रकाशित हुआ
था। उन्होंने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता
के सामने दो चुनौतियां हैं एक हिन्दी
अखबारों में भाषा के प्रयोग को लकेर है तथा
दूसरी इंटरनेट पर रोमन भाषा के प्रयोग से
है। उन्होंने कहा कि आज हिन्दी अखबारों
में अंग्रेजी शब्दों के प्रयोग की भरमार
है। हिन्दी शब्दों के स्थान पर अंग्रेजी
शब्दों का प्रयोग यह कहकर किया जा रहा है
कि ये आम बोलचाल की भाषा है। दूसरी ओर
इंटरनेट पर रोमन में हिन्दी लिखी जा रही
है। इससे हिन्दी शब्दावली के सामने संकट
है। एक बड़ा वर्ग इंटरनेट पर अंग्रेजीमें
ही सारे काम कर रहा है। हालांकि भारत
सरकार सूचना और तकनीक विभाग ने हिन्दी के
कई साफ्टवेयर प्रस्तुत कर सरराहनीय कार्य
किया है। जीस्ट साफ्टवेयर हिन्दी में ई-मेल
और यूनिकोड़ की सुविधा प्रदान करते हैं।
इनके प्रचार प्रसार की जरुरत है।
इस अवसर पर उपजा की स्थानीय इकाई द्वारा
प्रकाशित स्मारिका समर्पण का विमोचन मुख्य
अतिथि राजनाथ सिंह ने किया। कार्यक्रम में
जनता दल (एस) के राष्ट्रीय महासचिव कुंवर
दानिश अली, वरिष्ठ पत्रकार अनिल माहेश्वरी,
उपजा के एनसीआर प्रभारी सुनील छइंया,
वरिष्ठ पत्रकार अनिल त्यागी, सुरेश चन्द्र
संपादक, सुभाष महेश, डा. अशोक मैत्रेय,
मुशर्रफ चौधरी, अनिल आजाद, उदय सिहा,
वरिष्ठ पत्रकार रमेश चन्द्र जैन, उपजा की
प्रदेश कार्यकरिणी के सदस्य ज्ञानेन्द्र
शर्मा, हरेन्द्र चौधरी, उपजा की गाजियाबाद
इकाई के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा समेत अनेक
प्रमुख पत्रकार उपस्थित थे। कार्यक्रम में
उपजा के जिला महामंत्री फजलुर्रहमान ने
जिला इकाई की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की
तथा जिला अध्यक्ष अमिल अग्रवाल ने अतिथियों
का आभार व्यक्त किया। अध्यक्षता वरिष्ठ
पत्रकार अनिल माहेस्वरी ने तथा संचालन
अनिल वाजपेयी ने किया। कार्यक्रम की
समाप्ति पर शामे गजल का आयोजन किया गया।वकार्यक्रम
में गजलकारमुकेश तिवारी व उनकी टीम के
सदस्यों ने गजल सुनाकर उपस्थित लोगों को
मंत्र मुग्ध कर दिया।
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