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Narad के चैरासी सूत्र
हैं पत्रकारिता के
शाश्वत सिद्धान्त -
K. Vikram Rao |
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Tags: K. Vikram Rao, National
President Indian Fedration of working
Journalists (IFWJ), Anand Mishra Abhey,
Editor Rastra Dharma, Prabhat Ranjan
Deen Editor Kainviz Times, Devarishi
Narad Jayanti Vishwa Samvad Kendra
Jiyamu Lucknow |
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News
source: U.P.Samachar Sewa |
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Publised
on : 07 May 2012, Time: 19:54 |
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लखनऊ,
07 मई। (उ.प्र.समाचार सेवा)। देवर्शि नारद
के चैरासी सूत्र वस्तुतः पत्रकारिता के
शाश्वत सिद्धान्त हैं। इनसे
प्रेरणा लेकर मीडिया जगत समाज के समक्ष
आदर्ष प्रस्तुत कर सकता है। उक्त बातें
प्रख्यात पत्रकार एवं कार्यक्रम के मुख्य
अतिथि के. विक्रम राव ने कही। उन्होंने
फ्रांस और उत्तर प्रदेष के चुनावी सन्दर्भ
में नारद जयन्ती की चर्चा की। उन्होंने कहा
कि लोक कल्याण के अनुरूप काम करने वालोें
को ही सत्ता में वापसी संभव होती है। नारद
जी ने लोककल्यााण को ही सर्वाधिक महत्व
दिया। नारद जी आज भी प्रासंगिक हैं।
उन्होंने कर्तव्यपरायणता का सन्देष दिया।
यह आज के पत्रकारों के लिए भी उपयोगी है।
सृजन ही समाचार का आधार होना चाहिए। उन्हें
निराकरण भी देना चाहिए। नारद जी ने
ईमानदार पत्रकारिता का संदेष दिया। वह
घटनास्थल पर उपस्थित रहते हैं। घटना क्या
है, केवल यह नहीं बताया। घटना क्या हुई
इसको उजागर किया।समाधान दिया। इसके बाद भी
वह आसक्त नहीं। वह ज्योतिश विज्ञान का भी
जनहित में प्रयोग करते हैं।
कार्यक्रम के विषिश्ट अतिथि राश्ट्रधर्म
पत्रिका के संपादक आनन्द मिश्र अभय ने कहा
कि नारद जी सदैव भ्रमण करते हैं उनका
उद्देष्य जनहित है। वह सभी के विष्वास
पात्र हैं। लोककल्याण में निःस्वार्थ
समर्पित व्यक्ति ही अपनी विष्वसनीयता कायम
कर सकता है। नारद जी का जीवन इसकी प्रेरणा
देता है। पत्रकारों को अपनी विष्वसनीयता
बनाने का सतत प्रयास करना चाहिए।
राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय
कार्यकारिणी के सदस्य अषोक बेरी ने कहा कि
पत्रकार समाज को दिषा देने वाले हैं। इसके
लिए उनका चिन्तन सकारात्मक होना चाहिए।
राश्ट्र और समाज के हित को सर्वोच्च मानना
होगा। भावी पीढी को भारतीय संस्कृति के
अनुरूप संस्कारवान बनाना पत्रकारों का
दायित्व है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कैनविज
टाइम्स के संपादक प्रभात रंजन दीन ने कहा
कि नारद जी जिज्ञाशु हैं। उनकी जिज्ञासा
सार्थक परिणाम की ओर ले जाती है। वह
अनुभूतियों से प्रेरित पत्रकार हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिन्दुओं
पर हो रहे अत्याचारों की खबर को हाषिए पर
रखना अपराध है। नारद से पे्ररणा लेने वाला
पत्रकार कायर नहीं हो सकता। उन्होंने
हिन्दुओं से संबंधित मामलों पर सरकार और
पत्रकारिता के दोहरे मापदण्डों को अनुचित
बताया। मजहबी भावना से ऊपर उठकर सच्चाई को
कहने का साहस होना चाहिए। |
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source: U.P.Samachar Sewa |
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upsamacharsewa@gmail.com
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