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नई
दिल्ली, 09 मई ।दिल्ली विश्वविद्यालय के
एक प्रोफेसर को माओवादियों के साथ संबंधों
के लिए शुक्रवार को महाराष्ट्र पुलिस ने
गिरफ्तार कर लिया। पिछले छह महीने में उनसे
चार बार से ज्यादा पूछताछ की जा चुकी है।
गढ़चिरौली के डीआईजी रवीन्द्र कदम ने बताया,
श्हमने प्रोफेसर जी. एन. साईंबाबा को
शुक्रवार सुबह दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली की अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेने
के बाद उन्हें महाराष्ट्र के गढ़चिरौली लाया
जाएगा।श्
कदम ने दावा किया कि साईंबाबा को
प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) का
कथित सदस्य होने, नक्सलियों को साजो-सामान
से समर्थन देने और भर्ती में मदद करने के
आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की पुलिस टीम
शुक्रवार की सुबह ही दिल्ली पहुंची और
साईंबाबा को गिरफ्तार किया। वह दिल्ली
विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर
हैं। सूत्रों ने बताया कि गढ़चिरौली पुलिस
ने उनका कंप्यूटर फॉरेंसिक जांच के लिए
पहले ही जब्त कर लिया था।
साईंबाबा का नाम उस समय सामने आया, जब
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र
हेमंत मिश्रा को गिरफ्तार किया गया। उसने
जांच एजेंसियों को बताया कि वह छत्तीसगढ़
के अबूझमाड़ के जंगलों में छिपे माओवादियों
और प्रोफेसर के बीच श्कूरियरश् का काम करता
है।
सूत्रों ने बताया कि कंप्यूटर से मिले कुछ
दस्तावेज प्रोफेसर को दिखाए गए। उनसे
प्रतिबंधित संगठन के कैडरों के साथ संबंधों
के बारे में पूछताछ की जा रही है। पुलिस
का आरोप है कि प्रोफेसर एक संगठन चलाते
हैं जो सीपीआई (माओवादी) का मुखौटा संगठन
है। हालांकि, साईंबाबा ने इन आरोपों से
इनकार किया है। पुलिस का दावा है कि मिश्रा
के अलावा तीन अन्य गिरफ्तार माओवादियों
कोबाड गांधी, बच्चा प्रसाद सिंह और
प्रशांत राही ने भी दिल्ली में अपने
संपर्क के रूप में साईंबाबा का नाम लिया
था। |