लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में भाजपा को भारी सफलता मिली है।
सभी अनुमानों को ध्वस्त करते हुए भाजपा ने
राज्य की 80 में से 71 सीटें जीत ली हैं।
जबकि दो सीटों पर उसकी सहयोगी पार्टी अपना
दल विजयी हुई है। इस तरह उसका कब्जा 73
सीटो पर हो गया है। सबसे अधिक दुर्गति
बहुजन समाज पार्टी यानि बसपा की हुई है
जिसे एक भी सीट नहीं मिली है। सत्तारूढ़
समाजवादी पार्टी सिर्फ परिवार के सदस्यों
की सीटों को ही बचा सकी है। मुलायम सिंह
यादव के साथ साथ उनकी पुत्र बधु डिम्पल
यादव और दो भतीजे जीते हैं। जबकि बाकी सभी
उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं। इसी तरह
कांग्रेस की भी प्रदेश मे करारी हार का
सामना करना पड़ा है। कांग्रेस सिर्फ मां
बेटे की सीट बचा सकी है। सोनिया गांधी उनका
बेटा राहुल गांधी ही चुनाव जीत सके हैं।
'प्रदेश के बागपत से चौंकाने वाला चुनाव
परिणाम आया है।यहां से राष्ट्रीय लोकदल के
अध्यक्ष अजित सिंह चुनाव हार गए हैं। उन्हें
भाजपा के सत्यपाल सिंह ने हराया है।
सत्यपाल सिंह मुम्बई के पूर्व पुलिस
कमिश्नर हैं। उन्होंने नौकरी छोडकर भाजपा
के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
सबसे खास बात यह है कि चौधरी अजित सिंह
तीसरे नम्बर पर रहे हैं। इसी तरह उनका
पुत्र जयंत चौधरी भी चुनाव हार गया है।
जयंत को हेमामालिनी ने भारी अन्तर से
पराजित किया। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं
में जहां सलमान खुर्शीद, श्रीप्रकाश
जायसवाल, आरपी एन सिंह, बेनीप्रसाद वर्मा,
पीएल पुनिया, जितिन प्रसाद चुनाव हार गए
हैं।
भाजपा के सभी प्रमुख नेता नरेन्द्र मोदी,
राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, योगी आदित्यनाथ,
डा मुरली मनोहर जोशी, जनरल वीके सिंह,
पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह,
हेमामालिनी, उमा भारती, मेनका गांधी,
हुकुम सिंह चुनाव जीत गए हैं। भाजपा के सुल्तानपुर से प्रत्याशी
वरुण गांधी चुनाव जीत गए हैं।
लोकसभा चुनाव में पड़े मतों की गिनती
आज सुबह आठ बजे शुरु हो गई है। शुरुआती
रुझान में ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक
गंठबंधन (एनडीए) और भाजपा ने बढ़त बना ली
है। उत्तर प्रदेश में भी भाजपा सबसे आगे
है। पार्टी की स्टार प्रचारक स्मृति ईरानी
अमेठी में राहुल गांधी से आगे हैं। वहीं
उत्तर प्रदेश में ही लखनऊ से राजनाथ सिंह
लीड बनाये हुए हैं। मथुरा में हेमामालिनी
भी आग हैं। यहां रालोद के जयंत चौधरी पीछे
हैं।
केन्द्र में बाप-बेटे की राजनीति पृष्ठभूमि
खत्म
वोटरों ने दिखाया चौधरी अजीत सिंह और
जयन्त सिंह को संसद से बाहर का रास्ता
मुजफ्फरनगर। पहली बार उत्तर प्रदेश से जीत
हासिल कर केन्द्र में अपनी जीत
के बल पर मंत्रालय लेने वाले बाप बेटे को
हार का सामना करना पडा है।
उल्लेखनीय है कि बागपत से रालोद सुप्रीमों
चौ. अजीत सिंह की सीट पक्की थी
जिससे वह जीत हासिल कर केन्द्र में
मंत्रालय प्राप्त करते थे। लेकिन इस
बार वोटरों ने उनके भविष्य पर प्रश्न
चिन्ह लगा दिया और रालोद की
सुरक्षित सीट बागपत से भाजपा के पूर्व
मुम्बई कमीशनर सत्यपाल सिंह को
विजयश्री का ताज पहना दिया है। वहीं दूसरी
ओर भाजपा ने रालोद को दूसरा
छटका उस समय दे दिया जब रालोद सुप्रीमों
के सुपुत्र जयंत चौधरी को मथुरा
से भाजपा प्रत्याशी हेमामालिनी ने भारी मतों
से पराजित कर दिया। 16वीं
लोकसभा में इस बार जाटों के नेता के रूप
में अपनी भूमिका निभाने वाले
कद्दावर नेता रालोद सुप्रीमों और उन्हें
बेटे चौ. जयन्त सिंह को संसद से
उनके ही अपने वोटरों ने बाहर का रास्ता
दिखा दिया है। चौ. अजीत सिंह और
जयन्त सिंह के लोकसभा चुनाव में हुई इस
हार के बाद लोेगों को कहते सुना
गया है कि यह पहली बार हुआ है कि जब चौधरी
परिवार को उनके ही मतदाताओं ने
नकारा है। इससे चौधरी परिवार की राजनीति
की पृष्ठभूमि खत्म हो गयी है।
यूपी से एक भी अल्पसंख्यक नहीं पहुंचा
संसद
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के 16वीं लोकसभा
के लिए एक भी अल्पसंख्यक संसद
तक नहीं पहुंच पाया है। ऐसा पहली बार हुआ
है कि लोकसभा चुनाव में जहां
रिकार्डतोड मतदान हुआ है वहीं दूसरी ओर
मतदाताआंे ने अपनी सुझबूझ का
परिचय देते हुए अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को
सिरे से ही नकार दिया है और
पूरे उत्तर प्रदेश से संसद में पहुंचने
वाले सांसदों में एक भी ऐसा सांसद
नहीं है जो अल्पसंख्यक समुदाय से हो।
Uttar
Pradesh Result
Status |
Status
Known
For 78 out
of 80 Constituencies
|
Party |
Won |
Leading |
Total |
Bahujan
Samaj
Party |
0 |
0 |
0 |
Bharatiya
Janata
Party |
71 |
0 |
71 |
Indian
National
Congress |
2 |
0 |
2 |
Samajwadi
Party |
5 |
0 |
5 |
Apna Dal |
2 |
0 |
2 |
Total |
80 |
0 |
80 |
|
|
|
|
|
|