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लखनऊ, 19 मई (Agency)। 16 वीं
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी ने
सोमवार को समीक्षा बैठक के दौरान सपा मुखिया ने
प्रत्याशियों से सवाल किया जब इतनी छूट मिली थी तो हारे
क्यों? श्री यादव का इशारा प्रशासनिक अधिकारियों और
क्षेत्र में मन पसंद कर्मचारियों की पोस्टिंग कराकर
जीत कादावा करने वाले प्रत्याशियों की ओर था।
हालांकि बैठक में होने वाले बातों की सरेआम चर्चा करने
से संबंधित लोकसभा प्रत्याशी और मंत्री बचते रहे।
बावजूद इसके बैठक से बाहर आने वाले अधिकांश जिम्मेदार
यह स्वीकार कर रहे थे कि नेताजी ने सबकी जमकर क्लास
लगाई। इससे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अपनी हार का
ठीकरा पार्टी के ही लोगों के सिर पर फोड़ते रहे। नेताजी
ने इनसे यह भी सवाल किया कि जब जिले के आला अफसरों से
लेकर गांव के लेखपाल तक की नियुक्ति प्रत्याशियों के
मन मुताबिक हुई थी तो ऐसा क्या हो गया कि 2012 के
विधान सभा चुनाव में चलने वाली सपा की लहर दब गई और सपा
को कुछ सीटों पर ही सिमटना पड़ा।
नेताजी के तल्ख तेवर देखकर किसी ने भी सच बोलने की
हिम्मत की। हां इतना जरूर हुआ कि इनमें से कइयों ने
अपनी हार की जिम्मेदारी पार्टी के ही कुछ लोगों पर
असहयोग करने का आरोप लगाया और खुद को पाक-साफ घोषित
करने का प्रयास किया। दूसरी ओर कुछ सपाई यह चर्चा करते
सुने गए ‘‘ सरकार और संगठन की मंझधार में फंसे
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधान सभा चुनाव की तरह इस
चुनाव में समय नहीं दे पाए। इस वजह से कार्यकर्ताओं
में उतनी सक्रियता नहीं दिखी जितनी विधान सभा चुनाव के
दौरान रही।‘‘ |