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लखनऊ,
(Shreedhar Agnihotri)। लोकसभा चुनाव में पहली बार हुई
करारी हार के बाद बसपा मुखिया मायावती ने एक तरफ से
प्रदेश की सभी जिला व मंडल इकाइयों को भंग कर दिया है,
इसी के साथ उन्होंने कोआर्डिनेटरों को भी हटा दिया है।
बैठक में जुटे नेताओं को दो टूक निर्देश दिए हैं कि वह
होटल कल्चर भूल जाएं और जनता के बीच जाएं तभी 2017 में
नतीजे बेहतर आएंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार बसपा सुप्रीमो ने
मंगलवार को आल इंडिया के पदाधिकारियों की लखनऊ में
बैठक आहूत की। बैठक के दौरान उन्होंने एक - एक से हार
का कारण पूछा और साथ ही उन नेताओं की जमकर क्लास लगाई,
जिनकी समय - समय पर सहयोग न करने की शिकायत मिल रही
थी। सुखदेव राजभर ने बताया कि मायावती ने होटल कल्चर
खत्म करके नेताओं को जनता के बीच जाकर उन्हें पार्टी
से जोड़ने को कहा है। सभी जोनल को-आर्डिनेटरों को हटाकर
कार्यकारिणी भंग कर दी हैं। उन्होंने कहा कि अब नए सिरे
से कार्यभार देने का फैसला किया जाएगा। साथ ही को-ऑर्डिनेटर
व्यवस्था के बजाय जिला कार्यकारिणी गठित कर संगठन को
छोटा और मजबूत बनाकर प्रभावी तरीके से काम किया जाएगा।
ब्राह्मण और मुस्लिम को पार्टी से जोड़ने का जोर होगा।
इसके लिए विशेष समिति का गठन किया जाएगा। गौरतलब है कि
सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने जुगल किशोर,
मुनकाद अली, डॉक्टर बलिराम, गया चरण समेत बसपा के
पांच को-ऑर्डिनेटर को हटा दिया था।
इससे पहले रविवार को मायावती चुनाव में मिली करारी हार
के बाद पहली बार मीडिया के सामने आई थीं। उन्होंने कहा
था कि उनकी हार का कारण ब्राह्मण और मुसलमान वोटर रहे
हैं। माना जा रहा है कि चुनावी नतीजों की वजह से
मायावती सोशल इंजीनियरिंग छोड़कर अब अपने पुराने
फॉर्मूले पर वापस आ सकती हैं। इसकी वजह भी है, क्योंकि
यूपी में बसपा 17 सुरक्षित सीटों पर भी कोई करिश्मा नहीं
दिखा सकी। |