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  इलाहाबाद में चौबीस घंटे बाद भी रेप का मामला दर्ज नहीं
Tags: Rape in Allahabad
Publised on : 22 May 2014  Time 21:12

 

 

इलाहाबाद। किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आने के चौबीस घंटे बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। पुलिस ने पीडिता के परिजनों को भयभीत करके उनके गांव वापस भेज दिया है। हालांकि पूरा मामला डीआईजी और एसएसपी की जानकारी में है। फिर भी रिपोर्ट दर्ज करने में आना काना की जा रही है। एसएसपी ने मामले की जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक को जिम्मेदारी सौंप दी है।

जिस जनपद में जिम्मेदार पद पर महिला पुलिस अधिकारी तैनात हो और उसी जनपद में किशोरी से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले को पचाने में जुटी पुलिस पर अब सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। मामला प्रकाश में आने पर एसएसपी मंजिल सैनी जांच का सहारा ले रही है। इससे बुरा दुर्दिन महिलाओं एवं युवतियों के लिए कभी भी नहीं आ सकता है। लोगों का अब भरोसा उत्तर प्रदेश की पुलिस से उठता जा रहा है। लेकिन लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब नकेल कसने की कोशिश में जुट चुकें है। जबकि प्रदेश में तैनात कई ऐसे जिम्मेदार अधिकारी उनके मनसूबे पर अब भी पानी फेरने का काम कर रहें है।
उल्लेखनीय है कि सुल्तानपुर जिले के पहाड़पुर रायपट्टी गांव की रहने वाली एक किशोरी से वहीं के रहने वाले सुभाष यादव घुमाने के बहाने अपने मामा रमेश यादव के पास कोतवाली क्षेत्र में आ गया। जहां गत दिनों कमरे के अन्दर जबरन दुष्कर्म किया और सादी का झंासा देकर पुनः उसके घर छोड़ने के लिए जा रहे थे। बताया जा रहा है कि रास्ते में स्टेशन के समीप किशोरी ने पुलिस को देखते ही शोर मचा दिया और उसे रोता देख पुलिस कर्मी वहां पहुंचे और किशोरी व सुभाष एवं रमेश को लेकर कोतवाली चली गयी। लेकिन बेशर्म हो चुके कोतवाली पुलिस मामले को पचाने की नियत से दोनों आरोपियों को छोड़ दिया। लेकिन मामले की जानकारी होते ही किशोरी के परिजन उसे लेकर न्याय के लिए डीआईजी के पास पहुंचे। मामला गम्भीर होने की वजह से डीआईजी भगवान स्वरूप ने एसएसपी को मुकदमा दर्ज करने एवं जांच के निर्देश दिया। एसएसपी मंजिल सैनी ने भी महिला थानाध्यक्ष को तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच के निर्देश दे दिया। लेकिन महिला थानाध्यक्ष हरमामलों की तरह इस मामले को भी पचाने की कोशिश किया और किशेरी के परिवार वालों पर दबाव लेकर कार्रवाई न कराने पर राजी करा लिया और उन्हें यह भय दिखाया कि चार दिन तक उन्हें यहंी शहर में रूकना पड़ेगा। पुलिस की कार्यशैली से भयभीत होकर गरीब परिवार चुपचाप घर जाने को मजबूर हो गये। लेकिन इस बीच मामला मीडिया तक जा पहुंचा। जिससे एसएसपी ने मामले की जांच कराने के लिए सीओं प्रथम को लगाया। हालांकि खबर खिले जाने तक सामूहिक दुष्कर्म मामले का मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया था।

News source: UP Samachar Sewa

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