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वाराणसी।
पर्यटन विभाग के नवीन प्रयासों से गंगा घाट व सारनाथ
में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। बावजूद इसके विदेशी व
स्वेदशी पर्यटकांे की सुरक्षा के लिए सारनाथ
परिक्षेत्र में इंतजाम की कमी है। इन दिनों वहां फर्जी
गाइड एसोसिएशन सक्रिय है।
शुक्रवार को दोपहर दो बजे के बाद भगवान बुद्ध के उपदेश
स्थली नये मूलगंद कुटीर बिहार मंदिर के बाहर आधा दर्जन
से ज्यादा गाइड घूमते मिले। जिनके पास पर्यटन विभाग का
लाइसेंस व परमिट नही मिला। चैकानें की बात यह सामने आयी,
वहां घूम रहे गाइडों के पास न डिप्लोमा है और न ही कोई
पर्यटन की डिग्री। पर्यटन अधिकारियों से आंख मिचैली
खेलते इन गाइडों को दिनभर का सौ रूपये से मतलब है।
सारनाथ पहुंचने वाले स्वदेशी व विदेशी पर्यटकों से टूटी
फूटी इंग्लिस व हिन्दी में बात कर के तीस रूपये से सौ
रूपये तक में बौद्ध मंदिरों में घूमाने का तय करने वाले
गाइडों की एक ऐसोसिएशन है। अगर किसी गाइड को दिनभर
घूमने के बाद कोई पर्यटक रूपये देने में आनातानी करता
है तो ऐसोसिएशन के लोग सामने आ जाते है, जिनका पुलिस
प्रशासन से लेकर पर्यटन विभाग परिचय है।
सारनाथ के एक फर्जी गाइड रवि के अनुसार उसके पास कोई्
परमिट नही है। रोज का सौ से देढ़ सौ कमाता है। पुलिस व
पर्यटन विभाग का कोई हस्तक्षेप नही है। तिब्बती,
चाइनीज, जैपनीज, हिन्दी व इंग्लिस बोलते हुए भारत व
विदेश से आने वाले लोगो सारनाथ का कोना कोना दिखा दिया
जाता है। |