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गायत्री महाकुंभ हादसे में 22 साधकों की मृत्यु

Tags: Gayatri Maha Kumbh, casualty

First Publised on : 08 November  2011       Time 23:22      Last  Update on  : 08 November  2011        Time 23:22

Haridwar, 08 November 2011 (UPSS)  हरिद्वार, 08 नवम्बर। (उ.प्र.समाचार सेवा)। धर्मनगरी हरिद्वार के शांतिकुंज परिवार के संस्थापक श्रीराम शर्मा के जन्मशती पर सामूहिक यज्ञशाला में दम घुटने से मची भगदड़ में 22 जिन्दगियां स्वाहा हो गयी। खुले मैदान में बनायी गयी यज्ञशाला से निकले धुएं से श्रध्दालुओं को सांस लेने में जब दिक्कत महसूस हुई, तो वहां भगदड़ का माहौल हो गया। इस भगदड़ में देर शाम तक 22 साधकों की मौत हो चुकी थी, जबकि दर्जनों घायल अभी हरिद्वार व देहरादून के अस्पतालों में जिन्दगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। यज्ञशाला में बिखरी लाशों की जानकारी मिलते ही जहां स्थानीय पुलिस प्रशासन के पैरो तले जमीन सरक गयी, वहीं घटना के बाद स्वयं प्रदेश के मुखिया भुवन चन्द्र खंडूडी भी व्यथित दिखायी दिये।
घटनाक्रम के अनुसार हरिद्वार में गत 6 नवम्बर से शांतिकुंज गायत्री परिवार में परिवार के संस्थापक श्रीराम शर्मा का जनमशती महोत्सव महाकुंभ के रूप में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस महाकुंभ में प्रतिभाग करने जहां देशभर से लाखों की संख्या में श्रध्दालु पहुंच रहे हैं, वहीं विदेश से आने वाले श्रध्दालुओं की कमी नहीं है। देश के कई बड़े राजनेता भी इस महाकुंभ में प्रतिभाग कर रहे हैं। मंगलवार को यहां आयोजित सामूहिक यज्ञ अनुष्ठान का कार्यक्रम चल रहा था। यज्ञ से निकल रहे धुएं के कारण यहां मौजूद श्रध्दालु स्वयं को असहज महसूस करने लगे और जब दम यादा घुटने लगा, तो यहां भगदड़ मच गयी। भगदड़ मचने से कई श्रध्दालु पांव के नीचे रौंदे जाने लगे और मौत के शिकंजे ने यहां अपनी जकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी।
श्रध्दालुओं के मरने की खबर मिलते ही पुलिस व प्रशासन में हडकम्प मच गया। आनन-फानन में जिलाधिकारी डी साेंथिल पाण्डयान व एसएसपी पुष्कर सिंह सैलाल मय फोर्स के यहां पहुंचे और उन्हाेंने सबसे पहले यज्ञ स्थल की ओर आने-जाने वाले मार्गों को बंद करा दिया। स्वयं अधिकारियां ने यहां महसूस किया कि यज्ञ स्थल से निकलने वाला धुआं घुटन का अहसास करा रहा था। यह घुटन साफ तौर पर महसूस की जा रही थी। घटना के तत्काल बाद कुछ घंटों तक जहां पुलिस प्रशासन चार-पांच श्रध्दालुओं की मौत होने का दावा करता रहा, वहीं शाम होते-होते पुलिस प्रशासन का ही यही आंकड़ा 16 तक जा पहुंचा, जबकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यज्ञ स्थल से 22 लाशें निकाली गयी हैं, वहीं अनेक दर्जनाें गंभीर घायलों को स्थानीय व देहरादून अस्पताल उपचार हेतु भिजवाया गया है। मौके पर पहुंचे गढ़वाल रेंज के डीआईजी संजय गुंजयाल ने बताया कि या स्थल खुले में था, लेकिन इसे ऊपर से ढका गया था। प्रथम दृष्टया यह घटना घुटन की वजह से ही हुई है। घटना के बाद यह स्पष्ट हो गया कि पुलिस प्रशासन व गायत्री परिवार के बीच तालमेल का खासा अभाव था। वह भी तब जब पुलिस प्रशासन को यहां पहुंचने वाले श्रध्दालुओं की संख्या का अंदाजा पहले से ही लग चुका था।
पत्रकारों से अभद्र व्यवहार
उधर बेस अस्पताल पर जब पत्रकारों ने मृतक साधकों की जानकारी लेनी चाही तो तो वहां मौजूद आयोजन समिति के गार्डों ने धक्का मुक्की की और अभद्र व्यवहार किया। पत्रकारों को उस स्थान पर जाने से भी रोकने का प्रयास किया गया जहां पर शव रखे थे। बाद में पत्रकारों के सामने 16 लोगों के मरने की पुष्टि की गई। बेस अस्पताल पर सबसे पहले पहुंचे एसडीएम हरवीर सिंह ने मौके पर स्थिति का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों को बताया कि 16 साधकों की मृत्यु हुई है तथा 32 लोग घायल हुए हैं। जिलाधिकारी ने मौके पर पहुंच कर पूरे मामले की मजिस्ट्ीयल जांच के आदेश दिये हैं।

 

News source:   U.P.Samachar Sewa

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