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Sultanpur,
10 November 2011 (UPSS) सुलतानपुर, 10 नवम्बर (अशोक जायसवाल, उ.
प्र. समाचार सेवा)
।भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए
संसदीय व्यवस्था में चलकर ही उसे सुधारा
जा सकता है। शोर मचाने से नहीं लोगों को
बीच जाकर बताने से भ्रष्टाचार दूर होगा।
उक्त बातें पत्रकारों से बातचीत करते हुए
श्री रविशकर जी ने कही।
सुलतानपुर जिले में आये श्री रविशंकर से
पत्रकारों ने यह पूछा कि यहां आपके
कार्यक्रम को पाने के एि तरसते हैं, वहीं
अमेठी में टीकरमाफी आश्रम के कार्यक्रम
में आपको आमन्त्रित किये जाने के बाद आपको
न आने के लिये कहना पडा इस पर क्या कहेंगे,
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा
कि उनका अमेठी कार्यक्रम राजनैतिक दबाव के
कारण ही निरस्त हुआ। उन्होंने कहा कि मेरे
कारण किसी को कोई परेशानी हो यह मैं नहीं
चाहता। मैं अमेठी जाता और किसी के लिए कोई
परेशानी होती तो वह ठीक न होता। उन्होंने
कहा कि मैं विश्व के 150 देशों में जा चुका
हूं जो मेरे 31 वर्ष के दौरान यह पहला मौका
रहा कि आयोजकों को मुझे अमेठी आने से रोकना
पडा।
अमेठी में टीकरमाफी के कार्यक्रम में आये
केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद का यह कहना
कि रविशंकर जी अच्छे संत है , वह मानव
कल्याण के लिए काम कर रहे हैं, वही करें।
राजनीति में दखल न दें। पत्रकारों द्वारा
इस बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने
कहा कि मैं भारत के 14 प्रान्तों का दौरा
कर चुका हूं। कहीं भी किसी ने कोई टिप्पणी
नहीं की। मैं किसी से डरने वाला नहीं। किसी
के डर से कार्यक्रम नहीं रद किया हूं। मेरे
अमेठी आने से वहां आ रहे राज्यपाल आदि को
कोई परेशानी हो जाती तो वह ठीक नहीं था।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी संत एक हैं,
क्या संतों का कोई साझा मंच बनेगा। इस पर
श्री रविशंकर ने कहा कि सभी संत एक होंगे।
सभी संत चाहते हैं कि देश से भ्रष्टाचार
समाप्त हो।
जब रविशंकर जी को करना पड़ा हस्तक्षेप
श्री रविशंकर जी के पत्रकार वार्ता के
दौरान अव्यवस्था का माहौल रहा। पत्रकारों
व वहां के स्थानीय आयोजकों के बीच कहासुनी
भी हुई जिसके कारण श्री रविशंकर जी को
हस्तक्षेप करना पडा, और श्री रविशंकर जी
ने हस्तक्षेप कर आयोजकों को वहां हटने के
एि कहना पडा तब जाकर पत्रकार उनके समीप आ
सके, और बातें कर सके। |