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किससे लिए हुई ‘पेगासस’ के रास्ते साइबर सुरक्षा में सेंध

सर्वेश कुमार सिंह

Tag:   Pegasus, Spyware, NSO,Israel, WhatsApp, Ravi Sankar Prasad Minister of Electronics & Information Technology India, Citizen Lab, Toronto न्यूज फीचर/01.11.2019

 Web Title: For whom, by whom Pegasus did spied in India

साइबर संसार में ‘मलवेयर’ और ‘स्पाइवेयर’ के जरिए सूचनाओं की चोरी कोई नई बात या आश्चर्यजनक नहीं है। साइबर संसार की विस्तृत होती और निरंतर बढ़ती उपयोगिता और इस पर निर्भरता ने साइबर जासूसों के काम को आसान कर दिया है। आज हम हर छोटे बड़े काम के लिए मोबाइबल ऐप पर निर्भर हो गए हैं। सूचना के  आदान - प्रदान से लेकर जन-जीवन की  मूलभूत आवश्यकताओं में ऐप की घुसपैठ इस तरह हो गई है कि, अब इसके बिना दिनचर्या को गति दे पाना मुश्किल हो जाता है। ‘यातायात से लेकर खाना मंगाने तक’ हर काम का जिम्मा हमने अपने एन्ड्रायड ऐप को सौंप दिया है। इसलिए जो सामने आ रहा है, वह इस तकनीक का दूसरा ‘स्याह’ पहलू है। तकनीक के जितने  लाभ हैं, उसमें उतने ही खतरे भी समाये हैं । कुछ को हम जानते हैं कुछ से जानकर भी अनभिज्ञ बने रहते हैं।  इसी में से एक खतरा है मोबाइल के जरिये ‘जासूसी’। आये दिन ऐसी जानकारियां मिलती रहती हैं कि किसी अमुक मोबाइल से उसके किसी परिजन या विरोधी की जासूसी हो रही थी। इसके लिए किसी ऐप के जरिये उसके मोबाइल में मलवेयर या स्पाइवेयर लोड कर दिया गया होता है। जोकि, सारी सूचनाएं संबंधित  व्यक्ति तक भेजता है।

गुरुवार को जब मैसेंजर ऐप  ‘वाट्सएप’ ने खुद ही यह उजागर किया कि उसके ऐप की वीडियो कालिंग सुविधा के माध्यम से इसी साल फरवरी से मई के बीच दुनिया भर के करीब 1400 लोगों की जासूसी हुई है, तो राजनीतिक, समाजिक गलियारों में हड़कंप मच गया । इस जासूसी का असर भारत की राजनीति पर होना स्वाभाविक है, क्योंकि यहां के करीब 17 विशिष्ट श्रेणी के लोगों की भी जासूसी की गई है। इसमें पत्रकार, लेखक, अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और आन्दोलनकारी हैं। यह जासूसी उजागर होने के बाद भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्यागिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वाट्सएप से जवाब तलब किया है। ऐप की संचालक कंपनी को 4 नवम्बर तक उत्तर देने को कहा गया है। हालांकि  वाट्सएप ने खुद ही बताया है कि उसके  जरिये वीडियो कालिंग सिस्टम में एक इस्राइल निर्मित स्पाईवेयर (वायरस ) ‘पेगासस’ Pegasus मोबाइल में इंस्टाल कर दिया गया था। यह वायरस संबंधित मोबाइल से उसकी सभी सूचनाएं जैसे बातचीत, फोटो, वीडियो, ई-मेल आदि को चुरा रहा था। इसके अलावा वह अन्य गतिविधियों पर नजर रखे हुए था । इस स्पाईवेयर के बारे में वाट्सएप को जानकारी तब हुई थी, जब इसी महीने के शुरु में टोरेंटो स्थित एक साइबर कंपनी ‘सिटिजन लैब’ ने उपभोक्ताओं को साइबर हमले की जानकारी दी।

वाट्सएप ने पेगासस के स्रोत की खोज कर ली है। उसके मुताबिक इसको इस्राइल की कंपनी ‘एनएसओ’ ने विकसित किया है। इस कंपनी ने स्पाईवेयर को इस्राइल की ही सरकारी एजेंसी को करीब छह करोड़ रुपये में बेचा है। अब सवाल यह उठता है कि इस्राइल की सरकारी नियत्रण  की कंपनी ने यह स्पाईवेयर किसके कहने पर या किससे इशारे पर वाट्सएप के वीडियो कालिंग सिस्टम में इंस्टाल करा दिया। इसके लिए तत्काल कार्रवाई करते हुए वाट्सएप ने कैलिफोर्निया की संघीय  अदालत में एनएसओ निगरानी ग्रुप पर मुकदमा ठोक दिया है। उधर एनएसओ ने कहा है कि वह सिर्फ लाइसेंस धारक सरकारी कंपनियों को ही अपनी तकनीक उपलब्ध कराती है।  आतंकवाद और गंभीर अपराधों से निपटने के लिए सक्रिय एजेंसियों की सहायता के लिए एनएसओ अपनी तकनीक देता है।

यूं तो दुनिया के करीब 1400 मोबाइल उपयोगकर्ता इस साइबर हमले के शिकार हुए, किन्तु इसमें भारत के जो 17 लोग शामिल हैं, वे किसी खास विचारधारा और आन्दोलनों से जुड़े रहे हैं अथवा उनके पैरोकार और वकील हैं। ये सभी लोग भारत के मौजूदा सत्ता अधिष्ठान के खिलाफ आवाज  उठाते रहे हैं। इसलिए हमारे यहां भी इस पर खासी बहस होने की सभावना है, कि आखिर इन लोगों की गतिविधियों से कौन अवगत होना चाहता है। साथ की किसकी रुचि इनके कामकाज को जानने की है। क्या कोई विदेशी ताकत हमारे आन्तरिक वैचारिक विवादों और टकराव पर नजर रखे हुए है अथवा हमारे देश में ही कोई ताकत इन्हें वाया विदेशी एजेंसी ‘ट्रेक’ करना चाहती है। इन सब सवालों का जवाब विस्तृत जांच के बाद ही मिल सकेगा ।

इस घटनाक्रम के सामने के बाद सबसे  ज्यादा चिंता का विषय यह है, कि अब हमारी ‘निजता’ सुरक्षित नहीं है। कोई हो सकता है जो सब कुछ जान रहा हो और देख रहा हो। हमारी हर गतिविधि किसी तीसरी आंख की जद में हो सकती है। इसलिए जरूरत है सुरक्षित ढंग से तकनीक के इस्तेमाल की। इसके लिए आवश्यक है कि हर उपयोगकर्ता को आवश्यकतानुसार ही अपने मोबाइल में ऐप इंस्टाल करना चाहिए। गैर जरूरी ऐप को इंस्टाल करने और उपयोग करने से बचना एक आसान तरीका हो सकता है। हालांकि हमारे मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भरोसा दिलाया है कि नागरिकों की निजता की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा-सरकार अपने नागरिकों की निजता की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। सरकार नागरिकों की निजता के हनन को लेकर चिंतित है।

किसकी हुई जासूसी- संतोष भारतीय, अंकित ग्रेवाल, विवेक सुन्दर, आनन्द टेलटुम्बटे , बेला भाटिया, शुभ्रांसु चौधरी,  रूपाली जाधव, सीमा आजाद, शालिनी गेरा, आशीष गुप्ता, निहाल एस सिंह राठौड, सरोज गिरि, डिग्री प्रसाद चौहान, सिद्धान्त सिब्बल, राजीव शर्मा, अजमल खान।

 

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News source: UP Samachar Sewa

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