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बरेली,14अक्टूबर।
Bareilly, Oct
14, 2011. Uttar Pradesh Samachar Sewa
प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशालय के
निर्देश पर एसीएम वंदिता श्रीवास्तव और
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. आरएस अग्रवाल की
टीम ने नाइस कालेज में छापा मारा। उन्होंने
कॉलेज में मौजूद स्टाफ के सदस्यों के बयान
दर्ज किऐ और कई कागजात अपने कब्जे में लिए।
मनचाहे बच्चे (लड़का या लड़की) के जन्म
संबंधी प्रकाशित भ्रामक विज्ञापन के मामले
में शहर का शिक्षण संस्थान फंस गया है।
दरअसल, ‘नक्षत्र’ नाम की जिस संस्था ने जो
विज्ञापन छपवाया है उसमें नाइस कॉलेज का
नाम दिया गया है। इसी आधार पर कॉलेज में
छापा मारा गया। छापा टीम ने कॉलेज के
कर्मचारियों से कड़ी पूछताछ की। कम्प्यूटर
में सुरक्षित दस्तावेज, फाइलें और तमाम
दफ्तरों में जाकर इसकी जांच की। जो भी
दस्तावेज संदिग्ध लगे, उन्हें सीलकर कब्जे
में ले लिया गया।
इस आधार पर मारा गया था छापाः
25 मई को नक्षत्र नाम की संस्था ने एक
अखबार में ‘बेबी जेंडर टूल व ईबुक’ का
विज्ञापन निकाला था। दावा है कि 3200 रुपये
की इस टूल किट के जरिए लड़का या लड़की जो
भी चाहें, का जन्म कराया जा सकता है।
विज्ञापन में अंकित बंसल और नाइस कॉलेज का
हवाला दिया गया था। इसकी शिकायत की गई तो
स्वास्थ्य महानिदेशालय ने जांच शुरू कर
दी। इसमें नाइस कॉलेज का हवाला दिया गया
था, इसलिए स्वास्थ्य महानिदेशालय ने जिला
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को
जांच करने के आदेश दिए। एसीएम वंदिता
श्रीवास्तव ने बताया टीम ने गहन छानबीन की
है। दस्तावेजों की जांच चल रही है, दो-तीन
में तस्वीर साफ हो जाएगी। अंकित बंसल नाइस
कॉलेज के कर्मचारी और एमडी के भाई हैं। यह
बात जांच सामने आई है।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. आरएस अग्रवाल ने
कहा कि प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल
डायग्नोस्टिक टेक्नीक एक्ट-1994 के अनुसार
डिलिवरी से पूर्व बच्चे का सेक्स
पूछने-बताने पर पूर्ण प्रतिबंध है। यह
अल्ट्रासाउंड, डॉक्टर से बच्चे के बारे
में काउंसिलिंग करके, डीएनए टेस्ट से और
कोई भी ऐसी चीज, जो डिलिवरी से पहले बच्चे
के सेक्स का निर्धारण में मदद करे और
प्रकृति में स्त्री, पुरुष के संतुलन को
बिगाड़ने में मदद करे, वह चाहे विज्ञापन
हो या पम्फलेट, यह सब प्रतिबंधित है।
‘नक्षत्र विजन प्राइवेट लिमिटेड’ ने
समाचार पत्र में जो विज्ञापन प्रकाशित
कराया उसमें विज्ञापनदाता का नाम अंकित
बंसल और पता नाइस कॉलेज दिया था। इसी पर
हमने कॉलेज पर कार्रवाई की। यह अभी जारी
रहेगी और जांच के बाद दोषी पाए जाने पर
नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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