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प्रदेश को बचाना है तो भाजपा को लाना होगा: राजनाथ

 

Tags: Jan Swabhiman Yatra Bhartiya Janta Party, BJP U.P. Rajnath Singh

First Publised on : 2011:10:17       Time 21:40       Last  Update on  : 2011:10:18       Time 10:28

मुजफ्फरनगर।, 17 अक्टूबर। (उप्रससे)। Muzaffarnagar, Oct 17, 2011. Uttar Pradesh Samachar Sewa केन्द्र और बसपा दोनों ने ही अपने-अपने स्तर से लूट मचा रखी है। केन्द्र जहां महंगाई को बढ़ाकर जनता का हाल-बेहाल किये हुए है, वहीं बसपा सरकार में फैले भ्रष्टाचार से भी जनता त्रस्त है। दोनों सरकार के भ्रष्टाचारों का संयोग जनता को दुर्दिन दिखा रहा है। इसलिये आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सत्ता में आना आवश्यक हो गया है। उक्त विचार भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके राजनाथ सिंह ने व्यक्त किये।
जनस्वाभिमान यात्रा लेकर मुजफ्फरनगर जनपद में पहुंचे राजनाथ सिंह का टाउन हाल मैदान में पहुंचने से पहले अनेक स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया। दोपहर लगभग एक बजकर दस मिनट पर टाउन हाल में पहुंचने पर राजनाथ सिंह का स्थानीय इकाई सहित अन्य जाति, वर्गों द्वारा भी स्वागत किया गया। अपना सम्बोधन शुरू करते हुए। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की हालत इसलिये खराब हुई, क्योंकि नेताओं की कथनी-करनी में अंतर आ गया है। इस अंतर ने राजनैतिक चरित्र ही बदलकर रख दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है वे भगवान राम, कृष्ण एवं बुध्द की जन्मस्थली वाले प्रेश से संबंध रखते हैं। इस वजह से उन्हें गौरव की अनुभूति होती है, लेकिन कुछ राजनेताओं के भ्रष्टाचार ने इसे धूमिल कर रख दिया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की खोई हुई प्रतिष्ठा और गौरव को लौटाने के लिये प्रयासरत है। प्रदेश की विभिन्न राजनैतिक दलों के कार्यकाल को गिनाते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि सपा सरकार के कार्यकाल की गुण्डागर्दी से जनता आजिज आ चुकी थी, इसलिये सपा के खिलाफ जाकर जनता ने मायावती को चुना था। मायावती ने भी उस दौरान अपनी जनसभाओं में दावे किये थे कि जब वे सत्ता में आयेंगी, तो मुलायम सिंह व अमर सिंह सहित भ्रष्टाचार में लिप्त सपा नेताओं को जेल का रास्ता दिखायेंगी, लेकिन वो खुद भ्रष्टाचार रूपी शीशे के घर में बैठी हैं, ऐसे में वे ऐसा कदम नहीं उठा पायी। उन्होंने हवाला दिया कि स्वास्थ्य विभाग के तीन मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की बसपा शासनकाल में एक ही साल में हत्या करा दी गयी। एक आम आदमी किसी भी सरकारी विभाग में उचित कार्य हेतु भी चला जाये, तो बिना पैसे लिये उसका काम नहीं होता। मुख्यमंत्री मायावती ने ये भी वायदा किया था कि वे 18 से 20 घंटे बिजली दिलायेंगी, लेकिन वे ऐसा भी नहीं कर सकी। कुल मिलाकर उन्होंने जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है। ठीक इसी प्रकार केन्द्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस भी आम जनता का खून चूसने में लगी है। एक ओर जहां महंगाई का चाबुक चलाया जा रहा है, वहीं केन्द्र के कैबिनेट मंत्री भ्रष्टाचार से देश की आर्थिक मजबूती की जड़े खोखली कर रहे हैं। इससे बड़ा भ्रष्टाचार का उदाहरण और क्या मिल सकता है कि केन्द्र तीन-तीन मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में तिहाड जेल में बंद हैं और अब जबकि केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम भी तिहाड़ के निकट पहुंचने वाले हैं, तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उनका बचाव कर रहे हैं।
उन्होंने केन्द्र की कांग्रेस सरकार का उपहास उड़ाते हुए कहा कि यदि यही क्रम चलता रहा, तो कैबिनेट की बैठक दिल्ली के 7 रेस क्रास रोड स्थित सोनिया गांधी के घर पर नहीं, तिहाड़ जेल में आहुत हुआ करेगी। दोनों सरकारों को कोसने के बाद राजनाथ सिंह ने भाजपा सरकार आने पर देने वाली उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार सत्ता में आयेगी, तो किसानों के लिये जहां धान व गेहूं की खरीद के बाद प्रति कुन्तल 100 रुपये बोनस रूप में भी दिया जायेगा। साथ ही प्रत्येक किसान को सरकार बनने के छह महीने के अंदर ही खेतीबाड़ी हेतु मिलने वाला ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जायेगा। बेरोजगारों को भी राजनाथ सिंह ने सरकार आने पर रोजगार देने का वायदा किया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार पांच साल तक चली तो प्रदेश में चालीस से पचास लाख के बीच सरकारी व गैर सरकारी रोजगार सृजित किये जायेंगे।
व्यापारियों को सम्बोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि बहुराष्ट्रीय कम्पनियां देश व प्रदेश के व्यापार को खोखला कर रही हैं, सत्ता में आने के बाद इन पर भी लगाम कसी जायेगी। जनसभा को राजनाथ सिंह के आने से पूर्व प्रदेश मंत्री अशोक कटारिया, जिलाध्यक्ष सुरेश राणा, सुनील सिंघल आदि ने सम्बोधित किया। व्यवस्था बनाने में मुख्य रूप से पालिकाध्यक्ष कपिल देव अग्रवाल, चन्नी बेदी, राजकुमार कालड़ा, प्रमोद धनकर, रजनीश, श्रवण मोघा, सुनील लोधी, रमेश खुराना, जगदीश पांचाल, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रेणू गर्ग आदि का सहयोग रहा।

अनुशासित पार्टी में अनुशासनहीनता के जलवे
बहुत हो गया स्वागत, अब तो नीचे उतर जाओ भाई!
दो महिलानेत्रियों में भी कुर्सी को लेकर हुई खींचतान
मुजफ्फरनगर। अनुशासन का दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी में मानो यह अब बीते जमाने की बात हो चली है। इसका खुल्लम-खुल्ला नजारा सोमवार को टाउन हाल के मैदान में पहुंची जनस्वाभिमान यात्रा के दौरान देखने को मिला, जिसको रोक पाने में भाजपा के स्थानीय वरिष्ठ नेतागण भी एक बार तो देखकर सकपका गये। जैसे-तैसे ये मामला सकपकाये नेताओं ने सुलझवाया।
जनस्वाभिमान यात्रा टाउन हाल में पहुंची भी नहीं थी, कि पंडाल में अग्रिम पंक्ति में बैठी एक भाजपा नेत्री को दूसरी भाजपा नेत्री ने इसलिये हाथ पकड़कर नीचे फेंक दिया, क्याेंकि वह उसकी कुर्सी पर बैठ गयी थी। हुआ यूं कि भाजपानेत्री साधना सिंघल कुछ क्षण के लिये अपनी कुर्सी छोड़कर मंच के निकट किसी नेता से बात करने गयी थी, इसी बीच महिला मोर्चा की ही पदाधिकारी कृष्णा प्रजापति उनकी कुर्सी पर जाकर बैठ गयी। वापिस लौटी साधना सिंघल ने कृष्णा को कुर्सी खाली करने के लिये कहा, जिसका जवाब कृष्णा ने न के रूप में दे दिया। बस फिर क्या था। साधना सिंघल ने कृष्णा प्रजापति का हाथ खींचकर कुर्सी से नीचे गिरा दिया, इस पर पालिकाध्यक्ष कपिल देव अग्रवाल एवं मंच का संचालन कर रहे सुनील सिंघल दौड़े हुए आये और मामले को निपटवाया। मंच के सामने पहली पंक्ति में अनुशासनहीनता का यह पहला मामला था। इसके बाद यही अनुशासनहीनता मंच की ओर बढ़ी। जैसे ही राजनाथ सिंह मंच पर पहुंचे, तो उनके साथ फोटो खिंचवाने और स्वागत करने की ऐसी होड़ मची कि किसी भी दृष्टिकोण से लगा ही नहीं कि यह अनुशासन का दंभ भरने वाली भाजपा का मंच है। मंच के सम्मुख बैठी सैंकड़ों की भीड़ को मंच पर मौजूद नेता दिखने बंद हो गये। चारों ओर से मंच को स्वागत करने वाले और वरिष्ठ नेताओं के साथ फोटो खिंचवाने वालों ने बुरी तरह जकड़ लिया। आखिरकर बेहाल हुए मंच संचालक सचिन सिंघल को यह कहना पड़ा कि बहुत हो गया स्वागत, अब तो नीचे उतर जाओ। मंच पर आपाधापी का यह क्रम लगभग पन्द्रह मिनट तक बदस्तूर जारी रहा।

कम भीड़ ने बढ़ाया तनाव, महिलाओं की मौजूदगी ने दी राहत
मुजफ्फरनगर। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जनस्वाभिमान यात्रा के तहत जो सभा टाउन हाल में आहुत की गयी थी, वह भाजपाईयाें को मिले-जुले व कटु अनुभव दे गयी, जहां तक कटु अनुभव का सवाल है, तो भाजपाइयाें के लिये यह खतरे की घंटी है कि राजनाथ सिंह व विनय कटियार जैसे फायर ब्रांड व वरिष्ठ नेताओं की उस जनसभा में जिसके लिये पिछले कई दिनों से भाजपा के वरिष्ठ नेता दिन-रात एक किये हुए थे। उसमें जुटी भीड़ का आंकड़ा 2000 को भी नहीं छू पाया। यह भी तब, जब जनसभा में भारी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी की मौजूदगी थी। राहत की बात यह है कि महिला मोर्चा की मेहनत रंग लायी, जिलाध्यक्ष रेणू गर्ग सहयोगी भाजपा नेत्रियों के साथ पिछले कई दिनों से वार्डों में जा-जाकर महिलाओं से संपर्क साध रही थी। परिणामत: पंडाल में महिलाओं की अच्छी-खासी मौजूदगी देखने को मिली। विधानसभा चुनाव आने में समय कम ही रह गया है। इस जनस्वाभिमान यात्रा के बहाने से पार्टी के जनपदीय पदाधिकारियों को यह अंदाजा अवश्य लग गया होगा कि किस स्तर पर चूक हुई है और उसकी भरपाई विधानसभा चुनाव आने तक वे कैसे कर पायेंगे।


प्रबुध्दनगर बनने का दर्द हुकुम सिंह के चेहरे पर साफ झलका
मुजफ्फरनगर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबू हुकुम सिंह भले ही प्रदेश स्तरीय नेता हों, परन्तु मुजफ्फरनगर की सभा के मंच पर उनके चेहरे पर स्थानीय राजनीति में मुख्यमंत्री मायावती से मिला आघात साफ दिखायी दिया। उन्होने मायावती द्वारा घोषित किये गये नव सृजित जनपद प्रबुध्दनगर को अप्रयोगात्मक करार दिया और खुलकर इस निर्णय का उपहास उडाया।
स्थानीय टाउन हाल के मैदान में आने वाली जनस्वाभिमान यात्रा आयी तो भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर थी, पर बाबू हुकूम सिंह जैसे प्रदेशीय राजनीति के दिग्गज, प्रथम पंक्ति के नेता जब मंच पर बोलने खडे हुए, तो उनके मुंह से भ्रष्टाचार के प्रति कम बल्कि शामली को अलग जनपद बनाने के प्रति आग यादा निकलती दिखायी दी। बाबू हुकूम सिंह ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने आनन-फानन में शामली को प्रबुध्दनगर के रूप में राजनीतिक लाभ उठाने की सोच के साथ जिला तो बना दिया, पर कोई ढांचा नही खडा किया। उन्होने आरोप लगाया कि न तो कार्यालय बने हैं और न ही कचहरी। ऐसे में लोग भटकते फिर रहे हैं। पीडित जब मुजफ्फरनगर आते है, तो उन्हे यहां ये यह कहकर टरका दिया जाता है कि उनका जनपद अब प्रबुध्दनगर है, जबकि पीडितों के लिए वहां अभी कुछ है नहीं। ऐसे में पीडितों को भटकना पड रहा है। उन्होनें मुख्यमंत्री मायावती पर आरोप लगाया कि नये जनपद बनाने के निर्णय बिना सोचे समझे केवल राजनीतिक लाभ लेने के दृष्टिकोण से लिए गये हैं। बताते चलें कि बाबू हुकूम सिंह का निर्वाचन क्षेत्र अधिकांशत: शामली व कैराना रहा है। मौजूदा विधान सभा में भी वे यहीं से ही विधायक हैं और कभी भजपा सरकार के रहते बाबू हुकूम सिंह ने भी यहां की जनता के साथ शामली को जनपद बनाने का वायदा किया था, लेकिन किन्ही कारणों की वजह से वे उसे पूरा नहीं कर पाये थे।

News source:  Staff Reporter, U.P.Samachar Sewa

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