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बरेली,18
अक्टूबर I (उप्रससे)।
Bareilly, Oct
18, 2011. Uttar Pradesh Samachar Sewa
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के
प्रोफेसर यूपी अरोरा ने कहा कि सर सय्यद
अहमद खां ने तालीम का जो चिराग रोशन किया
है, उसका उजाला मुल्क भर में फैलाने की
जरूरत है। इसके लिए सभी जगह एएमयू के
केन्द्र खोले जाने चाहिए। वह सर सय्यद डे
पर ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन की तरफ से रोटरी
भवन में आयोजित सेमीनार को सम्बोधित कर रहे
थे। श्री अरोरा ने कहा कि कुरान में तालीम
को लेकर रब ने जो निर्देश दिए, सरसय्यद
अहमद खां ने उसका दर्शन मुस्लिम कौम को
कराया। आधुनिक तालीम का अलीगढ़ में मजबूत
केन्द्र स्थापित किया। सरसय्यद अहमद खां
कौमी एकता के पक्के सच्चे अलम्बरदार थे।
मलेशिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ताहिर
बेग ने युवाओं का आ ान किया कि खुद में कहीं
न कहीं सय्यद अहमद खां को तलाशें। कौम को
आज फिर उन जैसे मजबूत इरादे और हौसले की
जरूरत महसूस हो रही है। वरिष्ठ अधिवक्ता
आरके सक्सेना ने कहा कि एएमयू की तालीम
दुनियाभर में सबसे अच्छी और सस्ती भी है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष महताब अहमद खां ने कहा
कि इस मुल्क में हिन्दू, मुस्लिम दुल्हन
की दो आंखों की तरह हैं, सभी की जिम्मेदारी
है, मुल्क की बेहतरी के लिए इन आंखों की
हिफाजत करें। इस मौके पर पीके शर्मा, सीपी
शुक्ला, ब्रंास्वरूप सागर, डा. अशोक किरण,
जहीन अहमद खां, आइपी सिंह, प्रोफेसर शमीम
अहमद, डा. हसीन अंसारी, एके सेंगर ने भी
विचार रखे। अध्यक्षता कर्नल योगेन्द्र
सिंह और संचालन वसी अहमद एडवोकेट ने किया।
इससे शहर के तीन स्कूलों में निर्धन बच्चों
को कोर्स की किताबें भी बांटी गईं। उधर,
नवाब खान बहादुर खान सोसायटी की गोष्ठी को
सम्बोधित करते हुए अजहर यार खां सुभाषवादी
ने कहा कि सर सय्यद हिन्दु मुस्लिम एक
जुटता के अलमबरदार थे। वहीं इसे मौके पर
मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के
स्टडी सेंटर पर विचार गोष्ठी हुई। गोष्ठी
में इस्लामियां कॉलेज की प्रधानाचार्या
चमन जहां ने कहा सर सय्यद 17 अक्टूबर 1817
को दुनिया में तशरीफ लाए अपनी जिंदगी में
तालीम के मैदान में जो खिदमात उन्होंने दी
है उसे भुलाया नहीं जा सकता। |