लखनऊ, 28 अक्टूबर। (उप्रससे)।
प्रख्यात साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल का आज
निधन हो गया। वे गत कई माह से बीमार थे।
उनका चिकित्सालय में इलाज चल रहा था।
मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने हिन्दी के
वरिष्ठ साहित्यकार एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार
से सम्मानित श्री श्रीलाल शुक्ल के निधन
पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री
जी ने कहा कि दिवंगत श्री शुक्ल ने हिन्दी
जगत की लम्बे समय तक सेवा की और अपनी
विभिन्न कालजयी रचनाओं के माध्यम से हिन्दी
साहित्य को समृद्ध किया। उनकेे निधन से
हिन्दी साहित्य की अपूरणीय क्षति हुई है।
सुश्री मायावती जी ने उनके परिजनों के
प्रति अपनी गहरी सहानुभूति व संवेदना
व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की
कामना की है।
उन्हें देश पद्मभूषण के अलावा देश के
शीर्ष साहित्य पुरकार ज्ञानपीठ एवं
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया
जा चुका है। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले
के अतरौली में वर्ष 1925 में जन्मे
श्रीलाल शुक्ल को हिन्दी साहित्य में कथा,
व्यंग्य लेखन के लिए जाना जाता है। उन्हें
उनके प्रसिद्ध उपन्यास रागदरबारी के लिए
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया
गया था। इस पुस्तक का विभिन्न भाषाओं में
अनुवाद हुआ है।
लंबे समय से बीमार चल रहे शुक्ल को
18 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल
बी. एल. जोशी ने अस्पताल में ही ज्ञानपीठ
पुरस्कार से सम्मानित किया था। वर्ष 2008
में शुक्ल को पद्मभूषण पुरस्कार नवाजा गया
था। उनके निधन पर लखनऊ के साहित्य जगत में
शोक की लहर दौड़ गई है। साहित्कारों ने उनके
निधन को हिंदी साहित्य के लिए अपूर्णीय
क्षति बताया है। |