|
वाराणसी। कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम वाराणसी के लिए
लगा था, लेकिन वे नहीं आ सके थे। इससे
वाराणसी के लोगों को काफी तकलीफ हुई थी।
किंतु अब वाराणसीवासी एक बार खुश हैं।
प्रधानमंत्री के आने की सूचना मिलने के
बाद ही चैबारे पर मोदी के कार्यक्रम की
चर्चा हो रही है। पीएम कार्यालय से एडीएम
प्रोटोकाल भी सूचना आ गई है। पीएम यहां एक
गांव को गोद लेंगे और उसके विकास को गति
देंगे।
एडीएम प्रोटोकाल वाराणसी ओम प्रकाश चैबे
के मुताबिक प्रधानमंत्री का वाराणसी दौरा
7 व 8 नवम्बर को होगा। इसके लिए सभी अभी
से पूरी की जा रहीं हैं। जिला प्रशासन
सतर्क है और हर सुविधा का खयाल रखने की
तैयारी में जुटा है। प्रशासनिक हरकत देख
वाराणसी शहर की जनता में भी खुशी की लहर
दौड़ रही है।
वाराणसी शहर की जनता के लिए गुरूवार की
सुबह खुशियों से भरपूर रहा और जिसका कारण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी
आगमन की जिला प्रशासन को मिली जानकारी रही।
जिला प्रशासन को बीते रात्रि प्रधानमंत्री
कार्यालय से एक पत्र मिला, जिससे प्रशासन
को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की
तैयारियों के लिए कहा गया। इसके बाद यह
जानकारी धीरे धीरे शहर में फैल गयी और
वाराणसी का हर वर्ग अपने प्रधानमंत्री को
देखने के लिए लालायित है।
वाराणसी एडीएम प्रोटोकाल ओपी चैबे ने बताया
कि पिछले बार की भांति इस बार भी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन की
जानकारी आयी है। जिसकी सूचना जिला प्रशासन
से संबंधित अधिकारियों को दे दी गयी।
उन्होंने बताया कि पिछले बार 12 अक्टूबर
को ट्रामा सेंटर के उद्घाटन के लिए माननीय
प्रधानमंत्री को आना था। जब एक पत्र के
माध्यम से उनका आना भविष्य के लिए
सुनिश्चित बताया गया था।
सेवापुरी विधानसभा में जयापुर गांव
लेंगे गोद
वाराणसी में 7 अक्टूबर को देश के
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आ रहे है तो
भाजपा की सांसे भी अटकने लगी हंै। उनके तय
कार्यक्रमों में एक कार्यक्रम एक गांव को
गोद लेने का है। जिसमें जयापुर गांव को
भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने तय किया
है। सेवापुरी विधानसभा के जयापुर गांव का
नाम तय होने के बाद से वहां प्रशासनिक
अधिकारियों व भाजपा नेताओं का आवागमन तेज
हो गया है।
उदयीमान सूर्य को अध्र्य देकर व्रती
महिलाआंे ने की मंगलकामना
वाराणसी। भगवान भाष्कर के आराधना एवं लोक
आस्था से जुड़े चार दिवसीय डाला छठ व्रत
का समापन गुरूवार को हुआ। इस दौरान 36 घंटे
तक निराजल व्रत रहने वाली श्रद्धालु
महिलाओं ने उदयीमान सूर्य को अध्र्य दिया
और सभी के लिए मंगल कामना की।
वरूणा तट नदी सरोवरों पर परिजनों ने सहयोग
कर जमकर आतिशबाजी भी की। बुधवार की शाम
व्रती महिलाओ ने अस्ताचलगामी सूर्य को
अध्र्य देने के बाद पुरी रात रतजगा कर छठ
मइया की आराधना और भावपूर्ण गीत गाया। वही
हजारों व्रती महिलाओं और उनके परिजनों ने
पूरी रात खुले आसमान के नीचे छठ और गंगा
मइया की आराधना करते गुजारी।
भोर में क्षितिज पर भगवान सूर्य की किरणों
को निकलते देख व्रती महिलाओं के साथ आये
बच्चों और युवाओं ने पटाखा छोड़ कर भगवान
सूर्य का आभार जताया। परिवार की व्रती
महिलाओं के साथ गंगा स्नान कर उदयीमान
सूर्य को अध्र्य देकर मन्नतें मांगी।
बाबा विश्वनाथ की नगरी चार दिन तक छठ पूजा
में लीन रही, पॉच ईख के मंडप नुमा छाया तले
सूप में सजी पूजन सामग्री संग नये वस्त्र
और साडियो में छठ मइया के प्रति व्रती
महिलाओं में आस्था का ज्वार अरघ देने के
दौरान उनके मांग और नाक के बीच बहता
सिंदुर और तेज गंगातट पर मौजूद सुबहें
बनारस का छटां देखने आये देशी विदेशी
पर्यटकों को जहा अभिभूत करती रही वही,
भारतीय संस्कृति और पर्वो के बारे में जान
सनातन धर्म के प्रति उत्कंठा देखते बन रही
थी।
विदेशी महिला पर्यटक भी व्रति महिलाओं के
साथ सिन्दूर लगा भगवान सूर्य को अध्र्य
दिया और भारतीय वेश में महिलाओं के साथ
फोटे खिंचवाए। इस दौरान घाटों पर छठ के
पारम्परिक गीत सुन ला अरजिया हमार हे छठी
मइया, कांची बांस क बहंगिया, बहंगी लचकत
जाये. उगा हो सुरूज देव गुंजते रहे। इसके
पूर्व भोर में ब्रती महिलाएं और उनके
परिजन गंगा और वरूणा तट सरोवर कुण्ड के
लिए घर से निकले, बांस की टोकरी और दउरा
ईख और अन्य पूजन सामग्री लेकर पुरूष सदस्य
चल रहे थे। जिनकी मन्नत पूरी हो चुकी थी
वह बैंड बाजा शहनाई वादन के बीच घाटों पर
पहुचें। राजेन्द्र प्रसाद घाट दशाश्वमेध
घाट, शीतला घाट, सामने घाट और अहिल्याबाई
घाट वरुणापुल स्थित शास्त्री घाट पर भारी
भीड़ रही।
घाट की सीढियों पर भी लोगों का हुजुम जुटा
रहा, चंहुओर छठ मइया के प्रति भक्ति का यह
उल्लास देखते ही बन रहा था। पूजा की वेदी
पर गन्ने का छत्र बनाया गया, जो जल्दी
पहुंचा उसने जल में और जो देर से पहुंचा
उसने सीढि़यों पर गन्ने का छत्र बनाया।
छत्र को नये वस्त्र से ढ़ककर इसके पश्चात
सिन्दूर से रंगे सूप में केला, सेब, संतरा,
अमरूद, खीरा, नारियल, मूली, सिंघाड़ा,
चना-मटर, माला-फूल और ठेकुआ आदि सजाया।
साथ ही जल पूरित कलश पर नारियल रख उसे
छत्र के नीचे रखा। घी और तेल से
मंगलकामनाओं की बाती जलती रही और नाक से
लेकर मांग तक भर माथा सिन्दूर एक-दूसरे को
लगाने का क्रम चलता रहा।
स्वच्छता अभियान में जुड़े स्कूली बच्चे,
दशाश्वमेध घाट की हुई सफाई
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के
संसदीय क्षेत्र काशी में उनके चलाये जा रहे
राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन में स्कूली बच्चे
और उनके शिक्षक भी पूरे जोश्-खरोश से जुड़
रहें है। गुरूवार को लोक आस्था के पर्व
डाला छठ के समापन पर गंगा तट पर गन्दगी की
जानकारी मिलते ही जिला मुख्यालय से लगभग
16 किमी दूर बाबतपुर स्थित एसएस पब्लिक
स्कूल के 65 छात्र-छात्राएं स्कूली बस से
बेनिया बाग पहुंचे।
शिक्षिका स्नेहलता पाण्डेय के अगुवाई में
सभी छात्र दशाश्वमेघ घाट पर पहुचें, और
झाड़ू लेकर घाट पर मौजूद निष्प्रयोज्य माला
फूल पूजा की बेदी पटाखों के अधजले टुकड़ों
को हटाया। लगभग ढाई घंटे तक चले श्रमदान
अभियान में जुटे बच्चो को देख वहॉ मौजूद
युवकों और नेमी गंगा नहाने वाले श्रमदान
करने वालो ने भी उनका सहयोग किया।
श्रमदान के दौरान कक्षा 6 ए के छात्र
संदीप अंकित नेहा कक्षा 9 की प्रज्ञा
श्रेया ने कहा कि गंगा के किनारे लोगों को
गंदगी नहीं करनी चाहिए, गंगा हमारे देश की
जीवनधारा है। प्रधानमंत्री के अभियान में
शामिल होकर छात्रों में गजब का उत्साह दिखा।
|