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  मुरादाबाद के डा.एके रस्तोगी और डा.दानवीर यादव रूटा से निष्कासित
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Publised on : 2011:09:01       Time 23:26                                    Update on  : 2011:09:01       Time 23:26
बरेली: अलग शिक्षक संघ बनाने वाले दो शिक्षकों को रूटा से निष्कासित कर दिया गया। रूटा की हुई मीटिंग में कई निर्णय लिए गए। रूटा पदाधिकारियों ने कहा कि डा.रस्तोगी के संघ को फुफक्टा और शासन द्वारा नकारा जा चुका है। संघ दस साल तक रुटा से निकाले जाने के पक्ष में थे। बरेली कालेज सभागार में हुई रूटा की मीटिंग में फुफक्टा चुनाव को लेकर बातचीत हुई। शिक्षक नेताओं ने कहा कि पहला मौका होगा जब प्रदेश स्तर का चुनाव बरेली कालेज में कराया जा रहा है। कुछ शिक्षकों ने कहा कि पहले हामी भरने के बाद अब कालेज चुनाव कराने से इंकार कर रहा है। इस बाबत प्राचार्य से बात की तो उन्होंने कहा कि सचिव से बातचीत करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। अलग शिक्षक संघ बनाने वाले मुरादाबाद के डा.एके रस्तोगी और डा.दानवीर यादव के रवैये को गंभीरता से लिया गया। रूटा पदाधिकारियों ने कहा कि डा.रस्तोगी के संघ को फुफक्टा और शासन द्वारा नकारा जा चुका है। इसके बावजूद अलग संघ खत्म नहीं किया गया। निर्णय हुआ कि डा.एके रस्तोगी और डा.दानवीर यादव को दस साल के लिए रूटा से निष्कासित कर दिया जाये। शिक्षक नेताओं ने कहा कि बीस प्रतिशत सीटें बढ़ाने के लिए कुलपति और शासन से बात की जाएगी। ताकि प्रवेश में छात्रों को दिक्कतें नहीं हो सकें। इस दौरान डा.पीके सिंह, डा.पीके शुक्ला, डा.सोमेश यादव, डा.एके अग्रवाल, डा.राजन शर्मा, डा.पूर्णिमा अनिल, डा.वीपी सिंह, डा.वंदना शर्मा, नीरज राठौर, बीनम सक्सेना आदि मौजूद रहे।

सात सितम्बर से शुरू होंगी बीएड परीक्षाएं

सिर्फ एडेड कालेजों को ही बनाया गया परीक्षा केंद्र

बरेली: सात सितम्बर से शुरू होने वाली बीएड परीक्षाएं निजी कालेजों में नहीं होंगी। यूनिवर्सिटी ने सिर्फ एडेड कालेजों को ही परीक्षा केंद्र बनाया है। रुहेलखंड परिक्षेत्र के 49 कालेजों के करीब पांच हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। बीएड परीक्षाओं के दौरान निजी कालेजों पर खास निगाह रहती है। परीक्षार्थियों की संख्या को देखते हुए यूनिवर्सिटी इससे पहले निजी कालेजों को सेंटर बनाने का प्रारूप तैयार किया। इसमें जरूरी था कि प्रत्येक सेंटर पर यूनिवर्सिटी का एक आब्जर्वर होना जरूरी है। परीक्षा के दिनों में 49 आब्जर्वरों की तैनाती करने में तमाम दिक्कतें महसूस की गई। साथ ही कालेजों में शिकायतों को भी ध्यान में रखा गया। इस बार तय हुआ कि किसी भी निजी बीएड कालेज को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। परिक्षेत्र के एडेड कालेजों में ही सेंटर बनेंगे। यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने सेंटरों की सूची तैयार कर ली। एडेड कालेजों को भी इस बाबत सूचना दे दी गई है। परीक्षा विभाग के एके मित्तल ने बताया कि निजी कालेज के छात्रों को परीक्षा देने के लिए निर्धारित एडेड कालेज में सेंटर पर ही जाना होगा। शहर में बरेली कालेज को सबसे बड़ा केंद्र बनाया जा रहा है। अब बनेंगे प्रवेश पत्र सेंटरों की सूची फाइनल नहीं होने के कारण कालेजों को प्रवेश पत्र भेजने का काम भी अटका हुआ था। क्योंकि प्रत्येक प्रवेश पत्र पर परीक्षा केंद्र का नाम भी अंकित किया जाता है। अब सेंटरों की सूची फाइनल होने के बाद प्रवेश पत्र तैयार करने का काम भी तेज कर दिया गया। माना जा रहा है कि तीन सितम्बर तक सभी कालेजों में प्रवेश पत्र भेज दिये जाएंगे।

सेंट्रल जेल का मुख्य बंदी रक्षक बर्खास्त

बरेली : उम्र कैदी रईस के फरार होने के मामले में मुख्य बंदी रक्षक व दो बंदी रक्षकों पर बड़ी कार्रवाई हो गई। मुख्य बंदी रक्षक को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि दो बंदी रक्षकों इंक्रीमेंट रोकने की कार्रवाई की गई है। इस मामले में जेल प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए कई अन्य बंदी रक्षकों को भी चिन्हित किया है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। बीती 14 जनवरी की रात उम्र कैदी रईस अहमद सेंट्रल जेल के सर्किल दो की बैरक पांच में सुरंग लगाने के बाद दीवार कूदकर फरार हो गया था। लापरवाही में दो डिप्टी जेलर, छह बंदी रक्षक सस्पेंड हुए थे। उनके खिलाफ इज्जतनगर थाने में मुकदमा कायम कराया गया था। पिछले दिनों सभी को बहाल कर दिया था। इसकी विभागीय जांच जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक पीएन पांडेय को दी गई थी। जांच रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य बंदी रक्षक शकील अख्तर को घटना की जानकारी रात में साढ़े तीन बजे के करीब हो गई थी। उसने न तो अलार्म बजाया, न उच्च अधिकारियों को सूचना दी। इससे घेराबंदी नहीं हो सकी और कैदी रईस भागने में सफल हो गया। बैरक प्रभारी रहे बंदी रक्षक सोहन दास गुप्ता ने हर आधा घंटे बाद होने वाली कैदियों की गिनती फर्जी दर्ज की। जिससे घटना का सही समय पर पता नहीं चल सका। पहले पर तैनात रहा बंदी रक्षक चंदन सिंह ने कैदियों की गिनती न कराकर फर्जी तरीके से हस्ताक्षर करता रहा। सेन्ट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक एके राय ने मुख्य बंदी रक्षक शकील अख्तर को बर्खास्त कर दिया। बंदी रक्षक सोहन दास गुप्ता व चंदन सिंह का वेतन घटाकर सबसे निम्न स्तर का कर दिया गया है। अधीक्षक श्री राय ने बताया कि बाकी बंदी रक्षकों का दोष रहा। उनके खिलाफ भी शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
समाचार स्रोतः
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