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शाहजहांपुर,
11 सितम्बर। (उप्रससे)। U.P.Samachar Sewa
मुमुक्ष आश्रम में अनेक शिक्षण
संस्थाओं और आश्रम की गतिविधियों से जुड़ी
साध्वी चिदर्पिता आश्रम छोड़ कर चली गई
हैं।पूर्व केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री और
मुमुश्र आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी
चिन्मयानन्द की शिष्या चिदर्पिता दस दिन
पहले आश्रम से चली गईं। उनके आश्रम से जाने
को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं।
क्षेत्र मे चर्चा है
कि साध्वी बदायुं जनपद की बिल्सी विधान सभा
सीट से चुनाव लड़ने का मन बना चुकी हैं।किन्तु
उनके गुरु स्वामी चिन्मयानन्द उनकी इस
योजना का विरोध कर रहे थे। किन्तु अपनी
योजना को मूर्त रूप देने के लिए साध्वी
चिदर्पिता ने जन्माष्टमी के अवसर पर बिल्सी
विधान सभा क्षेत्र में शुभकामनाओं के
पोस्टर छपवा कर लगवाये थे। इतना ही नहीं
उन्होंने वहां होर्डिंग्स भी लगवा दिये
हैं। राजनीतिक सफलता को दृष्टिगत रखते हुए
उन्होंने कुछ होर्डिंग्स अपने पूर्व नाम
कोमल गुप्ता तथा कुछ साध्वी चिदर्पिता के
नाम से लगवाये हैं।इन पोस्टरों और
होर्डिंग्स में उन्होंने अपना सम्पर्क
सूत्र मुमुश्र आश्रम शाहजहांपुर छपवा दिया
था। इसी से स्वामी चिन्मयानन्द कुपित हो
गए थे।इसी को लेकर गुरु-शिष्या के बीच कई
दिनों तक तकरार होती रही। यह मामला इतना
तूल पकड़ा कि वह अपना सामान लेकर आश्रम से
चली गईं।
साध्वी कहां गई और कैसे गई यह किसी को नहीं
मालूम। लॉ कालेज व शंकर मुमुक्षु
विद्यापीठ की प्रधानाचार्या होने के नाते
उनके पास काफी नकद पैसा रहता था वह लॉ
कालेज की पदाधिकारी भी थीं। बताया जाता है
कि उन्हें कुछ भाजपा व संघ के नेताओ ने
आश्वस्त किया हुआ है कि वह उन्हें बिल्सी
से भाजपा का पार्टी टिकट दिला देंगे, इधर
साध्वी ने गुपचुप बिल्सी विधानसभा क्षेत्र
का कईबार दौरा भी किया था। यह भी सुना जा
रहा है कि साध्वी बरेली व बिल्सी के साथ -
साथ दिल्ली क्षेत्र में आजकल प्रवास कर रही
हैं। उन्हें यह भय है कि स्वामी
चिन्म्यानंद जैसा व्यक्तित्व भाजपा टिकट
मिलने में बाधा उत्पन्न कर सकता है। बताया
जाता है कि साध्वी ने जिस प्रेस वाले से
अपने पोस्टर व होर्डिग्स छपवाये थे, उसका
पेमेन्ट न होने से वह भी काफी परेशान है
यह प्रेस वाला आश्रम की छपाई का काम करता
है जिसे साध्वी अपने देखरेख में करवाती
थीं।
साध्वी के फरार हो जाने के बाद जब इस
सम्बन्ध में पूर्व केन्द्रीय गृहरायमंत्री
स्वामी चिन्म्यानंद से सम्पर्क करने का
प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल निरंतर
स्विच आफ चल रहा है। साध्वी के गायब होने
की चर्चा पूरे जनपद में है लोग तरह - तरह
के कयास लगा रहे है। साध्वी के इस तरह से
गायब होने से आश्रम के मुख्य अधिष्ठाता
स्वामी चिन्म्यानंद सरस्वती काफी सदमें
हैं और उन्होंने अपना मोबाइल भी बंद कर रखा
है।
उल्लेंखनीय है, कि साध्वी आश्रम द्वारा
संचालित शैक्षणिक संस्थाओं में पदाधिकारी
होने के साथ - साथ अनेक सामाजिक,
सांस्कृतिक व साहित्यक संस्थाओं से जुड़ी
थीं तथा नगर में अनेक आयोजनों में मुख्य
अतिथि के रूप में भी भाग लेती थीं। इससे
एक ओर जहां आश्रम की शान बढ़ी हुई थी वहीं
साध्वी का नाम भी दिनों दिन चमक रहा था,
लेकिन उनके इस कृत्य से आश्रम की छवि तो
धूमिल हुई ही है साथ में पूर्व केन्द्रीय
गृहराय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की साख
पर भी बट्टा लग गया है। देखना यह है कि
साध्वी अपने लिये बिल्सी सीट से टिकट ले
पाती है या नहीं या फिर स्वामी
चिन्म्यानंद उनकी राह में कोई रोड़ा अटका
सकते हैं।
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